ओवैसी ने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे, उत्तर प्रदेश के मुस्लिम चुनाव जीतेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य यूपी में भाजपा को हराया है।
तपस्वी मंदिर के महंत परमहंस दास ने इसे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का "हिंदुत्व विरोधी" कदम बताया। उन्होंने कहा कि अगर फैजाबाद नाम वाले पोस्टर नहीं हटाए गए तो पार्टी को जिले में जनसभा नहीं करने दी जाएगी।
आवेदन पत्र के साथ जो शपथ पत्र भरना है, उसके चौथे बिंदू में कहा गया है, "मैं इस बात का विश्वास दिलाता हूं और वायदा करता हूं कि टिकट न मिलने की सूरत में भी पार्टी की सेवा करता रहूंगा/करती रहूंगी।"
ओवैसी ने कहा कि चार साल से बीजेपी की सरकार है और यूपी रियासत के चीफ मिनिस्टर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोई कसर बाकी नहीं रखी की भारत के संविधान की धज्जियां उड़ाई जाएं।
जहां जमीर और मोहतेसिन को गोलियां लगी हैं, वहीं मन्नान को चाकू के घाव लगे हैं। चूंकि जमीर की हालत सबसे ज्यादा गंभीर थी, तो उसे उपचार के लिए हैदराबाद में ले जाया गया।
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो ओवैसी के यूपी में चुनाव लड़ने से सपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। क्योंकि यहां पर सपा को हर पार्टियों की अपेक्षा मुस्लिम मतदाताओं का करीब 50 से 60 प्रतिशत वोट मिलता रहा है। ऐसे में ओवैसी जातीय समीकरण के साथ मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं।
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