गुप्ता ने कहा कि स्टार्टअप फर्मों को फूड डिलीवरी और ऑनलाइन गेमिंग जैसे उपभोक्ता-केंद्रित मॉडल से आगे बढ़ना चाहिए और एआई, रोबोटिक्स और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता देनी चाहिए।
पीयूष गोयल ने कहा कि इंस्टेंट ग्रॉसरी डिलीवरी, बेटिंग और फैंटेसी स्पोर्ट ऐप्स जैसे कई बिजनेस दिख रहे हैं। ये अपने आप को स्टार्टअप्स बोलते हैं। लेकिन ये स्टार्टअप नहीं हैं। ये बिजनेस हैं, एंटरप्रेन्योरशिप हैं, पैसा कमाने का बस एक तरीका है।
अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिनके साथ भारत का व्यापार सरप्लस है। 2023-24 में, अमेरिका 119. 71 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहेगा।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ईएफटीए ब्लॉक सहित विकसित देशों के साथ नए व्यापार समझौतों के माध्यम से दुनियाभर में नई साझेदारियों का विस्तार और निर्माण कर रहा है।
World's third largest economy : उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा।
गोयल ने कहा कि शुरू में उद्योग की ओर से काफी प्रतिरोध किया गया था। हमने उनके साथ कई बैठकें कीं और अब अंतत: उद्योग को स्वयं ही उच्च गुणवत्ता मानकों पर ध्यान देने की महत्ता का एहसास हो गया है, खासकर तब जब वे उस गुणवत्ता का उत्पादन कर रहे हों।
अप्रैल में मस्क ने भारत की अपनी बहुचर्चित यात्रा से अंतिम समय में हाथ पीछे खींच लिए थे। उस समय अनुमान लगाया जा रहा था कि मस्क भारत में टेस्ला की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने और अरबों डॉलर के निवेश की घोषणा करेंगे।
भारतीय कंपनियों के विमानों के ऑर्डर का एक बड़ा हिस्सा फ्रांसीसी कंपनी एयरबस को गया है। भारत में 2014 में हवाई अड्डों की संख्या 75 थी जो अब बढ़कर 125 हो गयी है और 2029 तक 75 और हवाई अड्डे चालू हो जायेंगे।
इसके अलावा, वह भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद के अंतर्गत अर्थव्यवस्था तथा निवेश समिति की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे, जिसमें कृषि, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सेवा, कंप्यूटर, दूरसंचार और औषधि क्षेत्रों में अच्छे निवेश के कारण चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 47.8 प्रतिशत बढ़कर 16.17 अरब डॉलर हो गया।
भारत उद्यमियों, इनोवेटर्स और निवेशकों को एक साथ लाने के लिए 500 एकड़ तक की टाउनशिप की योजना बना रहा है। इसका फायदा यह मिलेगा कि वह एक ही छत के नीचे अहम संसाधनों, सलाहकारों और सुविधाओं तक पहुंच सकते हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि बिजली शुल्क, कोई भी अतिरिक्त राज्य शुल्क या कर जो आपको नहीं मिल रहा है, जो अन्य देशों में नहीं वसूला जा रहा है, उसे सीमा समायोजन कर के जरिये समायोजित किया जा सकता है।
मंत्री ने भारत में 1 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश की अमेज़न की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिकी खुदरा विक्रेता भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कोई बड़ी सेवा नहीं कर रहा है, बल्कि देश में हुए नुकसान की भरपाई कर रहा है।
पीयूष गोयल ने कहा कि अमेजन भारत में एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा करके हमारी अर्थव्यवस्था के लिए कोई बड़ी सेवा नहीं कर रही है, बल्कि देश में हुए नुकसान की भरपाई कर रही है।
गोयल ने कहा कि धीरे-धीरे देशों को यह एहसास हो रहा है कि घरेलू मुद्रा में व्यापार करने के कई फायदे हैं। कई देश इस व्यवस्था के लिए आगे आए हैं। भारत ने नेपाल और भूटान समेत पड़ोसी देशों के साथ रुपये में व्यापार शुरू कर दिया है।
उन्होंने साथ ही जोड़ा कि इसके लिए सरकार ऐसी नीतियां नहीं बनाएगी, जो किसी एक कंपनी के लिए फायदेमंद हों, बल्कि ऐसी नीतियां तैयार की जाएंगी, जो दुनिया के सभी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं को भारत में आने के लिए प्रोत्साहित करें।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में 10 साल की औसत महंगाई दर करीब 5 से 5.5 प्रतिशत रही है। यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला दशक था।
सामाजिक सुरक्षा समझौता, देश की लंबे समय से लंबित मांग है। यह अमेरिका में भारतीय पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी। इससे मेजबान देश और उस देश, जहां कर्मचारी काम करता है, दोनों में दोहरी सामाजिक सुरक्षा कटौती समाप्त हो जाएगी।
भारत वॉशिंग मशीन, डिशवॉशर के लिए सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। भारत वस्तुओं और सेवाओं के लिए सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।'' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
मंत्री ने यह भी बताया कि 2015 की तुलना में 2023 में खिलौनों के आयात में 52 प्रतिशत की गिरावट आई है, क्योंकि क्यूसीओ ने गुणवत्ता को सबसे ऊपर रखा है। उन्होंने पीएम मोदी के हवाले से कहा, दशकों से, भारत गुणवत्ता के लिए विदेशी मानकों पर निर्भर रहा है। अब देश की गति और प्रगति हमारे अपने मानकों से तय होगी।
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