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महाराष्ट्र:विधानसभा के विशेष सत्र से पहले कैबिनेट की बैठक शुरू, मराठा आरक्षण पर लग सकती है मुहर

महाराष्ट्र विधानसभा का आज एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में मराठा आरक्षण पर चर्चा होने के आसार हैं। माना जा रहा है कि सरकार मराठा आरक्षण पर बड़ा कदम उठा सकती है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Feb 20, 2024 9:57 IST, Updated : Feb 20, 2024 10:13 IST
एकनाथ शिंदे, सीएम, महाराष्ट्र- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE एकनाथ शिंदे, सीएम, महाराष्ट्र

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा का आज एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में मराठा आरक्षण पर चर्चा होने की संभावना है। इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिंदे ने विशेष विधानसभा सत्र में रिपोर्ट पेश करने के बाद कहा था कि मराठाओं को कानून के मुताबिक आरक्षण दिया जाएगा। इस बीच शिंदे कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है। 

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा था- हमने लगभग 2-2.5 करोड़ लोगों पर एक सर्वे किया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि ओबीसी समुदाय इस प्रक्रिया में पीछे न रहे, सरकार कैबिनेट समिति को रिपोर्ट पेश करेगी। इसके लिए 20 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र रखा गया है। विधानसभा का विशेष सत्र, जिसके बाद मराठा आरक्षण कानून की शर्तों के अनुसार दिया जाएगा।

मराठा समुदाय की विभिन्न मांगो पर चर्चा

विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने का फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक नोट में कहा गया कि कैबिनेट बैठक ने मराठा समुदाय की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए मंगलवार को विधानमंडल का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी है।मराठा आरक्षण की मांग को लेकर  मनोज जारांगे पाटिल जालना जिले के अंतरवाली सारती गांव में भूख हड़ताल पर बैठे हैं और सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। इसी वजह से सरकार ने आज विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया है।

 पिछड़ा वर्ग आयोग ने पिछले हफ्ते सौंपी थी सर्वे रिपोर्ट

पिछले हफ्ते महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन पर अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया था। सीएम शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार समुदाय को आरक्षण देने के बारे में सकारात्मक है। इस रिपोर्ट से सरकार को आवश्यक आंकड़ों के साथ मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने वाला कानून बनाने में मदद मिलेगी। इस व्यापक कवायद में लगभग 2.5 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया। 

सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे फिलहाल मराठा आरक्षण को लेकर जालना जिले में अपने पैतृक स्थान पर 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। शिंदे ने इस बात पर जोर दिया कि अन्य समुदायों के मौजूदा आरक्षण को छेड़े बिना मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कार्यकर्ता जरांगे से अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करने का भी आग्रह किया और कहा कि समुदाय को आरक्षण देने के बारे में राज्य सरकार का रुख सकारात्मक है। सर्वेक्षण 23 जनवरी को पूरे महाराष्ट्र में शुरू हुआ जिसमें राज्य सरकार के 3.5 लाख से चार लाख कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। यह सर्वेक्षण 2. करोड़ परिवारों पर किया गया। (इनपुट-एजेंसी)

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