राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता रविवार सुबह "मध्यम" श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन तापमान घटने तथा हवा की धीमी गति के कारण सोमवार को इसके "खराब" श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।
राष्ट्रीय राजधानी से मॉनसून वापसी में हुई देरी से दिल्ली में हवा की क्वॉलिटी पर आने वाले दिनों में बहुत ही खराब असर हो सकता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत, चीन और रूस अपनी वायु गुणवत्ता (एयर क्वॉलिटी) का ध्यान नहीं रखते जबकि अमेरिका रखता है।
लॉकडाउन की वजह से वायु प्रदूषण में कमी और हवा की क्वालिटी में सुधार हुआ है, जिसके कारण अब विजिबिलिटी बढ़ गई है।
दिल्ली में सोमवार को वायु गुणवत्ता एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक 582 पर दर्ज किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी में बारिश और तेज हवाओं के कारण चंद दिनों के लिए प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने के बाद रविवार को वायु गुणवत्ता फिर खराब हो गई और आगामी दिनों में इसके और खराब होने की आशंका है।
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा की गति धीमी रहने और आर्द्रता के उच्च स्तर के कारण सुबह के वक्त प्रदूषकों के बिखराव में कमी आई, यही प्रदूषण का कारण बना।
जहरीली होती हवा से लड़ने के लिए अधिकारियों की तरफ से उठाए जा रहे कदमों के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय राजधानी में नीचे आया है और इसलिए सम-विषम योजना को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी में चल रही हवाओं के कारण वायु गुणवत्ता में आंशिक रूप से सुधार दर्ज किया गया लेकिन इसके बावजूद रविवार सुबह भी प्रदूषण का स्तर ‘खराब’ श्रेणी में रहा।
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए शहर की केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है। वह राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर तनिक भी प्रयत्न नहीं कर रही है उल्टे, पराली का बहाना बनाकर अपने ऊपर लगने वाले आरोपों से बचने का प्रयास कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। दिल्ली एनसीआर में 5 नवंबर तक निर्माण गतिविधि पर प्रतिबंध लगा दिया है।
शहर के अन्य क्षेत्रों की स्थिति भी कोई अच्छी नहीं रही। आंनद विहार 436 एक्यूआई के साथ राजधानी का सबसे प्रदूषित जगह थी और नेहरू नगर 430 के साथ शहर में दूसरे स्थान पर था।
0-50 के बीच एक्यूआई को ‘‘अच्छा’’ माना जाता है, जबकि 51-100 ‘‘संतोषजनक’’, 101-200 ‘‘मध्यम’’, 201-300 ‘‘खराब’’, 301-400 ‘‘बहुत खराब’’ और 401-500 ‘‘गंभीर’’ श्रेणी का माना जाता है। एक्यूआई अगर 500 से ऊपर पहुंच जाता है, तो उसे ‘‘गंभीर व आपातकालीन’’ श्रेणी का माना जाता है।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता बुधवार को बिगड़ गई और यह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। बहरहाल, अधिकारी ने कहा कि इस दिवाली के दौरान वायु की गुणवत्ता पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहने की संभावना है...
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘‘खराब’’ और ‘‘बहुत खराब’’ के बीच रही और बदलते मौसम एवं बड़े स्तर पर पराली जलाने के सप्ताहांत तक इसमें भारी गिरावट की आशंका है।
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई। शनिवार तक इसमें भारी गिरावट की उम्मीद है।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गणवत्ता ‘बहुत खराब’ होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में जनरेटरों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले ही रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर धुंध छा गई। साथ ही, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 245 पर पहुंच गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बुधवार को ‘संतोषजनक’ श्रेणी पर रही लेकिन हवा का रुख शुक्रवार को उत्तरपश्चिम दिशा की ओर होने जा रहा है जिससे हवा की गुणवत्ता गिरकर ‘मध्यम’श्रेणी पर आने की आशंका है।
दूषित हवा के मामले में खतरनाक स्तर पर पहुंचे देश के 102 शहरों में वायु प्रदूषण नियंत्रण की कार्ययोजना का शुरुआती असर दिखने लगा है।
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