Tuesday, May 07, 2024
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Annakut 2022: अन्नकूट के पीछे है महत्वपूर्ण कारण, इसलिए बनाए जाते हैं पकवान

गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का खास महत्व होता है। इस दिन 56 व्यंजनों का भोग तैयार कर भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है, जिसे अन्नकूट कहते हैं।

Jyoti Jaiswal Edited By: Jyoti Jaiswal @TheJyotiJaiswal
Published on: October 20, 2022 21:53 IST
Annakut 2022- India TV Hindi
Image Source : SOURCED Annakut 2022

गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पांच दिवसीय दीपोत्सव का चौथा त्योहार होता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। अन्नकूट का पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को पड़ती है। इस साल अन्नकूट 25 अक्टूबर 2022 को है। तो वहीं कुछ विद्वानों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर 2022 को की जाएगी। इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा की जाती है। बता दें कि, गोवर्धन पूजा को ही अन्नकूट के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इस पर्व में अन्नकूट का विशेष महत्व होता है।

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 गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का महत्व

अन्नकूट गोवर्धन पूजा में भगवान कृष्ण को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। जिसे कई तरह की सब्जियों और अन्न से तैयार किया जाता है। सब्जियों और अनाजों के इन समूह को ही अन्नकूट कहा जाता है। वैसे तो अन्नकूट में 56 तरह के भोग शामिल होते हैं। लेकिन आप अपने सामर्थ्य के अनुसार, गोवर्धन पूजा के दिन श्रीकृष्ण के लिए सब्जियों और अनाज से अन्नकूट तैयार कर भोग लगा सकते हैं। मान्यता है कि, गोवर्धन पूजा में श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाने से घर पर कभी अन्न की कमी नहीं होती।

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गोवर्धन पूजा में श्रीकृष्ण को क्यों लगाया जाता है अन्नकूट का भोग

पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही श्रीकृष्ण ने इंद्र देव के घमंड को खत्म कर बृजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठा लिया था। कहा जाता है कि, श्रीकृष्ण ने सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर रखकर बिताएं और बृजवासियों की रक्षा की। इसके बाद इंद्र देव को भी अपनी भूल का आभास हुआ। उन्होंने श्रीकृष्ण से मांफी मांगी और बारिश रोक दी। मईया यशोदा ने बृजवासियों संग मिलकर श्रीकृष्ण के लिए 56 भोग तैयार किए थे। क्योंकि मईया यशोदा श्रीकृष्ण को एक दिन में आठ पहर भोजन कराती थीं। इसलिए एक सप्ताह और आठ पहर के अनुसार, मईया यशोदा ने 56 तरह के पकवान तैयार किए। इसे ही अन्नकूट कहा जाता है। इसलिए गोवर्धन पूजा में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा की जाती है और श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।

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अन्नकूट पूजा विधि

गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। साथ ही गोबर से एक लेटे हुए पुरुष की आकृति भी बनाएं। इसके आसपास चावल के आटे और रोली से सुंदर आकृतियां बनाकर इसमें अक्षत या आटा आदि भर दें। इसमें फूल, रोली, अक्षत आदि से पूजा करें। यहां गोबर से बनाएं पुरुष की नाभि मे दीपक रखकर जलाएं। धूप, नैवेद्य, फूल, फल आदि चढ़ा कर पूजा करें। फिर गोवर्धन जी की सात बार परिक्रमा करें। इस दिन लोग अपने मवेशियों गाय-बैल आदि की भी पूजा करते हैं।

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