देश के कई हिस्सों में बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात के कई हिस्सों में बारिश के बाढ़ जैसे हालात हैं, कई नदियां उफान पर हैं, सड़कों से लेकर गलियां तक बारिश के पानी में डूबीं।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक जून के दौरान देशभर में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से सिर्फ 6 में सामान्य और 1 में सामान्य से ज्यादा बरसात हुई है, 24 राज्य ऐसे हैं जहां सामान्य से कम और 5 राज्यों में सामान्य से बहुत कम बरसात दर्ज की गयी है।
मुंबई और उसके आस-पास के इलाकों में शनिवार को दूसरे दिन भी भारी बारिश जारी रही। अधिकारियों ने बताया कि बारिश से शहर में सामान्य जीवन भले ही ज्यादा प्रभावित न हुआ हो लेकिन बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम पांच व्यक्ति घायल हो गए।
शुक्रवार सुबह से ही मुंबई में भारी बरिश देखी जा रही है और सड़कों पर पानी भर चुकी है जिस वजह से अधिकतर इलाकों में सड़कें जाम हो चुकी हैं
लखनऊ तथा इसके आस-पास के क्षेत्रों में बादल छाने से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। सुबह से ही धूप-छांव के बार-बार आने के कारण उमस भी कम है।
उत्तर भारत इस समय भीषण गर्मी से तप रहा है। दिल्ली सहित पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सूरज की तपिश से लोगों का हाल बेहाल है।
अरब सागर में उठा चक्रवात 'वायु' भले ही गुजरात को नुकसान पहुंचाए बिना ओमान की ओर बढ़ गया हो, लेकिन इससे मौसमी परिस्थितियों पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि मानसून के आने में देरी से जून के पहले नौ दिनों में देश में वर्षा की कमी बढ़कर 45 प्रतिशत हो गई है।
दिल्ली में चिलचिलाती धूप के साथ अधिकतम तापमान 43. 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से चार डिग्री अधिक है। मौसम विभाग ने सोमवार को भी राष्ट्रीय राजधानी में लू चलने का पूर्वानुमान लगाया है।
मौसम विभाग के अनुसार लक्षद्वीप और अरब सागर के पूर्वमध्य हिस्से में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, इसके चलते अगले 48 घंटों में असर सागर से लगे हुए दक्षिण पूर्व व पूर्व मध्य इलाकों में तेज हवाओं के साथ अच्छी बारिश दर्ज की जा सकती है।
कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को मई महीने की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी हो सकते हैं। अप्रैल में डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर 3.1 फीसदी दर्ज की गई थी।
गर्मी से तप रहे भारत के लिए मानसून का इंतजार आज खत्म हो गया है। शनिवार को मानसून केरल के तट से टकरा गया। जिसके बाद से राज्य के तटीय इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है।
मौसम को लेकर भारतीय मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक केरल में 11 जून तक लगातार भारी बरसात का अनुमान है। ऐसी उम्मीद है कि मानसून के पहुंचने की वजह से ही यह बरसात होगी।
मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक मॉनसून में और देरी हो गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून (Monsoon) की शुरुआत में एक हफ्ते की देरी हो सकती है और अब इसके 8 जून तक केरल में दस्तक देने की संभावना है।
तीन महीने की अवधि का मॉनसून से पहले का सीजन- मार्च, अप्रैल और मई 25 प्रतिशत कम वर्षा के साथ समाप्त हुआ।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि पिछले 14 सालों के दौरान मानसून के पहुंचने की उसकी भविष्यवाणी 13 बार सही निकली है, सिर्फ एक बार यानि 2015 में उसका अनुमान सही नहीं गया था।
स्काईमेट ने कहा है कि मानसून 2019 22 मई को अंडमान और निकोबाद द्वीप पर पहुंचेगा।
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून सीजन के दौरान सामान्य यानि 96 प्रतिशत बरसात का अनुमान है। इसमें 5 प्रतिशत बरसात ऊपर-नीचे हो सकती है।
स्काइमेट वेदर के मुताबिक इस साल सामान्य से बहुत ज्यादा यानि 110% से अधिक बरसात की जरा भी संभावना नहीं है, सामान्य से ज्यादा (105%-110%) बरसात की संभावना भी नहीं है, जबकि सिर्फ 30 प्रतिशत संभावना सामान्य (96%-104%) बरसात की है
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