Friday, December 05, 2025
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Tulsi Mata Ki Katha, Kartik Maas 2025: कार्तिक मास में जरूर सुनें तुलसी माता की कृपा प्राप्त करने वाली बुढ़िया माई की कहानी

Tulsi Mata Ki Katha, Kartik Maas 2025: कार्तिक का महीना चल रहा है और इस महीने में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। साथ ही अगर आप इस पूरे महीने तुलसी की कथा पढ़ते या सुनते हैं तो इससे आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। चलिए आपको बताते हैं कार्तिक मास की तुलसी माता की कथा।

Written By: Laveena Sharma @laveena1693
Published : Oct 09, 2025 06:48 am IST, Updated : Oct 09, 2025 06:51 am IST
tulsi mata ki katha- India TV Hindi
Image Source : CANVA तुलसी माता की कथा

Tulsi Mata Ki Katha, Kartik Maas 2025: कार्तिक महीने में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ-साथ तुलसी माता की पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है। कहते हैं इस महीने में जो तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीपक जलाता है उसके जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं इस महीने में तुलसी माता की कथा पढ़ना भी अत्यंत पुण्य का काम माना गया है। कहते हैं इस कथा को सुनने मात्र से ही व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्ति पा लेता है और जीवन में सुख-शांति आती है। चलिए जानते हैं क्या है तुलसी माता की कहानी।

तुलसी माता की कथा कार्तिक मास (Tulsi Mata Ki Kahani Kartik Maas)

कार्तिक महीने में एक बुढ़िया माई तुलसीजी को सींचते हुए कहती थी कि: हे तुलसी माता! सत की दाता मैं तेरा बिडला सीचती हूं,

  • मुझे बहु दे,
  • पीताम्बर की धोती दे,
  • मीठा-मीठा गास दे,
  • बैकुंठा में वास दे,
  • चटक की चाल दे,
  • पटक की मोत दे,
  • चंदन का काठ दे,
  • रानी सा राज दे,
  • दाल भात का भोजन दे,
  • ग्यारस की मौत दे,
  • कृष्ण जी का कन्धा दे ।

लेकिन तुलसी माता यह सुनकर सूखने लगीं तब भगवान ने पूछा कि: हे तुलसी! तुम क्यों सूख रही हो?

तुलसी माता ने कहा: एक बुढ़िया रोज आती है और यही बात कह जाती है। मैं उसकी सब मनोकामना तो पूरी कर दूंगी लेकिन कृष्ण का कन्धा कहां से लाऊंगी। तो भगवान बोले जब वो मरेगी तो मैं अपने आप कंधा देने चला जाऊंगा। तू बुढ़िया माई से ये बात कह देना। जब बुढ़िया माई मर गई तो लोग उसे ले जाने के लिए आए लेकिन वह किसी से न उठी। तब भगवान एक बारह बरस के बालक का रूप धारण करके आये और बालक ने सभी से कहा कि मैं बुढ़िया माई के कान में एक बात कहूंगा तो बुढ़िया माई उठ जाएगी। बालक ने कान में कहा:

  • बुढ़िया माई मन की निकाल ले,
  • पीताम्बर की धोती ले,
  • मीठा-मीठा गास ले,
  • बेकुंठा का वास ले,
  • चटक की चाल ले,
  • पटक की मोत ले,
  • कृष्ण जी का कन्धा ले..

यह सुनकर बुढ़िया माई हल्की हो गई। तब भगवान ने कन्धा दिया और बुढ़िया माई को मुक्ति मिल गई। हे तुलसी माता! जैसे बुढ़िया माई को मुक्ति दी बैसे सबको देना।

Tulsi Mata Ki Katha PDF

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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