अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के बीच चीन ने भारतीय रेपसीड ऑयल मील पर लगे पिछले पांच साल के प्रतिबंध को खत्म कर दिया है। चीन ऑयल मील का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
ट्रंप प्रशासन की ओर से भारी भरकम शुल्क लगाने के बावजूद अमेरिका के साथ चीन का व्यापार अधिशेष सितंबर में बढ़कर 34.1 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को बेस स्टेशन और डिजिटल लाइन प्रणाली सहित चुनिंदा संचार उपकरणों पर आयात शुल्क बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है।
श्रीलंका ने अपनी मु्द्रा में आई भारी गिरावट के बाद शनिवार को कारों और विलासिता की वस्तुओं के आयात पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं।
डॉलर के सामने रुपया 19 पैसे की मजबूती के साथ ही 72.41 प्रति डॉलर पर खुला है। फिलहाल डॉलर का भाव घटकर 72.40 रुपए के भी नीचे आ गया है
अमेरिका से चीन को लगभग 500 अरब डॉलर का निर्यात होता है, यानि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगभग आदे चीनी आयात पर आयात शुल्क लगा चुके हैं
सरकार चीन से आयात होने वाले स्मार्टफोन के पार्ट पर आयात शुल्क लगाने की तैयारी कर रही है
यह शुल्क 24 सितंबर से शुरू हो जाएगा और इस साल के अंत तक इसे बढ़ाकर 25 फीसदी किया जाएगा
सरकार को चालू खाते के घाटे को बढ़ने से रोकने के लिये निर्यात बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये।
चीन से आयातित इस्पात की चुनिंदा किस्मों पर भारत पांच वर्ष के लिए 185.51 डॉलर प्रति टन का डंपिंग रोधी शुल्क लगा सकता है। घरेलू विनिर्माताओं के हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया जा सकता है।
रुपया 37 पैसे की कमजोरी के साथ 71.58 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ है जो इसका सबसे निचला स्तर है
नीति आयोग ने सरकार को सोने पर आयात शुल्क घटाने का सुझाव दिया है। फिलहाल सोने पर आयात शुल्क की दर 10 प्रतिशत है। इसी तरह सरकारी शोध संस्थान ने बहुमूल्य धातु पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर भी मौजूदा तीन प्रतिशत से नीचे लाने का सुझाव दिया है।
चीन से आयात होने वाले 16 अरब डॉलर मूल्य के सामानों पर गुरुवार से नए अमेरिकी टैरिफ लागू कर दिए गए हैं। इस कदम के जवाब में चीन ने भी इतनी ही राशि के अमेरिकी सामानों पर अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं।
भारत सरकार द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद चीन से पटाखों का आयात निरंतर जारी है, ऐसे में भारतीय पटाखा उद्योग से जुड़े 8 लाख लोगों के रोजगार पर चिंता के बादल मंडरा रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन इस सप्ताह 16 अरब डॉलर मूल्य के चीनी सामान पर 25 फीसदी शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जारी है।
सस्ते और कम गुणवत्ता वाले चीनी माल की देश में बढ़ती डंपिंग और उससे घरेलू उद्योग को होने वाले नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने सरकार से किसी भी तरह के अवैध, संरक्षणवादी और अनुचित व्यापार व्यवहार के समक्ष घरेलू उद्योगों को पूर्ण सुरक्षा देने की सिफारिश की है।
सरकार द्वारा कपड़ा उत्पादों पर आयात शुल्क को दोगुना किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए जयपुर चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई) ने कहा है कि इससे घरेलू उद्योगों को फायदा होगा।
अमेरिका की ओर से शुल्क लगाने का यह दूसरा चरण है। यह शुल्क 23 अगस्त से लागू होगा
सरकार ने लगभग 328 टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स पर आयात शुल्क को करीब दोगुना करके 20 प्रतिशत कर दिया है
सरकार द्वारा देश में खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने के बाद तेल आयातकों ने बांग्लादेश के रास्ते खाद्य तेल का शुल्क मुक्त आयात करना शुरू कर दिया है।
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