अमेरिका का दावा किया है कि रूस काला सागर में यूक्रेन के असैन्य पोतों को निशाना बनाने की तैयारी कर रहा है। अमेरिका का यह दावा रूस और यूक्रेन के बीच खाद्यान्न समझौता टूटने और यूक्रेन द्वारा क्रीमिया ब्रिज पर किए गए हमले के बाद आया है।
नई दिल्ली में सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। ऐसे में यूक्रेन संकट के समाधान को लेकर भारत को जी-20 का अध्यक्ष होने के नाते संयुक्त घोषणापत्र जारी करना है। इसमें जी-20 के अन्य सभी देशों की सहमति लेना होगा। अपने मित्र देश रूस का भी भारत को खयाल रखना होगा। पीएम मोदी की जादुई कूटनीति इस संकट का समाधान करेगी।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने क्रीमिया के समुद्री ब्रिज पर यूक्रेन के तथाकथित ड्रोन हमले का सिर्फ 24 घंटे में बदला ले लिया है। यूक्रेन के अनुसार रूसी सेना ने उसके ओडिसा पोर्ट पर बड़ी एयर स्ट्राइक की है। इससे वहां की सभी सुविधाें रोक दी गई हैं। अभी हमले से हुए नुकसान का आकलन नहीं किया जा सका है।
रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले समुद्री ब्रिज पर यूक्रेन ने ही ड्रोन से हमला किया था। अब रूस ने हमले के 24 घंटे के भीतर इसके एक लेन को फिर से हल्के वाहनों के लिए चालू कर दिया है। वहीं पुतिन ने यूक्रेन से इस हमले का बदला लेने की कसम खा ली है। इससे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की टेंशन बढ़ गई है।
क्रीमिया को रूस के मुख्य भूभाग से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण पुल के एक हिस्से के विस्फोट में क्षतिग्रस्त होने के बाद सोमवार को इस पर यातायात रोक दिया गया। रूस ने इस घटना के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार बताया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में बड़ा मोड़ आ गया है। यूक्रेन द्वारा क्रीमिया को रूस से जोड़ने वाले समुद्री पुल को बम विस्फोट से उड़ा देने की खबरें आ रही हैं। हालांकि यूक्रेन ने अब तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। पुल के ऊपर एक हेलीकॉप्टर को विस्फोट करते देखा जा सकता है। हमले में रूस ने 2 लोगों की मौत की पुष्टि भी की है।
क्लस्टर बमों की गिनती दुनिया के सबसे खतरनाक बमों मे है। यह जब फटते हैं तो परमाणु बमों की तर्ज पर इनमें हजारों छोटे-छोटे बम निकलते हैं, जो जहां गिरते हैं वहां तबाही का सैलाब ला देते हैं। पहले क्लस्टर बम का इस्तेमाल द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी और रूस ने किया था। अब रूस-यूक्रेन युद्ध में क्लस्टर के इस्तेमाल का खतरा है।
रूस और यूक्रेन में अब क्लस्टर बमों की जंग छिड़ने वाली है। अगर ऐसा हुआ तो भारी संख्या में आम नागरिकों की लाशें बिछ सकती हैं। दरअसल रूस को युद्ध में पिछड़ता देख अमेरिका ने कीव को क्लस्टर बमों की खेप भेज दी है। अब पुतिन ने चेताया है कि रूस के भंडार भी क्लस्टर बमों से भरे पड़े हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध की मौजूदा स्थिति को देखते हुए नाटो शिखर सम्मलेन के दौरान जी-7 देश यूक्रेन को दीर्घकालिक सुरक्षा की घोषणा करने वाले हैं। इससे यूक्रेन को रूस से युद्ध लड़ने के लिए नाटो और यूरोपीय देश हथियार व अन्य मदद देते रहेंगे। इससे रूस की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।
यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का आमंत्रण नहीं दिया गया। इससे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को काफी हताशा हुई है। उन्होंने नाटो का सदस्य बनाने के लिए लिथुआनिया द्वारा खुला समर्थन करने के लिए धन्यवाद किया है। साथ ही कहा-यदि यूक्रेन सदस्य बनता है तो वह नाटो को मजबूत बनाएगा।
रूस-यूक्रेन में इस वक्त बखमुद में भारी जंग चल रही है। जेलेंस्की ने कहा है कि बखमुत में यूक्रेनी सेना को भीषण संघर्ष से गुजरना पड़ रहा है। यहां सबकुछ खत्म हो चुका है। वहीं नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक यूक्रेन को नाटो सदस्यता देने पर विचार करेंगे।
23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भारी बारिश का अलर्ट.. पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और यूपी में हो सकती है भारी बारिश...
तुर्की एक तरफ जहां स्वीडन को NATO में शामिल करने में आनाकानी कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन का खुलकर समर्थन किया है।
अमेरिका ने एलान किया है कि वह रूस के साथ जंग में यूक्रेन को अकेला नहीं छोड़ेगा और उसकी मदद के लिए उसे क्लस्टर बम मुहैया कराएगा।
रूस और यूक्रेन की जंग जारी है। इस जंग में अमेरिका अहम रोल निभा रहा है। वह यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहयोग कर रहा है। अब अमेरिका यूक्रेन को ऐसा घातक बम देने जा रहा है, जिस पर ज्यादातर देशों ने बैन लगा रखा है। जानें क्या है क्यों लगा है बैन। कितना घातक है यह बम?
रूस-यूक्रेन युद्ध को अब 500 दिन पूरे होने वाले हैं। इन 16 महीनों के युद्ध में अब तक क्या-क्या महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं और रूस-यूक्रेन अब किस मोड़ पर खड़े हैं, यह जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि अभी तक इस युद्ध का कोई अंत होता नहीं दिखाई दे रहा है। हाल में रूस ने यूक्रेन के लवीव पर बड़ा हमला किया है।
वैगनर के विद्रोह से उबरने के बाद रूस ने पश्चिमी यूक्रेन के लवीव शहर को धुआं-धुआं कर दिया है। यूक्रेन के अनुसार लवीव पर पिछले 16 माह में रूस की ओर से किया गया यह सबसे बड़ा हमला है। इस हमले में कम से कम 4 लोग मारे गए हैं। 60 बहुमंजिला इमारतें ढह गई हैं। मलबे में भारी संख्या में लोगों के दबे होने की आशंका है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को चलते 16 महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन इसका कोई अंत होता नहीं दिखाई दे रहा। इस युद्ध का प्रभाव वैश्विक स्तर पर महंगाई, खाद्य और ऊर्जा संकट के तौर पर पड़ा है। ऐसे वक्त में अमेरिका ने भारत पर भरोसा जताते कहा है कि वह यूक्रेन युद्ध को रोकने में अहम योगदान दे सकता है।
यूक्रेन और रूस ने विश्व के सबसे बड़े परमाणु संयंत्रों में से एक पर हमले की तैयारी करने का बुधवार को एक-दूसरे पर आरोप लगाया, लेकिन दोनों पक्षों में से किसी ने भी इस होने वाले खतरे के अपने दावे के समर्थन में साक्ष्य नहीं मुहैया किया।
रूस की राजधानी मॉस्को पर यूक्रेन की ओर से ड्रोन हमले किए गए हैं। इस बात की जानकारी रूसी वायुसेना ने दी है। साथ ही यह भी बताया कि इन हमलों को नाकाम कर दिया गया है।
संपादक की पसंद