Saturday, April 27, 2024
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चुनाव जीतने से पहले ही बना दिए गए मंत्री, लेकिन आज मुंह की खानी पड़ी; सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी के पास अब क्या विकल्प?

करणपुर विधानसभा सीट की जनता ने अपना समर्थन कांग्रेस के उम्मीदवार को दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार में मंत्री बनाए गए सुरेंद्रपाल सिंह को सिरे से नकार दिया है। आइए अब जानते हैं कि अब सुरेंद्र सिंह टीटी के पास क्या-क्या विकल्प हैं?

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: January 08, 2024 18:25 IST
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Image Source : FACEBOOK सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी

जयपुर: राजस्थान के करणपुर विधानसभा सीट के चुनाव पर सभी की नजरें बनी हुई थीं। प्रदेश की 200 सीटों में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था। लेकिन इस सीट पर तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के बाद यहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद यहां पांच जनवरी को मतदान कराया गया था। तब यहां के 81 फीसदी के ज्यादा मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था। करणपुर के रण में कुल 12 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे थे, जिसमें सफलता कांग्रेस के रुपिंदर सिंह कुन्नर को मिली। जिन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार और मौजूदा सरकार में मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 11 हजार 261 वोटों से हरा दिया। 

इस जीत-हार से सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई असर 

वैसे तो यह चुनाव सामान्य था। किसी भी पार्टी की जीत-हार से सरकार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला था। बीजेपी पहले ही 115 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में थी। लेकिन बीजेपी के उम्मीदवार की वजह से यह चुनाव बेहद ही रोचक बन गया था। दरअसल बीजेपी ने अपने उम्मीदवार सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को विधायक बनने से पहले ही राज्य सरकार में स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बना दिया था। बीजेपी के इस कदम का कांग्रेस ने जबरदस्त विरोध किया था। चुनाव आयोग में भी इसकी शिकायत की गई थी। हालांकि इस मामले में चुनाव आयोग कोई फैसला लेता, उससे पहले ही जनता ने अपना फैसला सुना दिया और मंत्री बने टीटी को जनता ने विधायक बनाने से ही इनकार कर दिया। 

नियमानुसार 6 महीने तक मंत्री रह सकते हैं टीटी 

अब ऐसे में सवाल उठता है कि अब राज्य की भजनलाल सरकार और सुरेंद्रपाल सिंह टीटी के पास क्या विकल्प हैं? इसका जवाब है कि वैसे टीटी 6 महीने तक बिना विधायक बने मंत्री पद पर बने रह सकते हैं। नियमानुसार कोई भी भारतीय नागरिक बिना विधायक बने छह महीने तक मंत्री बने रह सकता है। टीटी विधानसभा चुनाव हार गए हैं, इसलिए भाजपा और टीटी पर मंत्री पद छोड़ने का नैतिक दबाव रहेगा, लेकिन कानूनन वे छह महीने तक मंत्री बने रह सकते हैं।

Rajasthan, Congress

Image Source : FACEBOOK
सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी

हालांकि अभी तक नहीं संभाला है कार्यभार

सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को सीएम भजनलाल ने कृषि विपणन, कृषि सिंचित क्षेत्र विकास और जल उपयोगिता, इंदिरा गांधी नहर विभाग और अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग का स्वतंत्र राज्य मंत्री बनाया था। मंत्री बनाए जाने के आठ दिन बाद भी उन्होंने अभी तक इसका कार्यभार नहीं संभाला है। जानकार बताते हैं कि उन्हें भी इस हार का अंदेशा हो गया था। इसलिए वह अभी तक कार्यभार संभालने से बच रहे थे। अब जब उनकी हार की घोषणा भी हो गई है तो शायद ही टीटी अपने मंत्रालयों का कार्यभार संभालेंगे। माना जा रहा है कि उनके मंत्रालय का प्रभार भी किसी अन्य मंत्री को सौंपा जा सकता है।

सरकार मंत्री तो बना सकती है लेकिन विधायक नहीं 

वहीं सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी की हार के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रदेश सरकार आर बड़ा हमला बोला है। डोटासरा ने कहा कि सरकार को बने हुए एक महीना हो गया है, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही थी। सिर्फ कांग्रेस सरकार की योजनाओं के नाम बदलने का काम कर रही थी और लोगों को बेरोजगार कर रही थी। जनता ने यह बता दिया कि सरकार मंत्री बना सकती है, लेकिन विधायक नहीं बना सकती है। सरकार दिल्ली से जो पर्ची लाकर चल रही है, उसे बंद करें और जनता की भावना के अनुरूप फैसले करें।

जनता ने बीजेपी सरकार को सिखाया है सबक

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बीजेपी और भजनलाल शर्मा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि श्रीकरणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी श्री रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है। श्रीकरणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है। चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता और नैतिकता की धज्जियां उड़ाने वाली भाजपा को जनता ने सबक सिखाया है।

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