उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा शुरू करने की तारीखों की घोषणा शनिवार को की थी लेकिन जोशीमठ के पास बद्रीनाथ राजमार्ग पर कई बड़ी दरारें फिर से दिखाई दी हैं। ऐसे में ये यात्रा कितनी सुरक्षित होगी, ये चिंता का विषय है।
गंगोत्री और यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं। गंगोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खुल रहे हैं। गंगोत्री प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थल है। गंगोत्री नगर से 19 किमी दूर गोमुख है, जो गंगोत्री हिमानी का अन्तिम छोर है और गंगा नदी का उद्गम स्थान है।
मंदिर कमेटी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, बद्रीनाथ धाम के कपाट इस साल 27 अप्रैल को सुबह 7:10 बजे से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। वसंत पंचमी के अवसर पर नरेंद्रनगर में आयोजित समारोह में कपाट खुलने की तारीख की घोषणा हुई है।
जोशीमठ में नई दरारें पड़ने से इलाके में हड़कंप मच गया है। दरअसल ये नई दरारें बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर देखी गई हैं। इन्हें देखने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और लोग डरे हुए नजर आ रहे हैं।
जोशीमठ में घरों, सड़कों और खेतों में दरारें लगातार बढ़ रही हैं। इतना ही नहीं यहां पर जमीन से अचानक पानी भी निकलने लगा है। इस बीच एक सदियों पुरानी भविष्यवाणी की चर्चा खूब हो रही है। आइए जानते हैं।
शीतकालीन के दौरान बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दिन तक सभी होटल, ढाबा व अन्य व्यवसायियों को बदरीनाथ धाम छोड़ने के लिए कहा जाता है। कपाट बंद होने के बाद आम लोगों को धाम तक जाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
आज श्री केदारनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक विधि-विधान के साथ शीतकाल हेतु बंद हो गए हैं। इस वर्ष कपाट खुलने के उपरांत लगभग 16 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए
3 मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा अब अपने समापन की ओर है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बार 42 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने यात्रा में हिस्सा लिया।
मोदी ने बताया कि किस तरह पिछली सरकारों ने 'गुलामी की मानसिकता' के कारण भारत के ऐतिहासिक मंदिरों की अनदेखी की।
PM Modi Kedarnath Badrinath Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए रोपवे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने हिमाचली परिधान पहन रखा था। पीएम मोदी हेलीपैड से सीधे मंदिर पहुंचे और भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया।
PM Modi Kedarnath Badrinath Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 8 साल के कार्यकाल में छठी बार केदारनाथ का दौरा कर रहे हैं। यहां मंदिर में पूजा अर्चना के बाद उन्होंने रोपवे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। केदारनाथ के बाद पीएम मोदी बद्रीनाथ पहुंचे।
PM Modi Kedarnath Visit: पवित्र धामों की यात्रा के दौरान पीएम मोदी केदारनाथ और बद्रीनाथ में पूजा-अर्चना भी करेंगे। इसके अलावा वो 34 सौ करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरूवार को वर्चुअल माध्यम से बद्रीनाथ और केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से इस बैठक में वर्चुअली भाग लिया।
Uttarakhand Rains: कभी बद्रीनाथ हाईवे पर लामबगड़ भूस्खलन जोन परेशानी का सबब बना हुआ था। 2013 के आपदा में इसका और विस्तार हो गया था। आपदा के बाद से ही इसके स्थायी ट्रीटमेंट की कार्ययोजना बनाई गई और विदेशी इंजीनियरों से भी राय ली गई।
बद्रीनाथ धाम की महायोजना तैयार करने के दौरान मंदिर के दाहिनी ओर की दीवार पर हल्की दरार दिखी है। मंदिर के पीछे स्थित ग्लेशियर से सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण कराया जाएगा।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की तुलना में इस यात्रा सीजन में अब तक डेढ़ माह की अवधि में दो तिहाई तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए।
15 मई तक तक चारों धाम में पांच लाख 14 हजार 129 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 1,86,668 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। मौसम इसी तरह साथ देता रहा तो आने वाले दिनों में यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।
बद्रीनाथ धाम में एक महिला तीर्थयात्री ने हार्ट अटैक से दम तोड़ दिया। वहीं पुलिस ने कंचन गंगा के समीप बद्रीनाथ हाईवे के किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए प्रत्येक धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए पूर्व निर्धारित अधिकतम संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी की गयी है।
अव्यवस्थाओं और कठिन परिस्थितियों के बीच वृद्ध और बीमार तीर्थयात्रियों की जान पर पैदल यात्रा भारी पड़ रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कठिन पैदल मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ठहरने के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं हैं।
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