इस्तीफा देने के बाद गहतोड़ी ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री के लिए अपनी सीट छोड़कर खुशी और सम्मान का अनुभव हो रहा है।
रंजीत रावत ने सीधे तौर पर हरीश रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि नए नेताओं को हरीश रावत ऐसे अफीम चटा देते हैं। उन्होंने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस की हार के सबसे बड़े जिम्मेदार हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के नाम भी चर्चा में हैं। उत्तराखंड में जब भी बदलाव की संभावना उभरती है, तो कई नाम मीडिया की अटकलों का हिस्सा बन जाते हैं।
पिछले कुछ वर्षों की भांति इस बार भी मतगणना के दौरान राजनीतिक दलों से लेकर आम जनता की दिलचस्पी गंगोत्री सीट का परिणाम जानने में अधिक थी और भाजपा प्रत्याशी सुरेश चौहान के जीतने की सूचना मिलते ही मान लिया गया कि अब प्रदेश में भाजपा की ही सरकार बनेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के भुवन चंद कापड़ी से चुनाव हारे हैं। धामी वर्तमान में उत्तराखंड के सीएम हैं वह अपनी मौजूदा सीट खटीमा से चुनाव लड़ रहे थे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद खटीमा विधानसभा सीट (khatima Seat Result 2022) पर करीब 6 हजार वोटों के अंतर से हार गए हैं। पुष्कर सिंह धामी अपनी विधानसभा सीट नहीं बचा पाए और अब मुख्यमंत्री की कुर्सी बचा पाते हैं या नहीं ये देखने लायक होगा।
2017 में लालकुआं सीट पर नवीन चंद्र दुमका को 44 हजार 293 वोट हासिल हुए थे और उनकी एकतरफा जीत भी हुई थी। कांग्रेस के हरीश चंद्र दुर्गापाल को 17 हजार 185 वोट मिले थे। इस बार इस सीट पर हरीश रावत चुनाव मैदान में हैं।
2017 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पुष्कर सिंह धामी ने इस सीट को कांग्रेस से छीन लिया था और उन्होंने यहां 2709 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। धामी को कुल 29 हजार 539 वोट मिले थे। वहीं, भुवन चंद्र कापड़ी को 26 हजार 830 सीट पर जीत मिली थी।
उत्तराखंड में कांग्रेस महासचिव और प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत लालकुआं सीट पर भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट से 7,085 मतों से पीछे चल रहे हैं। चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए यशपाल आर्य बाजपुर से भाजपा प्रत्याशी राजेश कुमार से 18587 मतों से पीछे चल रहे हैं ।
उत्तर प्रदेश को भाजपा और मोदी सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह राज्य सबसे अधिक 80 सांसद लोकसभा भेजता है और विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन का 2024 के आम चुनाव पर असर पड़ने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री धामी जहां आम जनता से बात करते दिख रहे थे वही खुद भी पहाड़ी गाने का लुत्फ लेते नजर आ रहे थे। बैंड की थाप पर जहां लोग नाचते दिखाई दिए तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद भी पहाड़ी गाने गाते दिखाई दिए।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में कोविड-19 दिशानिर्देश का पालन करते हुए सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव सात चरणों में 10 फरवरी से सात मार्च के बीच हुए थे।
इंडिया टीवी पर प्रसारित सीएनएक्स के एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में सत्ता बरकरार रख सकते हैं। वहीं पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर पर अलग-अलग अनुमान है।
उत्तराखंड में कांग्रेस की वापसी होती दिख रही है, बीजेपी को झटका लगता दिख रहा है। CNX के EXIT POLL ने उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार बनाई।
चुनाव परिणाम आने से पहले ही विजयवर्गीय के प्रदेश में आगमन के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं और नेताओं के बीच बैठकों और विचार विमर्श के बढ़ते दौर को भाजपा के 36 सीटों के जादुई आंकड़े से दूर रहने की स्थिति में बहुमत जुटाने का फार्मूला निकालने का प्रयास माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में, जहां नौ जिलों की 55 सीटों पर मतदान हुआ, सबसे अधिक मतदान सहारनपुर में 67.52 प्रतिशत और सबसे कम शाहजहांपुर में 55.20 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
दोपहर 1 बजे तक गोवा में 44.63 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 39.07 प्रतिशत, उत्तराखंड में 35.21 प्रतिशत मतदान हुआ। दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश के नौ जिलों सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर की 55 सीटों पर 586 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
उत्तराखंड विधानसभा की 70 सीटों के चुनाव के लिए सोमवार को सुबह मतदान शुरू हो गया, जहां प्रदेश के 82 लाख से ज्यादा मतदाता 632 प्रत्याशियों की किस्मत को ईवीएम में कैद कर देंगे। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टीवी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि पाचों चुनावी राज्यों से पॉजिटिव रिपोर्ट मिल रही है। यूपी में 2014 जैसा माहौल दिख रहा है। जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। आलोचना को मैं खुद पर हावी नहीं होने देता, संसद में पूरी रिसर्च के बाद अपनी बात रखता हूं।
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