गेहूं की खरीद 27 मई तक 400.45 लाख टन की हो चुकी है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 353.09 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि उसने अप्रैल में शुरू हुए चालू विपणन वर्ष में रिकॉर्ड 400.45 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जिसकी लागत 79,088 करोड़ रुपये आई है।
हरियाणा में भी, एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जा रहा है। अब तक 4,668 करोड़ रुपये हरियाणा के किसानों के खातों में डाले जा चुके हैं।
केन्द्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ लंबे विचार विमर्श के बाद बादल ने यह जानकारी दी।
केंद्र सरकार का कहना है कि एमएसपी पर फसलों की खरीद में किसानों की जमीन का रिकॉर्ड दाखिल करने और ऑनलाइन भुगतान होने से पारदर्शिता आएगी और असली किसानों को फायदा मिलेगा। लेकिन पंजाब सरकार आगामी रबी सीजन में जमीन के रिकॉर्ड दाखिल करने की अनिवार्यता लागू करने को तैयार नहीं है।
अधिकारी बताते हैं कि इससे असली किसानों की पहचान आसान होने के साथ-साथ MSP पर खरीद की व्यवस्था में पारदर्शिता आई है। केंद्र सरकार में खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने बताया कि MSP पर खरीद के लिए किसानों की बायोमेट्रिक पहचान उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार और राजस्थान में शुरू की गई है।
चालू खरीफ विपणन सीजन 2020-21 में देश के एक करोड़ से ज्यादा किसानों से सरकारी एजेंसियां अब तक 683 लाख टन से ज्यादा धान की खरीद कर चुकी हैं
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल सिंह ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का पक्ष लेते हुए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से किसानों को नाराज नहीं करने की गुजारिश की है।
सीजन 2020-21 के दौरान आठ मार्च 2021 तक किसानों से 673.53 लाख टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। ये बीते साल के मुकाबले 14 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं इसमें से पंजाब से खरीदे गए धान की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश सरकार रबी विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना (एमएसपी) के तहत किसानों से एक अप्रैल से 15 जून तक सीधे गेहूं की खरीद करेगी।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है, जहां छह फसलें - गेहूं, सरसों, दालें, चना, सूरजमुखी और जौ - न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी जाती हैं। पहली बार, एमएसपी पर जौ की फसल की खरीद की जाएगी और इसके लिए सात 'मंडियों' की स्थापना की गई है।
मध्य प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि जिन किसान भाइयों ने समर्थन मूल्य पर उपज विक्रय के लिए अभी तक पंजीयन नहीं कराया है वह आज ही पंजीयन कराकर समर्थन मूल्य का लाभ सुनिश्चित करें।
नये कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसान यूनियन एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार एमएसपी पर फसलों की खरीद की मौजूदा व्यवस्था जारी रखने का आश्वासन देने को तैयार है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि धान क्रय केन्द्रों पर किसानों को सभी अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए और किसानों की उपज का भुगतान 72 घण्टे के अन्दर सुनिश्चित किया जाए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि देश में चल रही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था पूरी तरह से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) नियमों के अनुरूप है।
राकेश टिकैत ने कहा कि MSP पर क़ानून बने यह किसानों के लिए फायदेमंद होगा। देश में भूख से व्यापार करने वालों को बाहर निकाला जाएगा। देश में अनाज की कीमत भूख से तय नहीं होगी। प्रधानमंत्री को अपील करनी चाहिए कि विधायक और सांसद अपनी पेंशन छोड़े उसके लिए यह मोर्चा धन्यवाद करेगा।
तोमर ने लोकसभा में बताया कि सरकार किसान संगठनों के साथ अभी भी बातचीत जारी रखे हुए है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए तैयार है क्योंकि सिर्फ चर्चा के जरिए ही आगे बढ़ा जा सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ने केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया है।
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की ट्वीट पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने ट्वीट किया कि उनके सामने गलत तथ्य रखे गए हैं। पवार ने कहा था कि नए कानून से एमएसपी और मंडियां खत्म होंगी
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