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Navratri 2022 Day 7: नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा और इन मंत्रों का उच्चारण करने से पूरी होगी आपकी हर मनोकामना

Navratri 2022 Day 7:आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कुछ ऐसे उपाय और मंत्र जिन्हें अगर आप नवरात्रि के सातवें दिन करते हैं तो आपका जीवन बदल जाएगा।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Poonam Yadav Updated on: October 02, 2022 6:47 IST
Navratri 2022 Day 7- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Navratri 2022 Day 7

Highlights

  • आज आश्विन शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और रविवार का दिन है
  • आज मां कालरात्रि का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए
  • इन मंत्रों का जाप करने से आपके सभी दुःख दूर होंगे

Navratri 2022 Day 7: आज आश्विन शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और रविवार का दिन है। सप्तमी तिथि आज शाम 6 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। लेकिन नवरात्र का पर्व उदया तिथि में मनाया जाता है, लिहाजा आज नवरात्र का सातवां दिन है। नवरात्र के दौरान पड़ने वाली सप्तमी को महासप्तमी के नाम से जाना जाता है। आज के दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा की जायेगी। आपको बता दूं कि जब माता पार्वती ने शुंभ-निशुंभ का वध करने के लिए अपने स्वर्णिम वर्ण को त्याग दिया था, तब उन्हें कालरात्रि के नाम से जाना गया।

मां कालरात्रि का वाहन गधा है और इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से ऊपर का दाहिना हाथ वरद मुद्रा में और नीचे का हाथ अभयमुद्रा में रहता है, जबकि बायीं ओर के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा और निचले हाथ में खड़ग है। मां का ये स्वरूप देखने में भले ही भयानक लगता है, किन्तु ये बड़ा ही शुभ फलदायक है। इनके स्मरण मात्र से ही भूत-पिशाच, भय और अन्य किसी भी तरह की परेशानी तुरंत दूर भाग जाती है। उनके मन से हर प्रकार का डर दूर होता है। चाहें फिर वो कैसा भी डर हो, कैसा भी fear हो, fear of unseen and unknown, fear of public opinion, fear of death etc।।।। अगर आपको भी ऐसा ही कोई fear है, या कोई शत्रु आपके पीछे पड़ा हुआ है या आपके घर की सुख-शांति कहीं खो गई है, तो आज के दिन अपने ललाट में मां कालरात्रि का ध्यान करके उनके इस मंत्र का जप अवश्य ही करना चाहिए। मंत्र है-

जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्तिहारिणि।

जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोऽस्तु ते॥

आज के दिन इस मंत्र का कम से कम एक माला, यानी 11 बार जाप कीजिये। इससे आपको किसी प्रकार का भय नहीं रहेगा, शत्रु आपसे दूर रहेंगे और आपके घर की सुख-शांति बनी रहेगी।

अपने जीवन में हर प्रकार के भय आदि से छुटकारा पाने के लिये आज रात के समय एक लोटे में जल भरकर अपने सिरहाने रख लें और उस लोटे को किसी अन्य बर्तन से ढक दें। अब उस ढके हुए बर्तन में देसी घी का एक दीपक जलाएं और उस लोटे के दोनों तरफ दो धूप बत्तियां जलाएं। अब मां कालरात्रि के नाम का जाप करते हुए सो जाएं। अगले दिन सुबह उठकर उस लोटे के जल को किसी पेड़-पौधे में डाल दें। ऐसा करने से आपको किसी प्रकार का भय नहीं होगा और आप बेझिझक जीवन में आगे बढ़ते जाएंगे।

अगर आपको लगता है कि किसी नजर दोष या टोने-टोटके के कारण आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है, तो अपने घर के किसी सदस्य से कहें कि आज के दिन एक नींबू लेकर उस पर ‘क्लीं’ लिखकर, आपके ऊपर से 6 बार क्लॉक वाइज और एक बार एंटी क्लॉक वाइज वार दें। वारने के बाद उस नींबू के बीच में से दो भाग कर दें, लेकिन ध्यान रहे नींबू पूरी तरह से अलग नहीं होना चाहिए। इस प्रकार काटने के बाद उसे अपने घर से बाहर किसी निर्जन स्थान पर फेंक दें। ऐसा करने से आपके ऊपर से नजर दोष या टोने-टोटके का असर कम होगा और आपका स्वास्थ्य अच्छा होगा।

आज के दिन सुबह-शाम उपले या कंडे को जलाकर उस पर जायफल की आहुति देकर देवी मां की आरती करें। उसके बाद देवी मां को नींबू काट के चढ़ाए। ऐसा करने से आप जीवन में आने वाली हर मुसीबत से बचे रहेंगे।

आज के दिन आपको नवरात्रि की पूजा के बाद मां कालरात्रि का ध्यान करते हुए उनके इस मंत्र का जाप करना चाहिए। आज के दिन आपको इस मंत्र का एक माला, यानी 108 बार जाप करना चाहिए। इससे मां कालरात्रि की कृपा से आपके साथ सब अच्छा होगा।मंत्र है - 
‘ॐ कालरात्र्यै नम:।

आज के दिन स्नान आदि के बाद लाल रंग के कपड़े पहनकर, लाल रंग के ही आसन पर बैठकर देवी कालरात्रि के सामने एक घी का दीपक और गुग्गल की धूप जलाएं। फिर देवी मां को लौंग चढ़ाएं और पेड़े का भोग लगाएं। इसके बाद देवी कालरात्रि के इस मंत्र का 11 माला जाप कीजिये। आज के दिन ऐसा करने से शत्रुओं से भी छुटकारा मिलेगा। एक माला में 108 दाने होते हैं। मंत्र है –
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ

आज के दिन आप नवरात्रि की सामान्य पूजा के बाद देवी कालरात्रि को प्रणाम करके, आसन पर बैठकर उनके इस मंत्र का जाप करें। इस प्रकार दो माला, यानी 216 मंत्रों का जाप करके देवी मां को गुड़ का भोग लगाएं और उनका आशीर्वाद लें। आज के दिन ये उपाय करने से आपके जीवन में दरिद्रता कभी अपना स्थान नहीं बना पाएगी। मंत्र है -        
‘ॐ यदि चापि वरो देयस्त्वयास्माकं महेश्वरि।।
संस्मृता संस्मृता त्वं नो हिंसेथाः परमापदः ॐ।

आज के दिन सुबह स्नान आदि के बाद नवरात्र की पूजा करके देवी कालरात्रि  की उचित प्रकार से पूजा करनी चाहिए। उसके बाद देवी के नवार्ण मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। आज के दिन इस मंत्र का जाप करने से आपके घर की हर प्रकार से, हर बुरी नजर से सुरक्षा होगी। देवी का नवार्ण मंत्र इस प्रकार है -  
‘ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे:।

आज के दिन देवी कालरात्रि के सामने गुग्गुल की धूप दिखाने के बाद पूरे घर में भी धूप दिखाएं। साथ ही उनके इस मंत्र का 108 बार जाप करें। आज के दिन ऐसा करने से आपके विरोधी आपका कुछ नहीं बिगाड़ पायेंगे। मंत्र है-
ॐ ऐं सर्वाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या खिलेश्वरी।
एवमेव त्वया कार्य अस्मद् वैरी विनाशनम् नमो सें ऐं ॐ।।

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आज के दिन सुबह स्नान आदि के बाद लाल रंग के आसन पर बैठकर  देवी कालरात्रि  के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। आज के दिन इस मंत्र का 108 बार जाप करने के बाद मां कालरात्रि को जीरे का भोग लगाएं। इससे आपका जीवन खुशहाल रहेगा। मंत्र इस प्रकार है –
'ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।'

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आज के दिन आप देवी कालरात्रि को प्रणाम करके उनकी तस्वीर के सामने बैठकर उनके इस मंत्र का 108 बार जाप करें। इस मंत्र का जाप करने के बाद देवी मां को एक कपूर और 6 लौंग की आहुति दें। ऐसा करने से आपको बिजनेस में कभी नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा। मंत्र इस प्रकार है-

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥

आज के दिन एक मिट्टी की दीया में दो कपूर की टिकिया जलाकर देवी कालरात्रि के सामने रखें और उनके इस मंत्र का जाप करें। जाप करने के बाद धूप को दोनों हाथों से लेकर अपनी आंखों पर लगाएं। आज के दिन ऐसा करने से आपका हर काम सिद्ध होगा। 

ॐ ऐं यश्चमर्त्य: स्तवैरेभि: त्वां स्तोष्यत्यमलानने
तस्य वि‍त्तीर्द्धविभवै: धनदारादि समप्दाम् ऐं ॐ।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)

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