उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज प्रदेश की उच्चस्तरीय टीम 9 के बैठक में अधिकारियों से साफ कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम अभी नहीं बढ़ेंगे।
केंद्र सरकार ने मई 2020 में डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये के नकदी पैकेज की घोषणा की थी, जिसके तहत उन्हें पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और आरईसी लिमिटेड से किफायती दरों पर ऋण मिलेगा।
अप्रैल के पहले पखवाड़े के दौरान व्यस्त समय की बिजली की मांग पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 38 प्रतिशत बढ़कर 182.55 गीगावॉट के उच्चस्तर पर पहुंच गई।
पिछले साल अप्रैल में बिजली की मांग 2019 के समान महीने के 110.11 अरब यूनिट की तुलना में घटकर 84.55 अरब यूनिट पर आ गई थी। इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस की वजह से मार्च के आखिरी सप्ताह में लगाया गया लॉकडाउन था।
इस सौदे के बाद अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड का नेटवर्क बढ़कर 17,200 सर्किट किलोमीटर तक पहुंच जाएगा, जिसमें से 12,350 सर्किट किलोमीटर पहले से ही चालू है और 4,850 सर्किट किलोमीटर (इस संपत्ति सहित) निष्पादन के विभिन्न चरणों में है।
कंपनियों ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक उनके राजस्व की कुल कमी बढ़कर 50 हजार करोड़ रुपये के पार चली गयी। इसमें बीआरपीएल के 28,623 करोड़ रुपये, बीवाईपीएल के 19,213 करोड़ रुपये और टीपीडीडीएल के 3,810 करोड़ रुपये शामिल हैं।
बीते साल एक से 12 मार्च की अवधि में बिजली की खपत 40.92 अरब यूनिट थी। बिजली की मांग और उपभोग में बढ़ोतरी से संकेत मिलता है कि महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बाद अब अर्थव्यवस्था पूरी तरह उबर चुकी है।
फरवरी 2021 में दिन में सबसे ज्यादा बिजली की मांग 6.7 प्रतिशत बढ़कर 188.15 गीगावाट तक पहुंच गई। यह मांग एक साल पहले फरवरी में 176.38 गीगावाट रही थी।
कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि एलएण्डटी के ‘पावर ट्रांसमिशन एण्ड डिस्ट्रीब्यूशन (पीटी एण्ड डी) कारोबार को गुजरात में 400 मेगावाट से अधिक की सौर फोटोवोल्टिक परियोजनाओं की स्थापना के लिये इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) के दो आर्डर प्राप्त हुये हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन के प्रशासन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को अपना सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी बताया और कहा कि वह भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करता है।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में देश की बिजली खपत 110.94 अरब यूनिट रही। पिछले साल अक्टूबर में यह आंकड़ा 97.84 अरब यूनिट था। अक्टूबर में व्यस्तम समय के दौरान अधिकतम बिजली आपूर्ति अक्टूबर 2019 के मुकाबले 3.52 प्रतिशत अधिक है।
आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के साथ बिजली मांग में भी बढ़त देखने को मिली है और मांग महामारी के पहले के स्तर पर पहुंच गयी। देश में सितंबर माह में बिजली की अधिकतम मांग में सालाना आधार पर 2 प्रतिशत और खपत में 4.6 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गयी।
पेंशन सरचार्ज को 1.2 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया गया है। नई दरें लागू होने के बाद पेंशन सरचार्ज 3.8 फीसदी बढ़कर 5 फीसदी हो गया है। नई दरें 1 सितंबर से लागू होंगी
बिजली का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 2.6 फीसदी बढ़ा
विशेषज्ञों का अनुमान, अगस्त से बिजली की मांग और खपत सामान्य स्तर पर पहुंच जाएगी
अकोला। देश को आजाद हुए 73 साल होने को आए, लेकिन आज भी महाराष्ट्र के एक गांव के 540 लोग ऐसे थे, जिन्हें आज जाकर बिजली नसीब हुई है।
लॉकडाउन के बाद से बिजली खपत में पिछले साल के मुकाबले गिरावट जारी
इंडस्ट्री के मुताबिक लॉकडाउन और भारत-चीन तनाव की वजह से मुश्किलें काफी बढ़ गईं
सरकार चीन की कंपनियों पर नियंत्रण के लिए पावर उपकरणों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकती है
अगस्त तक बिजली की मांग के सामान्य स्तर तक पहुंचने की उम्मीद
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