Saturday, April 27, 2024
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गोल्डन टेम्पल से गुरबानी के मुफ्त प्रसारण के लिए पंजाब विधानसभा में बिल पारित

स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का प्रसारण 'पीटीसी' करता है, जो एक निजी चैनल है। विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पवित्र गुरबानी के प्रसारण का अधिकार सिर्फ किसी एक चैनल को नहीं होना चाहिए।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: June 20, 2023 18:41 IST
पंजाब के सीएम भगवंत मान- India TV Hindi
Image Source : PTI पंजाब के सीएम भगवंत मान

अमृतसर स्थित गोल्डन टेम्पल से गुरबानी का 'नि:शुल्क प्रसारण' के लिए पंजाब विधानसभा में मंगलवार को सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। सिख गुरुओं और गुरु ग्रंथ साहिब के अन्य लेखकों की विभिन्न रचनाओं को 'गुरबानी' कहा जाता है। सदन में विधेयक पेश किए जाने के बाद उस पर चर्चा हुई, जिसके बाद उसे पारित कर दिया गया। इससे पहले सोमवार को पंजाब मंत्रिमंडल ने गोल्डन टेम्पल से गुरबानी का नि:शुल्क सीधा प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटिश काल के सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में संशोधन को मंजूरी दी थी। 

एसजीपीसी को चैनल शुरू करने का निर्देश दिया गया था

अभी स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का प्रसारण 'पीटीसी' करता है, जो एक निजी चैनल है और इसे अक्सर शिरोमणि अकाली दल के बादल परिवार से जोड़ा जाता है। विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पवित्र गुरबानी के प्रसारण का अधिकार सिर्फ किसी एक चैनल को नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पिछले साल सिखों के शीर्ष धार्मिक निकाय 'शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी' (एसजीपीसी) को अपना चैनल शुरू करने का निर्देश दिया था, लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। 

"ग्राहक सेवा के लिए भारी राशि का भुगतान करना पड़ता है" 

भगवंत मान ने कहा कि केवल एक चैनल के पास ही पवित्र गुरबानी के प्रसारण का अधिकार है। मान ने कहा कि इस चैनल को विदेश में देखने वाले लोगों को इसकी ग्राहक सेवा के लिए भारी राशि का भुगतान करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने इसे 'सर्व कल्याण' के सार्वभौमिक संदेश को फैलाने के उद्देश्य से दुनिया भर में 'सरब सांझी गुरबानी' का प्रसार करने के लिए समय की आवश्यकता बताया। 

 गुरबानी का प्रसारण पारदर्शी तरीके से होना चाहिए: मनप्रीत अयाली

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता मनप्रीत अयाली ने भी इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए कहा कि गुरबानी का प्रसारण पारदर्शी तरीके से होना चाहिए और केवल एक चैनल के पास विशेष अधिकार नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी को अपना चैनल शुरू करना चाहिए। हालांकि, अयाली ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि सरकार को एसजीपीसी के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। 

"राज्य सरकार इस अधिनियम में संशोधन करने में पूरी तरह से सक्षम"

बहरहाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार इस अधिनियम में संशोधन करने में पूरी तरह से सक्षम है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट, हरियाणा के लिए  गुरुद्वारा कमेटी के एक अलग मुद्दे पर पहले ही फैसला सुना चुका है कि यह अधिनियम कोई अंतर-राज्य अधिनियम नहीं, बल्कि एक राज्य अधिनियम है। सदन में विपक्ष को जवाब देते हुए सीमान ने कहा कि गुरबानी सबकी है, इसे 11 साल से एक ही चैनल चला रहा है, 21 जुलाई को उस चैनल का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने वाला है। मान पर जब विपक्ष का प्रहार तेज हुआ तो उन्होंने कहा, मैंने कब कहा कि कॉन्ट्रैक्ट मेरे चैनल को दो, मेरा तो कोई चैनल ही नहीं है।

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