शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन बेंगलुरू स्थित श्री कांतीरवा स्टेडियम में होगा। पहली सिद्धारमैया ने साल 2013 में इसी मैदान में शपथ ली थी।
कर्नाटक में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत से जीत मिली लेकिन 5 दिनों तक मुख्यमंत्री के नाम को लेकर बेंगलुरु से दिल्ली तक खींचतान चलती रही। अब सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लग गई है जिसके बाद बेंगलुरु में जश्न की तैयारी शुरू हो गई है।
इससे पहले कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी का ऑफर ठुकरा दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के फॉर्मूले को सिरे से खारिज कर दिया।
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव साल के अंत में होने वाले हैं और दिल्ली और हैदराबाद दोनों में कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग को लगता है कि पार्टी को अपने पूर्व गढ़ में अपना गौरव बहाल करने के लिए शिवकुमार जैसे चेहरे की जरूरत है।
नकवी ने कहा, यही गलतफहमी 2018 में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश आदि के चुनाव में विपक्ष के बेहतर प्रदर्शन के बाद कुछ सियासी सूरमाओं को भी हो गई थी।
कर्नाटक विधानसभा में बंपर जीत मिलने के बाद भी कांग्रेस की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सिद्धारमैया या डीके शिवकुमार किसको सीएम की कुर्सी पर बैठाए-इसे लेकर असमंजस की स्थिति है। इस बीच डीके शिवकुमार ने बड़ी बात कह दी है।
मैं कर्नाटक की जनता, मतदाताओं को सैल्यूट करती हूं और कांग्रेस पार्टी को जीत की बधाई देती हूं। अब छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के चुनाव हैं, यहां भी भाजपा को शिकस्त मिलेगी।
डीके शिवकुमार ने कहा कि व्यक्ति पूजा की कोई गुंजाइश नहीं है। पार्टी सर्वोच्च है। यह सिद्धारमैया या शिवकुमार की जीत नहीं है। यह वह परिणाम है जो भारत को एकजुट करेगा।
शिवकुमार ने कनकपुरा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदान का 75 प्रतिशत हासिल करके जनता दल-सेक्युलर के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बी नागराजू को एक लाख से अधिक मतों से हराया। शिवकुमार को 1,41,117 मत मिले
गांधी नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के दिनेश गुंडू ने सबसे कम 105 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी के सप्तगिरि गौड़ा ए आर को हराया।
उन्होंने कहा,'राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा में काफी मेहनत की। राहुल बीजेपी के गलत कामों का जिक्र करते हैं और वे निडर हैं।
डीके शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे राहुल गांधी संग भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी देखे गए थे। यही नहीं राहुल गांधी और सोनिया गांधी के वे बेहद करीबी माने जाते हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणामों में भले ही कांग्रेस ने शुरुआती रुझानों में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया हो, लेकिन अभी भी भाजपा के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को भरोसा है कि लोगों ने भाजपा को ही वोट दिया है। वोटों की गणना जारी रहने के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे कर्नाटक के लिए दिन बड़ा है।
कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत और खंडित जनादेश दोनों के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाई हैं। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार पूरी तरह एक्टिव हो गए हैं।
इस लेख के जरिए हम आपको कर्नाटक से जुड़े आपके सवालों का हम जवाब देने वाले हैं। इस लेख में लिंगायत, भाजपा का अस्तित्व, महिला पुरुष वोटर संबंधित कई सवालों के जवाब देने वाले हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजे आने में अब बस कुछ ही वक्त बचा है लेकिन नतीजों से पहले ही सत्ता का खेल शुरू हो गया है। पार्टी के नेता अभी से जोड़तोड़ में जुट गए हैं।
जोरदार प्रचार के बाद कर्नाटक में 10 मई को बंपर वोटिंग हुई थी। पिछली बार से ज्यादा करीब 73 फीसदी वोटिंग हुई और आज नतीजे आ गए हैं। बॉम्बे कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर किसे मिलीं कितनी सीटें-जानिए
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राज्य कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार समेत सभी की सीटों पर लोगों की निगाहें टिकी रहेंगी। इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने वाला है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हमें विश्वास है कि हम पूर्ण बहुमत से जीतेंगे और कर्नाटक में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी। बोम्मई ने एग्जिट पोल के उन नतीजों को सिरे से खारिज कर दिया।
हैदराबाद कर्नाटक रीजन पर नजर डालें तो इस क्षेत्र के 6 जिलों को मिलाकर कुल 40 विधानसभा सीटें हैं। हैदराबाद कर्नाटक यानी कर्नाटक का वो इलाका जो हैदराबाद से लगा हुआ है।
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