केंद्र ने 25 जनवरी तक 583.31 लाख टन धान की खरीद की है, जो एक साल पहले की अवधि में 483.92 लाख टन की खरीद के मुकाबले 20.53 प्रतिशत अधिक है। धान की अब तक 583.31 लाख टन की कुल खरीद में से, पंजाब का योगदान 202.77 लाख टन है।
सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खरीफ मार्केटिंग सीजन में अब तक एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की धान खरीदी जा चुकी है और इससे करीब 77 लाख किसानों को फायदा मिला है। धान की खरीद में पिछले साल के मुकाबले 27 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है।
मंत्रालय के मुताबिक खरीफ सीजन में अब तक 98 हजार करोड़ रुपये ज्यादा की खरीद हो चुकी है, जिससे 67.89 लाख किसानों को फायदा मिला है। वहीं कुल 521 लाख टन धान की खरीद में पंजाब की हिस्सेदारी 202.77 लाख टन रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का पूरा लाभ दिलाना राज्य सरकार की मंशा है। मुख्यमंत्री बुधवार को यहां लोक भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध जारी है। सरकार ने किसान संगठनों को बुधवार 30 दिसबंर को एक बार फिर बातचीत के लिए बुलाया है जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं किसान यूनियनों ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भाषण किसानों को ''बांटने और गुमराह'' करने का प्रयास प्रतीत होता है।
सिंह ने कहा, लोग इन कृषि कानूनों को लेकर किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं कि वे उनके हित में नहीं हैं। मैं एक किसान का बेटा हूं और मैंने खेतों में काम किया है।
आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने गुरुवार को आरोप लगाया कि वार्ता के लिए सरकार का नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि किसानों के बारे में एक दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत को इच्छुक नहीं हैं।
अनाज खरीद की ऐतिहासिक प्रवृत्ति को देखा जाए तो कुल गेहूं उत्पादन का केवल 25 से 35 प्रतिशत की ही खरीदी होती रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नए कृषि कानून रातों-रात नहीं लाए गये हैं, बल्कि राजनीतिक दल, कृषि विशेषज्ञ और यहां तक कि किसान भी लंबे समय से इनकी मांग कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश में धान खरीद को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में तैयार हुई योजना असरदार साबित हुई है।
पीएम मोदी ने कहा कि कृषि सुधारों से जुड़ा एक और झूठ फैलाया जा रहा है APMC यानि हमारी मंडियों को लेकर। हमने कानून में क्या किया है? हमने कानून में किसानों को आजादी दी है, नया विकल्प दिया है।
मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 22.5 प्रतिशत बढ़कर 368.7 लाख टन तक पहुंच गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर लिखित गारंटी दे सकती है, इसके अलावा प्रस्ताव में यह भी भरोसा दिलाया जा सकता है कि कृषि उपज मंडियां (APMC) पहले की तरह काम करती रहेंगी
किसान सरकार द्वारा तय एमएसपी पर फसलों की गारंटी की मांग कर रहे हैं। मगर, एमएसपी की गारंटी देने पर सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि सरकार को बजट का एक बड़ा हिस्सा एमएसपी पर ही खर्च होगा।
उन्होंने कहा कि यदि इन कानूनों का क्रियान्वयन होता है, तो इस बात की काफी अधिक संभावना है कि किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी।
सब्जियों का आधार मूल्य, उनकी उत्पादन लागत से 20 प्रतिशत अधिक होगा। यहां तक कि अगर बाजार मूल्य इससे नीचे चला जाता है, तो किसानों से उनकी उपज को आधार मूल्य पर खरीदा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन में जारी धान की खरीदी में गड़बड़ी पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।
चालू वर्ष के लिए, केंद्र ने सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 1,868 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि धान के ए ग्रेड किस्म का एमएसपी 1,888 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। 18 दिन में 10500 करोड़ रुपये की खरीद की गई
एफसीआई ने अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर 10 अक्टूबर तक 3.22 लाख किसानों से 37.92 लाख टन धान की खरीद की है, जिसकी कुल एमएसपी 7,159.39 करोड़ रुपये से अधिक है
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