Sunday, April 28, 2024
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Exclusive Interview: शतरंज की बाजी हारकर भी प्रज्ञानानंदा ने जीता दिल, विश्वनाथन आनंद के लिए कही यह बात

भारत के युवा ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा चेस वर्ल्ड कप के फाइनल में वर्ल्ड नंबर 1 मैग्नस कार्लसन से हार गए। पर फिर भी उन्होंने भारत ही नहीं पूरी दुनिया का दिल जीत लिया।

Priyam Sinha Written By: Priyam Sinha @PriyamSinha4
Published on: August 25, 2023 10:58 IST

अजरबैजान के बाकू में आयोजित हुए चेस वर्ल्ड कप में भारत के 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा ने भले ही आखिरी बाजी हारी हो, लेकिन उन्होंने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया। इस युवा स्टार ने वर्ल्ड नंबर 1 नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन को फाइनल मुकाबले में आसानी से नहीं जीतने दिया और टाईब्रेकर में यह मुकाबला गंवाया। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद इंडिया टीवी ने भी इस स्टार के साथ खास बातचीत की। उन्होंने इस दौरान अपने आगे के प्लान्स और भारत के दो बार के वर्ल्ड कप विजेता विश्वानाथन आनंद को लेकर भी बयान दिया।

फाइनल मुकाबले के बाद क्या बोले प्रज्ञानानंदा?

इंडिया टीवी के एग्जीक्यूटिव एडिटर समीप राजगुरु के साथ खास बातचीत में प्रज्ञानानंदा ने कहा कि, बिल्कुल फाइनल मुकाबला गंवाना दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं और कुछ अच्छा कर सकता था। पिछले वर्ल्ड कप में शुरुआती चरण से नॉकआउट होने के बाद यह प्रदर्शन खास रहा। मैं आज जीत नहीं सका लेकिन शतरंज में यह चलता है। उन्होंने बताया कि अब वह आने वाले टूर्नामेंट्स खासतौर से कैंडिडेट के लिए खास तैयारी करेंगे। वहीं विश्वनाथन आनंद को लेकर वह बोले कि, आनंद सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि सभी भारतीय के लिए एक प्रेरणा हैं। मैं हमेशा उनसे बहुत कुछ सीखा हूं और सीख रहा हूं।

आगे उन्होंने अपने परिवार को लेकर कहा कि, मेरा पूरा परिवार काफी खुश था। उनके लिए यह गौरव का पल था। खास बात यह है कि मेरे करियर के लिए यह सबसे बड़े मौकों में से एक है। आगे उन्होंने भारतीय चेस फेडरेशन के लिए कहा कि, अध्यक्ष संजय कपूर और सभी का मुझे सपोर्ट करने के लिए धन्यवाद। इस सफलता को प्रज्ञानानंदा सेलिब्रेट कैसे करेंगे इसको लेकर वह बोले कि, मैं अब आराम करना चाहूंगा और आने वाले टूर्नामेंट्स की तैयारियां करूंगा।

चेस फेडरेशन के अध्यक्ष ने भी कही यह बात

इस खास इंटरव्यू में प्रज्ञानानंदा के साथ भारतीय शतरंज महासंघन के अध्यक्ष संजय कपूर भी मौजूद रहे। उन्होंने इस बातचीत में कहा कि, चतुरन हमारे देश का खेल है और अब उसकी वापसी हो रही है शतरंज के रूप में। पहले हमारे पास एक विश्वनाथन आनंद थे और अब नई पौध तैयार हो रही है। हमारे पास आने वाले दिनों में देश के हर बच्चे के लिए चेस में आगे ले जाने के लिए कई प्लान हैं। हमें खुशी है कि, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चेस ओलंपियाड में बच्चों का उत्साहवर्धन किया। इसे हरी झंडी दिखाई और उनके आशीर्वाद से बच्चे आगे बढ़े। आगे उनसे जब पूछा गया कि इसे कैसे वह सेलिब्रेट करेंगे इसको लेकर वह बोले कि, आज प्रज्ञानानंदा ने कहा था कि हमें साउथ इंडियन खाना है। तो इस फाइनल के बाद इस लम्हे को हम साउथ इंडियन खाना खाकर ही सेलिब्रेट करेंगे। 

प्रज्ञाननंदा की बात करें तो वह विश्वनाथन आनंद के बाद चेस वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले खिलाड़ी बने। आनंद ने भारत के लिए साल 2000 और 2002 में दो चेस वर्ल्ड कप के टाइटल जीते थे। प्रज्ञाननंदा दुनियाभर में भी मैग्नस कार्लसन और बॉबी फिशर के बाद चेस वर्ल्ड कप तक पहुंचने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं। वहीं नॉर्वे के कार्लसन का भी यह पहला वर्ल्ड कप टाइटल था। 2021 में वह तीसरे स्थान पर रहे थे। विजेता कार्लसन को यह टाइटल जीतने पर 110 हजार अमेरिकी डॉलर (लगभग 90,93,551 रुपए) मिले। प्रज्ञाननंदा भी रनर अप जरूर रहे लेकिन उनके खाते में भी धनवर्षा हुई है। जबकि प्रज्ञाननंदा को करीब 80 हजार अमेरिकी डॉलर (लगभग 66,13,444 रुपए) की भारी–भरकम राशि से सम्मानित किया गया।

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