सीआईएमबीएस के सलाहकार मनोचिकित्सक डा. समीर कालानी के अनुसार 'वर्तमान समय में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति बिगड़ी है। ऐसे में सिर्फ मानसिक बीमार के सही इलाज की जरूरत नहीं है, बल्कि सही समय पर इसे पहचानना और उसका उचित इलाज शुरू करने की जरूरत है। इसके साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है।
इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यही था कि लोग खुद अपनी मानसिक स्थिति का आंकलन कर सकें और यदि किसी बीमारी के लक्षण हैं तो उसका इलाज शुरू कर सकें।'
केवल 8 फीसदी ही निकले निकले
इस सर्वे में 50 हजार लोगों ने भाग लिया लेकिन इसमें से केवल 8 फीसदी ही पूरी तरह से मानसिक रूप से फिट निकलें। इन 8 फीसदी लोगों में मानसिक हेल्थ से संबंधित कोई ऐसे लक्षण नहीं मिलें जो बताते हो कि उनको कोई समस्या है।
52 फीसदी लोग शुरूआती मानसिक हेल्थ के मामलें में अलर्ट पर
इसके साथ ही 52 प्रतिशत लोग ऐसे पाए गए जिनमें मानसिक अस्वस्थ्य होने की लक्षण हैं, जो कि अलार्मिंग है। हालांकि, अपने दैनिक जीवन और स्वास्थ्य संबंधित क्रियाओं में थोड़े बदलाव के बाद इसे दुरुस्त किया जा सकता है। लेकिन, यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं तो मनोचिकित्सक से मिलने की जरूरत पड़ सकती है।
लाइव हिंदुस्तान के बिजनेस हेड आरएस शर्मा ने कहा कि "यूसी ब्राउजर के साथ इस तरह के सर्वे में हिस्सा लेकर उन्हें खुशी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के यूसर से जुड़े अभियानों में वे हिस्सा लेने की इच्छा रखते हैं।"