Sunday, April 28, 2024
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सबसे बड़ा डेटा लीक! 2600 करोड़ रिकॉर्ड लगे साइबर अपराधियों के हाथ, तुंरत करें यह काम

World's biggest data leak: सबसे बड़े डेटा लीक रिपोर्ट की गई है। साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर्स का कहना है कि इस डेटा लीक में कुल 2600 करोड़ रिकार्ड साइबर अपराधियों के हाथ लग गए हैं, जिनका इस्तेमाल हैकिंग, फिशिंग आदि के लिए किया जा सकता है।

Harshit Harsh Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Updated on: January 24, 2024 15:17 IST
World's Biggest Data Leak- India TV Hindi
Image Source : FILE अब तक के सबसे बड़े डेटा लीक का पता चला है। 2600 रिकॉर्ड्स साइबर अपराधियों के हाथ लग गए हैं।

World's biggest data leak: दुनिया के सबसे बड़े डेटा लीक सामने आई है, जिसमें 2600 करोड़ रिकॉर्ड साइबर अपराधियों के हाथ लग गए हैं। ट्विटर (X), LinkedIn, Telegram, Adobe समेत कई कंपनियों के यूजर्स को इस डेटा लीक से खतरा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसे Mother of All breaches कहा जा रहा है। साइबर अपराधियों के हाथ कुल 12TB यानी 12 टेराबाइड डेटा हाथ लग गया है, जिसका गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।

सिक्योरिटी डिस्कवरी एंड साइबर न्यूज रिसर्चर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस डेटा ब्रीच को अब तक का सबसे बड़ा डेटा ब्रीच कहा जा रहा है। 2600 करोड़ रिकार्ड के 3,800 फोल्डर साइबर अपराधियों के हाथ लग गए हैं। हर फोल्डर में अलग-अलग तरह के डेटा हो सकते हैं।

सोशल मीडिया यूजर्स का डेटा लीक

रिपोर्ट की मानें तो इस डेटा ब्रीच में  X (Twitter; 281M), LinkedIn (251M), Telegram (41M), Adobe (153M), Canva (143M), Deezer (258M), Dropbox (69M), AdultFriendFinder (220M), Daily Motion (86M), MySpace (360M), VK (101M), Tencent और Weibo (504M) के डेटा साइबर अपराधियों के हाथ लगें हैं।

खास तौर पर इस डेटा लीक की वजह से अमेरिका, जर्मनी, फिलीपिंस, ब्राजील और टर्की के यूजर्स प्रभावित हुए हैं। साइबर अपराधियों का कहना है कि यह डेटा लीक किसी एक सोर्स के जरिए लीक नहीं हुआ है। साइबर अपराधी इस डेटा का इस्तेमाल फिशिंग, हैकिंग, आइडेंटिटी चुराने के लिए कर सकते हैं।

तुरंत करें यह काम

  • Cybernews ने बताया कि इसके लिए यूजर्स को Personal Data Leak Check टूल का इस्तेमाल करना चाहिए और अपने ई-मेल अड्रेस और मोबाइल नंबर को दर्ज करके यह चेक करना चाहिए कि वो लीक हुए हैं कि नहीं।
  • इसके अलावा गूगल के सिक्योरिटी चेक टूल का इस्तेमाल करके भी डेटा लीक को चेक किया जा सकता है।
  • यूजर्स अपने ई-मेल अकाउंट के पासवर्ड को बदल सकते हैं। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल कर सकते हैं।

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