सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम 15 दिन का वक्त देते हैं, ताकि राज्यों को प्रवासी श्रमिकों के परिवहन को पूरा करने की अनुमति दी जा सके। इसके साथ ही सभी राज्य रिकॉर्ड पर बताएं कि वे कैसे रोजगार और अन्य प्रकार की राहत प्रदान करेंगे।
देशभर में 25 मार्च से 31 मई के बीच लॉकडाउन के दौरान करीब 200 प्रवासी कामगारों की मौत घर लौटने के दौरान 1,461 सड़क दुर्घटनाओं में हुई है।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस आशय की जानकारी सरकार से मांगी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपने गृह नगर जाने की कोशिश कर रहे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं से हम व्यथित हैं। हमारे ध्यान में आया है कि रजिस्ट्रेशन, परिवहन और भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था में कई कमियां हैं।
महाराष्ट्र से 93 श्रमिक विशेष ट्रेनों से 1.35 लाख प्रवासी मजदूर अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गये हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
प्रवासी लगातार रेलवे स्टेशनों के बाहर इस उम्मीद के साथ लाइन लगा रहे हैं कि वे आखिरकार अपने गृहनगर पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को रोजगार देने के इच्छुक अन्य राज्यों को यूपी सरकार की मंजूरी लेनी होगी।
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के यात्रियों के बीच वितरण के लिए रखी स्नैक्स और पानी की बोतलों को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रवासियों श्रमिकों ने लूट लिया।
केंद्र ने शनिवार को कहा कि देश भर में करीब चार करोड़ प्रवासी श्रमिक विभिन्न कार्यों में लगे हुए हैं और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से अब तक उनमें से 75 लाख लोग ट्रेनों और बसों से अपने घर लौट चुके हैं।
सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए बसों का इंतजाम कर रहे हें। उनके इस नेक काम के लिए महाराष्ट्र के मिनिस्टर जयंत पाटिल ने उनकी तारीफ की है।
प्रवासी मज़दूरों की दुर्दशा के पीछे कांग्रेस ही असली दोषी है: मायावती
वाहनों के 1049 पंजीकरण विवरणों के विश्लेषण से पता चला कि उनमें से 31 को ऑटो / थ्री-व्हीलर के रूप में पंजीकृत किया गया था, जिनमें से 69 को एम्बुलेंस / स्कूल बस / ट्रक के रूप में पंजीकृत किया गया था और 70 वाहनों के लिए कोई विवरण उपलब्ध नहीं था।
आज के हालात में स्पेशल ट्रेनों की संख्या को कम नहीं किया जा सकता है, और ना ही प्रवासियों को बगैर क्वॉरन्टीन के अपने गांवों में घुसने की इजाजत दी जा सकती है।
बिहार में दूसरे राज्यों से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आ रहे प्रवासियों को स्टेशन से बस के जरिए उनके गृह जिले में बने ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर में ले जाया जाता है, जहां उन्हें 14 दिन रहना होता है लेकिन कुछ जगहों पर यह देखने को मिल रहा है कि प्रवासी मजदूर स्टेशन से कुछ पहले ही ट्रेन को वैक्यूम करके उतर जाते हैं।
राकांपा नेता और राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को कहा कि प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र से अब तक कुल 325 विशेष ट्रेनें रवाना की गई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि प्रवासी कामगारों की सम्मानजनक और सुरक्षित वापसी के लिए केन्द्र एवं उप्र सरकार ने निःशुल्क ट्रेन तथा बस सेवा की व्यवस्था की है।
यूपी सरकार द्वारा लॉकडाउन के मानदंडों में कुछ ढील दिए जाने के बाद मंगलवार को दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर भारी संख्या में प्रवासी कामगारों की भीड़ उमड़ी |
बिहार में प्रवासी मजदूरों के आने के बाद कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई। अब कहा जा रहा है कि आने वाले प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजे जाने के पहले ही उनकी जांच हो जाती और उनका इलाज हो जाता, तो शायद कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोका जा सकता था।
मुंबई में बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों की भीड़ एकत्रित हुई | केवल वे लोग जिन्होंने अपना पंजीकरण कराया था उन्हें ही ट्रेन में घुसने की अनुमति दी गई, बाकी को बाद में पुलिस ने भेज दिया।
भारत में कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या सोमवार रात को एक लाख की सीमा को पार कर गई। इसके साथ ही पब्लिक हेल्थ प्लानिंग से जुड़े लोगों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं।
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