AI के गॉडफादर जेफरी हिंटन ने ऐसी भविष्यवाणी कर दी है कि दुनियाभर के लोगों के हाथ-पांव फूल गए हैं। उन्होंने इसके अलावा टेक कंपनियों के अप्रोच पर भी सवाल उठाए हैं। नोबल प्राइज विनर कम्प्यूटर साइंटिस्ट ने कहा कि एआई में 10 से 20 प्रतिशत भी बदलाव होता है तो दुनिया से इंसान खत्म हो सकते हैं। एआई इंसानों पर हावी हो सकते हैं, जिसकी वजह से इंसानियत खतरे में आ सकती है।
खत्म हो जाएंगे इंसान?
हिंटन नोबल प्राइज विनर होने के साथ-साथ गूगल के पूर्व कर्मचारी रह चुके हैं। अमेरिका के लास वेगस में आयोजित एक इवेंट के दौरान उन्होंने एआई के बारे में भविष्यवाणी करते हुए कहा कि कुछ टेक्नोलॉजी कंपनियां चाहते हैं कि एआई का दबदबा इंसानों पर बने, जो भविष्य में खतरनाक साबित हो सकती है। उन्होने कहा कि टेक कंपनियां जैसा सोचते हैं कि वो काम नहीं आने वाला है। एआई दिनों-दिन हमसे ज्यादा स्मार्ट बनता जा रहा है।
Ai4 कांफ्रेंस में उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि एआई इंसानों को कंट्रोल करना चाहते हैं। भविष्य में अगर ऐसा हो गया तो इंसानों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि जिस तरह बड़े लोग अपनी बात मनवाने के लिए 3 साल के बच्चों को कैंडी देकर फुसलाते हैं वैसे ही भविष्य में एआई सिस्टम भी इंसानों से अपनी बात मनवाने के लिए धोखा दे सकते हैं।
मातृत्व की भावना करें डेवलप
हिंटन ने इससे बचने के उपाय के बारे में भी बताया और कहा कि एआई मॉडल में मातृत्व की भावना विकसित करनी चाहिए ताकि वो इंसानों का केयर कर सके। अगर, टेक कंपनियां ऐसा नहीं करेंगी तो आने वाला भविष्य इंसानी खात्मे की शुरुआत हो सकता है। दिनों-दिन टेक्नोलॉजी शक्तिशानी और बेहतर होती रहेगी और इंसानों के लिए समस्या पैदा हो सकता है।
एआई के जनक ने कहा कि ये जल्द ही अपने दो छोटे लक्ष्य सेट कर चुका है अगर ये स्मार्ट हैं तो वो आगे भी जिंदा रहना चाहेंगे और दूसरा वो और ज्यादा कंट्रोल चाहते हैं। इसलिए एआई में अगर मातृत्व की भावना पैदा हो जाएगी तो वो भी अपने बच्चों की तरह इंसानों की केयर करेंगे। उनमें यह एक सामाजित दवाब भी होगा कि बच्चों की देखभाल करें, जिससे इंसानियत को बचाया जा सकता है।
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