Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान सैकड़ों महिला और पुरुष साधुओं को संन्यास की दीक्षा दी गई। इस दौरान साधुओं ने खुद का पिंडदान किया। जूना अखाड़े ने सौ से ज्यादा महिलाओं को संन्यास की दीक्षा दी, जबकि नीरजनी अखाड़े ने नागाओं का विजया संस्कार किया।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में नागा साधु की दीक्षा लेने के लिए हजारों की संख्या में आवेदन आए हैं। बता दें कि नागा साधु बनने के लिए बहुत ही कठिन परीक्षा से होकर गुजरना पड़ता है।
क्या कभी आपने सोचा कि नागाओं की पहचान कैसे होती है? अगर नहीं तो हम आपको यहां ये खास जानकारी देने जा रहे हैं जिसमें आपको हम बताएंगे कि कैसे स्थान के मुताबिक दीक्षा लेने वालों की पहचान होती है।
महाकुंभ में इन दिनों कई अनोखे बाबा चर्चा का विषय बने हुए हैं। किसी ने हठ योग कर रखी है तो किसी ने कुछ और। ऐसे ही एक बाबा हैं जिन्हें महाकुंभ में एम्बेसडर वाले नागा बाबा कहा जा रहा है, आइए जानते हैं कौन हैं ये बाबा...
महाकुंभ में चर्चा का केंद्र बने नागा साधुओं काफी पुराना इतिहास है। इस इतिहास में नागाओं के कई शौर्य गाथा का जिक्र है। इनमें से एक है जब मात्र 111 नागा साधुओं ने 4000 अफगानी सेना को खत्म कर दिया था।
Mahakumbh 2025: नागा साधु अपने हाथ में अस्त्र-शस्त्र लेकर क्यों चलते हैं, उनकी जीवन शैली दूसरे संतों से अलग क्यों है, वो वस्त्र क्यों नहीं पहनते। जानिए इन सभी सवालों के जवाब, जो खुद महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती ने बताई।
Mahakumbh: महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है, कुंभ में लोगों का तांता लगा हुआ है, पर नागा साधुओं का हुजूम अलग ही अपना रंग जमाए हुए हैं, लोगों को आज भी इनके कई रहस्य नहीं पता हैं।
Mahakumbh: नागा साधुओं का अंतिम संस्कार उनकी तपस्या और साधना के अनुसार किया जाता है। उनकी समाधि विधि उनके त्याग, साधना और मोक्ष की राह को दर्शाती है।
हिंदू संतों व साधुओं के शीर्ष संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर नागा संन्यासी भी चीन को सबक सिखाने के लिए हथियार उठा सकते हैं।
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