Amarnath Yatra 2022: 30 जून से शुरू हो अमरनाथ यात्रा को लेकर चाकचौबंद पूरी तरह से मुस्तैद है। इस यात्रा के लिए यात्रियों को जरूरी डॉक्युमेंट साथ लाने होंगे।
Amarnath Yatra 2022: दो साल बाद अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो रही है, इसके लिए जरूरी इंतजाम किया जा गया है।
Amarnath Yatra: प्राकृतिक रूप से बने शिवलिंग का दर्शन करने के लिए हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ पहुंचते हैं। इस बार भी यात्रा में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। इसलिए पिछले हफ्ते एक बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया कि श्रीनगर से भी यात्रियों को हेलिकॉप्टर सेवाएं दी जा सकती हैं।
Amarnath Yatra 2022: यह यात्रा कुल 43 दिनों तक दो मार्गों से पूरी होगी। एक मार्ग पहलगाम का पारंपरिक मार्ग है जबकि दूसरा मार्ग गांदेरबल के बालटाल का है।
Sticky Bomb: स्टिकी बम बहुत सस्ता और आकार में तो बहुत छोटा होता है, लेकिन इसमें विस्फोट काफी घातक होता है। स्टिकी बम चिपकने वाला ऐसा बम होता है, जो गाड़ियों या किसी चीज की ओर फेंके जाने पर उससे चिपक जाता है और दूर से ही रिमोट के जरिए या टाइमर सेट करके इसमें विस्फोट कर दिया जाता है। इस बम को 'मैग्नेटिक बम' भी कहा जाता है।
Sticky bomb: पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के पास से कई 'स्टिकी बम' बरामद किए हैं। इसके मद्देनज़र 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट पर हैं और अपनी SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर) में बदलाव पर काम कर रही हैं।
Woman Claim On Parvati and Lord Shiva: पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, महिला की पहचान हरमीत कौर के रूप में हुई है, जोकि मूल रूप से यूपी के लखनऊ के अलीगंज क्षेत्र की रहने वाली है।
Amarnath yatra 2022: अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। इस बार यात्रा 43 दिनों तक चलेगी। अब समय बहुत कम बचा है इसलिए तैयारियां तेज हो गई हैं। दो साल बाद हो रही यात्रा को लेकर लोगों में भी खासा उत्साह है। यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की मदद के लिए जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बचाव दल तैनात किए जाएंगे।
Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। लेकिन इससे पहले यात्रा को लेकर को लेकर आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने धमकी भरा पत्र जारी किया है। पत्र में आंतकी संगठन की ओर से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा गया है। संगठन का कहना है कि वे यात्रा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं जब तक कि वे कश्मीर मुद्दे में शामिल नहीं होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की मंगलवार को समीक्षा की। केंद्र शासित प्रदेश में हाल में कुछ कश्मीरी पंडितों समेत अन्य की हत्या की गई है। उच्च स्तरीय बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ-साथ खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने भी शिरकत की।
कोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में अमरनाथ यात्रा नहीं हो सकी थी। वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से ठीक पहले इस तीर्थयात्रा में कटौती कर दी गई थी। इस साल यह यात्रा 11 अगस्त को समाप्त होने की उम्मीद है।
केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने अमरनाथ यात्रा के लिए शुक्रवार को सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की।
अमरनाथ यात्रा के लिए ड्रोन से खतरा सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है, इसलिए वे ड्रोन का मुकाबला करने और आतंकवादी मंसूबों को विफल करने के लिए हार्डवेयर खरीद रहे हैं।
जम्मू कश्मीर के सांबा जिले के चक फकीरा में बीएसएफ को एक सुरंग मिली। यह इलाका पड़ोसी देश पाकिस्तान की सीमा से करीब है। अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के नापाक आतंकी मंसूबों का इतिहास काफी पुराना है। अमरनाथ यात्रा 1990 के बाद से लगातार आतंकियों के निशाने पर रही है।
सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर बोलते हुए कहा कि अगर मान माफिया के खिलाफ लड़ते हैं तो उनका समर्थन किया जाएगा।
यात्रा के लिए तैयारियां अप्रैल के महीने से ही शुरू की गयी हैं और रास्ते पर बर्फ हटाने का काम शुरू हो गया है।
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (Shri Amarnathji Shrine Board) के सीईओ नीतीश्वर कुमार ने बताया है कि इस साल की अमरनाथ यात्रा कुल 43 दिनों तक चलेगी। इस यात्रा में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए श्रद्धालु ऑफिशियल वेबसाइट और मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस पवित्र यात्रा को लेकर जम्मू कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस साल की अमरनाथ यात्रा की तैयारियां चल रहीं हैं। इस यात्रा में कितने लोग आएंगे और उनकी सुरक्षा का इंतजाम कैसे होगा, उसकी तैयारी की जा चुकी है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को अगस्त 2019 में समाप्त किए जाने के कारण उस वर्ष अमरनाथ यात्रा बीच में ही कैंसिल कर दी गई थी, जबकि कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों- यानी 2020 और 2021 में सांकेतिक यात्रा की ही अनुमति दी गई थी।
अमरनाथ यात्रा 43 दिनों के बाद रक्षा बंधन पर समाप्त होगी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया कि इस बार की यात्रा सभी कोविड प्रोटोकॉल से तहत शुरू होगी।
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