सरकार ने इस्पात विनिर्माताओं से ऐसे ग्रेड के इस्पात की पहचान करने को कहा जिनका विनिर्माण भारत में नहीं होता, लेकिन उनका इस्तेमाल व्यापक है।
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में 64 देशों का कुल इस्पात उत्पादन 0.6 प्रतिशत बढ़कर 15.62 करोड़ टन पर पहुंच गया। इसमें ब्राजील और चीन के उत्पादन में बढ़त देखने को मिली है। वहीं अमेरिका और यूरोपियन देशों के उत्पादन में गिरावट का रुख रहा
‘इंडस्ट्री प्रवासी मजदूरों को सस्ता घर देने के लिए भी कदम उठाए’
लौह अयस्क की संशोधित कीमतों में रॉयल्टी, डिस्ट्रिक मिनरल फंड, नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट, उपकर, फॉरेस्ट परमिट फीस और अन्य कर शामिल नहीं हैं।
जुलाई माह में कारखानों की क्षमता का औसतन 83 प्रतिशत इस्तेमाल हुआ वहीं जून 2020 में यह 76 प्रतिशत ही रहा था।
यह आर्डर कंपनी को सितंबर और अक्टूबर में पूरा करना है। यह उत्पादन कंपनी के चेन्नई संयंत्र में होगा।
सरकार ने 2030 तक देश की कच्चा इस्पात उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 30 करोड़ टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
जून के महीने में निर्यात ने भी रिकॉर्ड स्तर छुआ
लॉकडाउन के बीच कृषि कार्य जारी रहने से मई के दौरान फर्टिलाइजर प्रोडक्शन में 7.5% की बढ़त
स्टील उत्पादों पर कम से कम शुल्क 13.70 डॉलर प्रति टन का है और अधिक से अधिक 173.10 डॉलर प्रति टन का शुल्क है। वियतनाम, चीन और दक्षिण कोरिया में तैयार होने वाले और इन देशों से भारत को निर्यात होने वाले कुछ स्टील उत्पादों पर यह शुल्क लागू किया गया है।
उत्पादों पर 222 डॉलर से 334 डॉलर प्रति टन का डंपिंगरोधी शुल्क लगाने की सिफारिश
घरेलू कंपनियों की मदद के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी की समय सीमा बढ़ी
स्टील और सीमेंट सेक्टर में अप्रैल के दौरान सबसे तेज गिरावट दर्ज
मार्च के महीने में दुनिया भर में कुल इस्पात उत्पादन 6 फीसदी घटा
फरवरी में स्टील डिमांड के 5 फीसदी बढ़ने का अनुमान दिया गया था जिसे अब संशोधित किया गया है।
देश में कच्चे इस्पात का उत्पादन नवंबर में 2.8 प्रतिशत घटकर 89.34 लाख टन रहा। यह लगातार दूसरा महीना है जब कच्चे इस्पात का उत्पादन कम हुआ है।
इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि भारत के लिए 2.5किग्रा प्रति व्यक्ति खपत के उपभोग स्तर तक पहुंचने का एक गर्व का क्षण है।
पिछले कुछ सालों से इस्पात उद्योग में जारी सुस्ती की वजह से यह कारखाना दबाव में आ गया।
आमदनी में गिरावट के बावजूद कर संबंधी नयी व्यवस्था में बचत के चलते निजी क्षेत्र की इस्पात कंपनी टाटा स्टील का सितंबर में समाप्त तिमाही का एकीकत शुद्ध लाभ 5.9 प्रतिशत बढ़कर 3,302.31 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
स्टील सेक्टर में दुनियाभर में भारत का दबदबा कायम करने के उद्देश्य से मोदी सरकार स्टील क्षेत्र को प्रोत्साहन देने को लेकर प्रतिबद्ध दिख रही है। चीन दुनिया में स्टील का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसका क्रूड स्टील का उत्पादन 2018 में 92.83 करोड़ टन था, जबकि भारत इस सूची में 10.65 करोड़ टन उत्पादन के साथ दुनिया में दूसरे स्थान पर है।
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