Monday, April 29, 2024
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एमपी: सड़क चलते पति ने पत्नी को दिया तीन तलाक, कहा- 'बेटे को भी ले जाऊंगा'

महिला ने आरोप लगाया कि दहेज में मोटर साइकिल, कलर टीवी वाशिंग मशीन, सोने की चैन नहीं दिए जाने को लेकर प्रताडि़त करने लगे। उसके लिए नगद एक लाख रुपए मायके से लाने की मांग करते थे।

Sudhanshu Gaur Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: September 24, 2023 22:01 IST
Madhya Pradesh - India TV Hindi
Image Source : सांकेतिक तस्वीर एमपी: सड़क चलते पति ने पत्नी को दिया तीन तलाक

बैतूल: मध्य प्रदेश के बैतूल में तीन तलाक का पहला मामला सामने आया है। यहां एक पति ने अपनी पत्नी को राह चलते-चलते तीन तलाक दे दिया। दोनों की शादी को नौ साल हो चुके हैं और उनका एक बेटा भी है। अब पत्नी ने इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराइ है। महिला ने शिकायत में बताया कि वह ससुराल से निकाल दिए जाने के बाद अपने सात साल के बेटे के साथ मायके में रह रही है। उसे उसके पति ने पिछले 28 अगस्त को बैतूल कोर्ट के पास रास्ते में तीन तलाक कहकर तलाक दे दिया।

महिला की शिकायत पर पुलिस ने पति अनीस अली और मौसी सास जमीला के खिलाफ आईपीसी, दहेज प्रतिशेष अधिनियम एवं मुस्लिम महिला विवाह अधिकार सरंक्षण अधिनियम 2019 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले को लार महिला थाना प्रभारी बैतूल इंस्पेक्टर संध्यारानी सक्सेना ने बताया कि पीडि़ता द्वारा की गई शिकायत की जांच के बाद 24 सितंबर को महिला थाने में मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकार का संरक्षण) अधिनियम 2019 की धारा 3 और 4 सहित आईपीसी की धारा 498, 506, 34, दहेज प्रतिषेध अधिनयम 1961 की धारा 3, 4 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में महिला के पति अनीस अली और उसकी मौसी जमीला को आरोपी बनाया है।

बेटे को उठाकर ले जाने की दी धमकी

आरोप है कि महिला के पति ने बैतूल कोर्ट के पास मौखिक रूप से तीन तलाक देकर बेटे को उठाकर ले जाने की धमकी दी थी। महिला का निकाह मुस्लिम रीति-रिवाज से 26 फरवरी 2014 को आजाद वार्ड बैतूल में अनीस अली के साथ सम्पन्न हुआ था। महिला ने पुलिस को बताया कि निकाह के बाद उसका पति और उसके परिवार वालों ने कुछ समय तक तो अच्छे से रखा, लेकिन उसके बाद छोटी-छोटी बातों को लेकर उसको ताने देते थे। 

पति और उसकी मौसी दहेज की मांग पूरी करने के लिये महिला के साथ मारपीट करते थे। वह उसके परिवार के लोगों की प्रताडऩा लगभग डेढ़ वर्ष तक सहती रही। डेढ़ साल बाद उसे एक पुत्र का जन्म हुआ जिसकी डिलवरी का पूरा खर्च मायके वालों ने उठाया था। जिसके सवा महीने में पति तथा उसके परिवार वालों को बुलाया। उन्होंने आकर लडाई झगड़ा किया। किसी तरह समझाया गया। तब पति उसे अपने घर ले गया। बेटे के जन्म के बावजूद पति के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया। वह उससे बात नहीं करता था।

मांग पूरी ना करने पर की मारपीट 

महिला के मुताबिक पुत्र के जन्म के बाद भी पति एवं उसके परिवार के सदस्यों के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं हुआ। 4-5 माह पश्चात ही मेरे से मारपीट की। जिसकी शिकायत डायल 100 पर की तो पुलिस आई और उन्हें समझकर चली गई। उसके दो-चार दिन बाद माह जून 2020 में पति एवं उसकी मौसी जमीला ने झूठे आरोप लगाकर मुझे और मेरे बेटे को घर से निकाल दिया। मैं मायके पहुंची तब से लगभग दो वर्ष से वह अपने मायके में रह रही हूं।

कुटुम्ब न्यायालय में चल रहा केस

महिला ने बताया कि दहेज की मांग पूरी नहीं करने पर पति ने मुझे साथ रखने से इंकार कर दिया। इसके बाद भरण पोषण के लिए कुटुम्ब न्यायालय बैतूल में आवेदन दिया था, जो न्यायालय में लम्बित है। इसी की 28 अगस्त 2023 को पेशी थी। इसी दौरान कोर्ट के बाहर आकर मेरी मां एवं भाई के सामने पति ने मुझसे कहा कि मैं तलाक देता हूं। मैं तलाक देता हूं। तीन बार तलाक तलाक तलाक कहा और कहने लगा कि अब मेरा तुमसे से तलाक हो गया है। तुम मेरी पत्नी नहीं रही है। मेरे बेटे को तुम्हारे घर से उठा कर ले जाऊंगा। जो बनता है कर लेना।

रिपोर्ट - मयंक भार्गव 

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