संसद का मानसून सत्र सांसदों के शोर गुल और हंगामे की भेंट चढ़ गया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया है।
संसद का मानसून सत्र बुधवार को समाप्त हो गया। दोनों सदनों में काफी हंगामा हुआ। सरकार ने हंगामे को कमेटी बना कर दोषी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
विपक्षी सांसदों ने 'खेला होबे' के नारे लगाते हुए लोकसभा में हंगामा किया और 'पेगासस प्रोजेक्ट' रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की। सांसदों ने कागजात भी फाड़ दिए, जिससे व्यवधान हुआ।
संसद का मानसून सत्र सांसदों के शोर गुल और हंगामे की भेंट चढ़ गया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया है। लोकसभा का मानसून सत्र 13 अगस्त तक के लिए निर्धारित था। पेगासस जासूसी मामला, तीन केंद्रीय कृषि कानून को वापस लेने की मांग सहित अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के शोर-शराबे के कारण पूरे सत्र में सदन में कामकाज बाधित रहा और सिर्फ 22 प्रतिशत कार्य निष्पादन हुआ।
लोकसभा ने मंगलवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंजूरी दे दी, जो राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र को सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की स्वयं की राज्य सूची/संघ राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने के अधिकार को बहाल करने से जुड़ा है।
आज ओलंपिक के विजेता अपने देश वापस लौट रहे हैं। जहां एक ओर दिल्ली में उनके विशेष स्वागत की तैयारी चल रही है वहीं आज संसद में भी सभी खिलाड़ी को बधाई दी गई।
पेगासस मुद्दे पर मानसून सत्र में बार-बार व्यवधान देखा गया, जिससे दोनों सदनों को कई बार स्थगित करना पड़ा। विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा चाहता है, जबकि सरकार ज्यादा उत्सुक नहीं है।
पेगासस मामले में संसद में हंगामा आज भी जारी है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस को संसद में चर्चा का विषय बनाने की बात की और साथ ही अब लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई है।
आज लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने भी हंगामा शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस जासूसी मामले पर सदन में चर्चा की मांग की।
बुधवार को विपक्षी सांसदों द्वारा लोकसभा चेयर पर कागज फेंकने की घटना के बाद आज गुरुवार को फिर से संसद की कार्रवाई जब शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों को समझाया और सभी सांसदों से संसद की गरिमा को बनाए रखने की अपील की, लेकिन इसके बावजूद हंगामा कम नहीं हुआ।
पेगासस जासूसीऔर कृषि कानूनों के मुद्दे पर विपक्ष का संसद में हंगामा जारी है। बुधवार को राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। इसके बाद कार्रवाई 12 बजे तक स्थगित हो गई।
23 जुलाई को कार्यवाही बाधित होने के दो दिन बाद, 27 जुलाई को पेगासस जासूसी विवाद और किसानों के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा नारे और तख्तियां लगाए जाने के बाद संसद के दोनों सदनों में तूफानी नजारा देखने को मिला। दोनों सदनों को बार-बार स्थगित किया गया। विपक्षी सदस्यों के विरोध के चलते लोकसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को विपक्ष के सदस्यों के बीच हंगामे से विवाद पर अपने बयान को छोटा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। जैसे ही श्री वैष्णव पेगासस पर बोलने के लिए उठे, तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने उनके कागजात छीन लिए, फाड़े और डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह पर फेंक दिए। इसने मंत्री को इसके बजाय मेज पर कागज रखने के लिए मजबूर किया।
पेगासस जासूसी मुद्दे सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद मंगलवार को दोपहर के भोजन से पहले की अवधि के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित कर दी गई।
किसान आंदोलन के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रताप सिंह बाजवा ने नियम 267 के तहत निलंबन का नोटिस दिया है |
मंगलवार को विपक्ष ने जासूसी केस को लेकर सदन में जमकर हंगामा। विपक्ष संसद के मानसून सत्र में सरकार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों, पेगासस जासूसी मामला समेत विभिन्न विषयों पर घेरने का प्रयास कर रहा है ।
केंद्र सरकार ने मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, व्यापारियों और अन्य लोगों सहित प्रमुख व्यक्तियों के फोन टैप करने के आरोपों को खारिज कर दिया। सरकार ने कहा कि भारत द्वारा व्हाट्सएप पर पेगासस के इस्तेमाल के संबंध में पूर्व में भी इसी तरह के दावे किए गए थे। बयान में कहा गया है कि उन रिपोर्टों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और सर्वोच्च न्यायालय में व्हाट्सएप सहित सभी पक्षों द्वारा स्पष्ट रूप से इनकार किया गया था।
प्रधानमंत्री ने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्रियों का यहां परिचय कराया जाए।
आज संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है। इस सत्र की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए मंत्रियों का परिचय करवाने के लिए जैसे ही खड़े हुए विपक्ष की तरफ से हंगामा शुरू हो गया।
मैं सोच रहा था कि आज सदन में उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बहुत बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद, दलित भाई, आदिवासी, किसान परिवार से सांसदों को मंत्री परिषद में मौका मिला। उनका परिचय करने का आनंद होता l लेकिन शायद देश के दलित, महिला, ओबीसी, किसानों के बेटे मंत्री बनें ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है। इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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