मराठा नेता मनोज जरांगे ने कहा कि अगर छगन भुजबल मराठा आरक्षण की राह में रोड़े अटकाते रहे तो हमारा धैर्य जवाब दे जाएगा और हमें मंडल आयोग को चैलेंज करना पड़ेगा।
मनोज जारांगे पाटिल ने बुधवार को कहा कि पिछले 70 वर्षों में यह पहली बार है कि मराठा समुदाय को आरक्षण के लिए मजबूत कानून मिला है।
मनोज जरांगे ने छगन भुजबल द्वारा इस्तीफे की बात करने पर कहा कि कोई भी व्यक्ति दबाव बनाने की इस तरह की रणनीति के आगे नहीं झुकेगा।
मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब सरकार में ही दो फाड़ होते नजर आ रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार ने किसी तरह से इस आंदोलन को समाप्त कराया तो वहीं अब छगन भुजबल ने खुल कर सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
मराठा आंदोलन वापस लेने पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जरांगे का अभिनंदन किया साथ ही ये कहा कि जिन्होंने पुलिस को मारा है और घर जलाए हैं उनके खिलाफ मुकदमे वापस नहीं होंगे।
सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल को जूस पिलाकर उनका अनशन तोड़ा। जरांगे ने कल ही इस बात की जानकारी दी थी कि उनकी मांगे मान ली गई हैं।
मराठा आरक्षण को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा था। आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि हमारा अनुरोध स्वीकार कर लिया गया है और इसके साथ ही हमारा विरोध भी समाप्त हो गया है। जरांगे आज सीएम की मौजूदगी में आंदोलन समाप्त करेंगे।
मनोज जरांगे पाटिल ने शिंदे सरकार को कल दोपहर तक का समय दिया है। अगर उनकी मांगे सरकार नहीं मानती है तो वे फिर आजाद मैदान जाकर अपनी भूख-हड़ताल को जारी करेंगे।
मराठा आरक्षण के मुख्य नेता मनोज जरांगे पाटिल को मुंबई पुलिस ने नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि 26 जनवरी को वह लाखों की संख्या में अपने साथ लोगों को लेकर मुंबई आ रहे हैं। ऐसे में वह शिवाजी पार्क/आज़ाद मैदान में ना जाएं।
मनोज जरांगे पाटिल ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने सरकार को 7 महीने का समय दिया था और आगे कोई विस्तार देने के मूड में नहीं है। साथ ही संकल्प लिया कि आरक्षण दिए जाने तक मराठा मुंबई नहीं छोड़ेंगे।
ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ओबीसी समाज को लिखित आश्वासन दिया है कि मराठा को ओबीसी समाज के अंदर से रिजर्वेशन नहीं दिया जाएगा। यदि गलती से भी सरकार या कदम उठाती है तो 400 जातियां सड़क पर आ जाएगी।
मराठा आरक्षण आंदोलन के जननायक मनोज जरांगे पाटिल एक फिर आमरण अनशन करने वाले हैं। 20 जनवरी को मराठा एक बार फिर मुंबई रवाना होंगे और पाटिल यहां आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे। इस दौरान उन्होंने सरकार को कहा कि इससे पहले अगर आरक्षण दे दिया थो ठीक वरना हम आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा है कि राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को नया इम्पेरिकल डेटा तैयार करने के लिए कहा है और उन्हें पर्याप्त जनशक्ति, कार्यालय और 360 करोड़ की धनराशि प्रदान की है।
मनोज जरांगे ने कहा कि सरकार ने पहले ही कहा था कि वह अंतरवाली सराटी में हुई घटना से संबंधित मामले वापस ले लेगी। मगर उन्होंने वहां लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, कुछ ऐसी चीजें हुई हैं जिस कारण बैठक को पहले ही बुलाना पड़ रहा है।
मराठा आरक्षण आंदोलन का प्रमुख चेहरा मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत खराब हो गई है। बीड जिले के अम्बा जोगई के थोराट अस्पताल में उनका इलाज जारी है। बता दें कि पाटिल अम्बाजोगई में एक सभा में भाग लेने गए थे। इस दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई।
हेमंत पाटिल ने शिवसेना के टिकट पर महाराष्ट्र की हिंगोली से लोकसभा का चुनाव जीता था। जब शिवसेना में टूट हुई तो वह एकनाथ शिंदे कैंप में शामिल हो गए थे। हालांकि, मराठा आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
मराठा समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण का मुद्दा इस वक्त महाराष्ट्र की सड़क से लेकर सियासत तक गर्म है। लेकिन मराठा आरक्षण को लेकर अब बागेश्वर बाबा ने भी बयान दिया है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मराठा आरक्षण को समर्थन देने का ऐलान किया है।
छगन भुजबल ने आज OBC सभा में मराठा आंदोलन के बड़े चेहरे जरांगे पाटिल को निशाना बनाया। मंत्री ने ललकारा कि अगर आपने पक्षपात किया तो ओबीसी भी शांत नहीं बैठेगा, जैसे को तैसा जवाब दिया जाएगा।
बिहार में आरक्षण बढ़ाने को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। इस बीच कांग्रेस पार्टी के नेता विजय वेडेट्टीवार ने कहा कि सरकार बेसिक मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही है। जब बिहार सरकार आरक्षण का फीसदी प्रतिशत बढ़ा सकती है तो महाराष्ट्र सरकार क्यों नहीं।
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि 24 दिसंबर तक घोषणा नहीं हुई तो इसे रोकने वाले नेताओं के नामों का खुलासा करेंगे। गौरतलब है कि जरांगे ने पिछले हफ्ते ही अनशन खत्म किया था।
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