Wednesday, May 01, 2024
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नवरात्र का पांचवा दिन: संतान प्राप्ति के लिए ऐसे करें स्कंदमाता की पूजा

स्कंद माता का चार भुजाएं है, ये दाहिनी ऊपरी भुजा में भगवान स्कंद को गोद में पकड़े है और दाहिनी निचली भुजा में जो ऊपर की ओर उठा है उसमें कमल लिए हुए है। इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। जानिए पूजा विधि के बारें में...

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: September 25, 2017 11:41 IST

sakndmata

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मां देती है संतान
शास्त्रों में माना गया है कि जो व्यक्ति इस अद्भुत रहस्य को समझकर मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना करता है मां उसकी गोद हमेशा भरी रखती हैं। संतान सुख की इच्छा से जो व्यक्ति मां स्कंदमाता की आराधना करना चाहते हैं उन्हें नवरात्र की पांचवे दिन को लाल वस्त्र में सुहाग चिन्ह् सिंदूर, लाल चूड़ी, महावर, नेल पेंट, लाल बिंदी तथा सेब और लाल फूल एवं चावल बांधकर मां की गोद भरनी चाहिए।

माना जाता है कि  गला एवं स्वर क्षेत्र पर स्कंदमाता का प्रभाव होता है। इसलिए जिन्हें गले में किसी प्रकार की तकलीफ या फिर वाणी दोष हैं उन्हें गंगाजल में पांच लौंग मिलाकर स्कंदमाता का आचमन कराना चाहिए और इसे प्रसाद स्वरूप पीना चाहिए। इससे आपको फायदा हो सकता है।

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