बढ़ती महंगाई के बीच ऐसे कई बैंक हैं जो सीनियर सिटीजंस को 5 साल की एफडी स्कीम पर तगड़ा ब्याज दे रहे हैं। आइए ऐसे 5 बैंको के बारे में जानते हैं।
इस महंगाई के दौर में भी ऐसे 5 बैंक हैं जहां ग्राहकों को मिल रहा सबसे सस्ता होम लोन। आपके EMI का बोझ भी कम होगा।
क्या ईपीएफओ 2021-22 के लिए भी 2020-21 की तरह 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर को कायम रखेगा, यादव ने कहा कि यह फैसला अगले वित्त वर्ष के लिए आमदनी के अनुमान के आधार पर किया जाएगा।
एफडी कराने से पहले बैंकों द्वारा दिए जा रहे ब्याज को लेकर रिसर्च करें। उसके बाद शर्तों को जानें और फिर फैसला लें कि कहां एफडी करना बेहतर होगा।
चन्नी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भूमि मालिक आमतौर पर राज्य के स्वामित्व वाले विकास प्राधिकरणों द्वारा आवासीय कॉलोनियों की स्थापना के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे में वृद्धि के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाते हैं।
रिजर्व बैंक ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से सभी मियादी ऋण पर एक मार्च से 31 मई, 2020 तक की किस्तों के भुगतान पर छूट दी थी। बाद में इस अवधि को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया था।
ब्याज से राहत पाने वाली इन आठ श्रेणियों में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई), शिक्षा, आवास, टिकाऊ उपभोक्ता, क्रेडिट कार्ड, वाहन, व्यक्तिगत और उपभोग कर्ज शामिल हैं।
योजना पर अमल करते हुए सार्वजनिक के साथ ही साथ निजी क्षेत्र के बैंक ग्राहकों को संदेश भेजकर भारत सरकार की ब्याज पर ब्याज छूट योजना के तहत लौटाई जाने वाली राशि की जानकारी दे रहे हैं।
ब्याज पर ब्याज से छूट योजना में एमएसएमई ऋण, शिक्षा ऋण, गृह ऋण, उपभोक्ता सामान ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटोमोबाइल ऋण, प्रोफेशनल्स के लिए पर्सनल लोन और उपभोग ऋण के तहत 2 करोड़ रुपए तक के ऋण को शामिल किया गया है।
क्रिसिल के अनुसार अगर 2 करोड़ रुपये तक कर्ज लेने वाले पात्र कर्जदारों को ब्याज-पर-ब्याज समेत पूरी तरह से ब्याज पर छूट दी जाती तो सरकारी खजाने पर बोझ 1.5 लाख करोड़ रुपये पड़ता। इससे सरकार के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र के लिये वित्तीय मोर्चे पर समस्या होती।
वित्तीय सेवा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार कर्जदार संबंधित ऋण खाते पर योजना का लाभ ले सकते हैं।
ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज को दो किस्तों में देने का ऐलान किया है। पहली किस्त दिवाली से पहले मिल सकती है। EPF बैलेंस जानने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है, इसमें एसएमएस, ईपीएफओ पोर्टल, उमंग एप और मिस्ड कॉल शामिल हैं।
समिति कोविड-19 अवधि के दौरान कर्ज किस्त पर दी गई छूट अवधि में ब्याज और ब्याज पर ब्याज से राहत दिए जाने का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करेगी।
सकल जीएसटी देनदारी में से इनपुट टैक्स क्रेडिट को घटाने के बाद शुद्ध जीएसटी देनदारी बनती है। वहीं सकल जीएसटी देनदारी पर ब्याज की गणना करने से कारोबारियों पर अधिक भुगतान करने का दबाव होगा।
पाकिस्तान में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए बने पीएम कोरोना रिलीफ फंड का दस अरब रुपया देश के ऊर्जा क्षेत्र पर चढ़े कर्ज के ब्याज को चुकाने के लिए किया जाएगा। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
सरकार ने विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.2 प्रतिशत कटौती करने की घोषणा की है।
अगर आप नौकरी छोड़ चुके हैं या रिटायर होने के बाद यह उम्मीद पाले बैठें है कि आपके EPF खाते पर ब्याज मिलेगा तो यह आपकी गलतफहमी है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अनुमान के मुताबिक अपनी क्रेडिट पॉलिसी में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। रेपोरेट को 6 फीसदी, रिवर्स रेपो रेट को 5.75 फीसदी और MSF को 6.25 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।
Irdai ने बीमा कंपनियों को निर्देश जारी किया है कि वे 30 दिनों के भीतर क्लेम का निपटान करें नहीं तो बैंकों की तुलना में 2 फीसदी ज्यादा ब्याज देना होगा।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एक वित्त वर्ष में कुल टैक्स रकम का किस्तों में भुगतान करने के लिए एडवांस टैक्स (Advance Tax) पेमेंट की सुविधा प्रदान करता है
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