Monday, April 29, 2024
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"हमारी इच्छा है कि कब्र को भी हटा देना चाहिए", अफजल खान की कब्र पर हो रहे विवादों के बीच बोले भाजपा नेता नितेश राणे

अफजल खान के कब्र के पास बने हुए अवैध ढांचे के गिरने के बाद भाजपा नेता नितेश राणे ने कहा कि हमारी इच्छा है की कब्र ही हटा दिया जाना चाहिए।

Reported By : Namrata Dubey Edited By : Pankaj Yadav Published on: November 11, 2022 14:40 IST
नितेश राणे- India TV Hindi
नितेश राणे

महाराष्ट्र के सतारा ज़िले में प्रतापगढ़ किले के पास अफजल खान के कब्र के इर्द गिर्द अवैध निर्माण को एकनाथ शिंदे सरकार ने धाराशायी करने का आदेश दिया था जिसके बाद अब महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। कल यानी 10 नवंबर को किले के परिसर में मौजूद अफजल खान की कब्र के आसपास बने अवैध ढांचे को जिला प्रशाशन की टीम ने बुलडोजर से गिरा दिया था। ये विवाद लगभग दो दशकों से चला आ रहा था लेकिन अवैध निर्माण तोड़ने के बाद भी विवाद थमता नजर नही आ रहा है। भाजपा ने ढोल-ताशे के बीच जश्न मनाया। 

हमारी इच्छा है कि कब्र को ही हटा दिया जाए

अफजल खान के कब्र के पास बने हुए अवैध ढांचे के गिरने के बाद भाजपा नेता नितेश राणे ने कहा कि जो काम किसी से नहीं हुआ। वह हमारे उप मुख्यमंत्री ने करके दिखाया है। साल 2017 से यह मांग हो रही थी लेकिन अवैध निर्माण को तोड़ने की किसी में हिम्मत नहीं थी। कल दिन शुरू होने से पहले देवेंद्र जी ने यह काम करके दिखाया है। ठाकरे से तो यह जवाब नहीं आएगा वो तो सब पूछकर करते हैं। अफजल खान का महिमामंडन हो रहा था। ऐसा नहीं है की कोई देखने और बोलने वाला नहीं था, सभी लोग थे लेकिन सही लोग सुनने वाले नहीं थे। हमारी इच्छा है की कब्र ही हटा दिया जाना चाहिए।

कल कब्र के पास बने अवैध ढ़ाचे को गिराया गया

किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो, इसलिए क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है। चार जिलों के 1500 से अधिक पुलिसकर्मी प्रतापगढ़ में तैनात किए गए हैं। सुबह 6 बजे ही दल बल के साथ प्रशाशन की टीम पहुच गई थी। सुबह ही धारा 144 लागू करने के साथ सतारा जिला प्रशाशन और जिले के SP कलेक्टर की तहसीलदार की अगुवाई में डेमोलिशन शुरू किया गया और देर रात तक चला। 

मामले को सुप्रीम कोर्ट में दी गई थी चुनौती

बॉम्‍बे हाइकोर्ट ने साल 2017 में महाराष्ट्र सरकार को अवैध ढांचे को गिराने का अल्‍टीमेटम दिया था। अनाधिकृत ढांचा 15 से 20 गुंठा भूमि (एक गुंठा 1,089 वर्ग फुट के बराबर) पर फैला हुआ था, जमीन का कुछ भाग फॉरेस्ट डिपार्टमेंट का है, जबकि कुछ हिस्सा राजस्व विभाग का है। दरअसल साल 2006 में स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत संबंधित विभाग से की थी। जब विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की गई तो यह मामला कोर्ट में चला गया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर की गई याचिका पर फैसला सुनाते हुए 15 अक्टूबर 2008 और 11 नवंबर 2009 को निर्माण को गिराने का आदेश दिया था। लेकिन इस आदेश को आगे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और 2017 में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी लेकिन कल 10 नंवबर को जाकर यह कार्रवाई की गई। 

ये है विवाद का कारण

साल 2000 में कुछ मुस्लिमों ने इस कब्र पर दावा करते हुए वहां एक शेल्टर बनाने का फैसला किया। बीते 20 से 22 सालों में धीरे-धीरे कब्र पर चारों तरफ से एक आर्केड के साथ एक स्थायी संरचना खड़ी कर दी गई। माना जाता है कि अफजल खान की कब्र पर एसबेस्टस की पतली शीट की छत बनाई गई है इसके अंदर मौलानाओं के लिए स्पेशल कमरे बनाए गए हैं। बीजापुर के अत्याचारी शासक और शिवाजी के कट्टर दुश्मन रहे अफजल खान का किले में महिमानंडन शुरू कर दिया गया। दो दशक पहले तक आक्रान्ता अफजल खान की कब्र जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थी, इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं था। प्रतापगढ़ किले के प्रवेश द्वार से अंदर जाते ही कुछ सीढ़ियाँ चढ़ने पर दाहिनी तरफ इसकी कब्र को देखा जा सकता था। यहां पर ‘हजरत मोहम्मद अफजल खान मेमोरियल ट्रस्ट’ के नाम से अवैध तरीके से निर्माण कर किले की लगभग 5,500 वर्ग फुट की जमीनों पर कब्जा कर लिया गया है साथ ही ये कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसा आरोप लगता आ रहा है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतापगढ़ किले में अब मुस्लिम मौलवी अफजल खान का गुणगान करते हैं और यहां आने वाले लोगों से भी मुगल आक्रान्ता का गुणगान करने को कहा जाता है । यहां अंधविश्वास ये फैलाया गया है कि अफजल खान की कब्र के सामने प्रार्थना करने से मानसिक बीमारियाँ ठीक हो सकती हैं। इस अंधविश्वास को मानते हुए आस-पास के ग्रामीण मौलवियों की बातें मानने लगे हैं। 

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