वर्तमान में देश का खुदरा बाजार लगभग 700 अरब डॉलर का है और इसमें 90 प्रतिशत हिस्सेदारी असंगठित क्षेत्र की है।
शाओमी इंडिया ने कहा है कि उसने 1000 मी स्टोर खोलकर भारत में 2000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति एक महीना पहले फरवरी में 2.57 प्रतिशत रही थी जबकि एक साल पहले मार्च में यह 4.28 प्रतिशत पर थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सौदा करीब 150 करोड़ रुपए में होने का अनुमान है। इस सौदे से रिलायंस रिटेल की मौजूदगी मजबूत होगी।
खाने, पीने की चीजों के दाम बढ़ने से फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़कर 2.57 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका चार माह का उच्चस्तर है।
औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2019 में बढ़कर 6.6 प्रतिशत रही। इसकी अहम वजह निश्चित खाद्य वस्तुओं की कीमतें बहुत ऊंची रहना है।
रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में खुदरा मुदास्फीति को ध्यान में रखता है।
समीक्षाधीन महीने में सब्जियों, फलों और प्रोटीन वाले सामान मसलन अंडों की मूल्यवृद्धि घटी। हालांकि, मांस, मछली और दालों की मुद्रास्फीति मामूली बढ़ी।
खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में घटकर 2.33 प्रतिशत रही, जो पिछले डेढ़ साल का न्यूनतम स्तर है।
उत्पादक राज्यों से आपूर्ति घटने की वजह से पिछले 10 दिनों के भीतर राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की थोक कीमतों में 7 से 10 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
भारत की खुदरा महंगाई दर सितंबर माह में मामूली बढ़कर 3.77 प्रतिशत पर पहुंच गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इससे पिछले महीने अगस्त में यह 3.69 प्रतिशत थी।
परिधान क्षेत्र की खुदरा कंपनी लाइफस्टाइल अगले डेढ़ साल में 200 करोड़ रुपए के निवेश से 20 आउटलेट खोलेगी। कंपनी का इरादा देश में अपनी उपस्थिति बढ़ाने का है।
उपभोक्ताओं के लिए यह अच्छी खबर है। खुदरा महंगाई दर (CPI) जुलाई में 4.17 फीसदी रही। इससे पिछले महीने में यह 4.90 फीसदी थी।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेनू सत्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह अब कंपनी की खुदरा क्षेत्र में की जाने वाली किसी नई पहल का नेतृत्व करेंगी।
थाइलैंड की थोक बिक्री कारोबार करने वाली कंपनी सियाम मैक्रो भारत में अपनी शत प्रतिशत स्वामित्व वाली कंपनी लॉट्स होलसेल साल्यूशंस के जरिए अपना पहला थोक बिक्री स्टोर दिल्ली में खोलने जा रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को दोतरफा झटका लगा है। एक तरफ जहां जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जून में बढ़कर 5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई वहीं मई में औद्योगिक उत्पादन (IIP) की ग्रोथ घटकर 3.2 फीसदी रह गई।
सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रिटेल मुद्रास्फीति की गणना के लिए आधार वर्ष को बदलकर क्रमश: 2017-18 और 2018 करेगी। यह व्यवस्था 2019-20 से प्रभाव में आएगी।
वित्त मंत्रालय भारत-22 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की दूसरी खेप 19 जून से पेश करेगी। यह सरकार को बाजारों से 8,400 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाने में मदद करेगी।
मोदी सरकार के लिए आज दो महत्वपूर्ण खबरें आईं, जिसमें से एक राहत देने वाली है तो दूसरी आफत। अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर जहां बढ़कर 4.9 प्रतिशत रही है, वहीं मई में रिटेल महंगाई दर भी बढ़कर 4.87 प्रतिशत हो गई है।
बैंकिंग सेवाओं के लिहाज से देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने फिक्स टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। बैंक ने 1 करोड़ रुपए से कम टर्म डिपॉजिट को लेकर ब्याज दरें बढ़ाई हैं। सोमवार को बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक एक साल से लेकर 3 साल तक के रिटेल डोमेस्टिक टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।
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