Friday, May 03, 2024
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ओलंपिक में गोल्ड मेडल की हैट्रिक लगाने वाले बलबीर सिंह सीनियर के जीवन की जानें यह 6 बड़ी उपलब्धियां

भारतीय टीम हॉकी टीम में अपना कमाने से पहले ही बलबीर सिंह सीनियर ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में स्टार बन चुके थे।

India TV Sports Desk Edited by: India TV Sports Desk
Published on: May 25, 2020 11:22 IST
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Image Source : GETTY Balbir Singh sr.

हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का 95 साल की उम्र में आज सुबह मोहाली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे से समय से बीमार चल रहे थे। बलबीर सिंह तीन बार ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता टीम के हिस्सा रहे हैं। बलबीर सिंह ने उस समय हॉकी में अपना पड़चम लहराया जब भारत में क्रिकेट जैसे खेलों का स्तर बहुत ही कम था। 

बलबीर सिंह सीनियर देश के महानतम एथलीटों में से एक अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा चुने गए आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपियनों में शामिल थे।

आईए जानते हैं हॉकी में उनकी यह 6 बड़ी उपलब्धियां- 

1- भारतीय टीम हॉकी टीम में अपना कमाने से पहले ही बलबीर सिंह सीनियर ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में स्टार बन चुके थे। उनकी कप्तानी में पंजाब यूनिवर्सिटी ने लगातार तीन बार 1943-1945 के बीच इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया था। इसके बाद उन्हें साल 1948 में लंदन ओलंपिक के लिए भारतीय टीम में जगह मिली थी।

2- हालांकि बलबीर सिंह सीनियर को 1948 ओलंपिक के भारतीय में टीम में जगह मिल गई थी लेकिन शुरुआती मैचों में उन्हें खेलने का मौका कम ही मिला था। लंदन ओलंपिक में बलबीर सिंह को अर्जेनटिना के खिलाफ पहली बार मैदान पर उतारा गया। इसके बाद भी वह टीम के प्लेइंग इलेवन से लगातार अंदर बाहर होते रहे। आखिर में उन्हें ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ फाइनल मैच में खेलने का मौका मिला उस मैच में उन्होंने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को ने 4-0 से जीताने में अहम भूमिका निभाई।

3- लंदन ओलंपिक के चार साल बाद बलबीर सिंह सीनियर को 1952 हेलसिंकी ओलंपिक में भी भारतीय टीम में शामिल किय गया। इस समय तक वे टीम के अहम सदस्य बन चुके थे और उन्हें टीम उपकप्तान बनाया जा चुका था। इस ओलंपिक में बलबीर सिंह सीनियर ने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में हैट्रिक गोल दागे। निदरलैंड के खिलाफ फाइनल मैच में उन्होंने अपने प्रदर्शन को और भी बेहतर किया और टीम के लिए अकेले 5 गोल दागे जिसकी मदद से भारतीय टीम ने 6-1 से जीत दर्ज की।

4- साल 1956 के ओलंपिक में बलबीर सिंह भारतीय दल की तरफ से ध्वजारोहक बने थे। इस ओलंपिक में वे भारतीय हॉकी टीम के कप्तान थे। वहीं इस ओलंपिक में उनकी कप्तानी में भारत ने पाकिस्तान को 1-0 से मात देकर ओलंपिक में गोल्ड मेडल की हैट्रिक पूरी की थी।

5- बलबीर सिंह सीनियर भारत के लिए कुल 246 गोल दागे और वह बाद में भारतीय टीम के मैनेजर भी नियुक्त हुए और उनके मार्गदर्शन में टीम ने साल 1975 हॉकी विश्वकप में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रही थी।

6- साल 1957 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। यह पहला मौका था जब किसी एथलीट को इस प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया था।

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