पेट्रोल-डीजल तथा सब्जियों के दाम बढ़ने से मई महीने में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर (WPI) बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 4.43 प्रतिशत पर पहुंच गयी। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर इस साल अप्रैल महीने में 3.18 प्रतिशत तथा पिछले साल मई महीने में 2.26 प्रतिशत थी।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई नवंबर में बढ़कर 3.93 प्रतिशत पर पहुंच गई है। प्याज और अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने से महंगाई में इजाफा हुआ है।
थोक मूल्य आधारित महंगाई दर में पांच महीने के बाद पहली बार इजाफा देखने को मिला है। इसकी प्रमुख वजह खाने-पीने की चीजों की कीमतों का बढ़ना है।
एक नए शोध में पता चला है कि दिन में दो बार सब्जियां, अनाज, फलियां और सूखे मेवे जैसे पारंपरिक कम कैलोरी वाले आहार शरीर के वजन को कम करने में कारगर हैं
सरकार ने गुरुवार को कहा कि एक जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू हो जाने के बाद खाद्यान्न, आटा, दूध, सब्जियां और फल पांच प्रतिशत तक सस्ते हो जाएंगे।
तमिलनाडु सरकार ने वैट में बड़े बदलाव के किए है। राज्य में पेट्रोल 3.78 रुपए महंगा हो गया है। वहीं, डीजल में 1.70 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
जनवरी में थोक महंगाई दर बढ़कर 30 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। दिसंबर के मुकाबले जनवरी में थोक महंगाई दर 3.39 फीसदी से बढ़कर 5.25 फीसदी हो गई।
सब्जियों, दालों और दूसरे खाने-पीने की चीजों में आई नरमी से रिटेल महंगाई दर घटकर 3.17 फीसदी पर आ गई है। दिसंबर 2016 में सीपीआई 3.41 फीसदी पर थी।
नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) लगातार तीसरे महीने गिरकर 3.15 फीसदी पर आ गई है। अक्टूबर में थोक महंगाई दर 3.39 फीसदी थी।
अक्टूबर में थोक मुद्रास्फीति की दर घटकर 3.39 प्रतिशह रही, यह लगातार दूसरा महीना है जब थोक महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है।
सब्जियों के साथ अन्य खाद्य वस्तुओं के दामों में कमी से सितंबर माह में थोक मुद्रास्फीति घटकर 3.57 प्रतिशत पर आ गई है। अगस्त में यह 3.74 प्रतिशत पर थी।
सब्जी और खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आई कमी से रिटेल महंगाई दर अगस्त में घटकर पांच महीने के न्यूनतम स्तर 5.05 फीसदी पर आ गई। जुलाई में यह 6.07 फीसदी थी
मंडियों में आवक कम होने से सब्जियों के दाम पिछले तीन-चार महीने में 100 प्रतिशत तक चढ़ गए हैं। थोक और खुदरा बाजार में भारी अंतर हैं।
सब्जी और कुछ अन्य फूड आइटम के दाम बढ़ने से रिटेल महंगाई दर मई महीने में बढ़कर 5.76 फीसदी पहुंच गई। यह लगातार दूसरा महीना है जब महंगाई दर बढ़ी है।
देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित गैर परंपरागत ऊर्जा संरक्षण कार्यशाला में बताया गया कि फलों और सब्जियों से भी बिजली तैयार की जा सकती है।
मार्च में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर शून्य से 0.85 फीसदी प्रतिशत नीचे रही, जो कि फरवरी में शून्य से 0.91 प्रतिशत कम थी।
फरवरी में थोक महंगाई दर -0.9 फीसदी पर स्थिर रही। यह लगातार 16वां महीना जब थोक महंगाई दर शून्य के नीचे रही है। जनवरी में महंगाई दर शून्य से 0.90% नीचे थी।
जाट आंदोलन की आंच पड़ोसी पंजाब के इंडसट्री पर भी महसूस होने लगी है। व्यापारियों को कच्चे माल की कमी के साथ तैयार माल को भेजने में दिक्कत शुरू हो गई है।
जाट आंदोलन की वजह से दिल्ली में पीने का पानी खत्म होने को है, वहीं दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों और दूध की सप्लाई पर गहरा असर पड़ा और कीमतें बढ़ गई हैं।
थोक महंगाई दर में मामूली गिरावट देखने को मिली है। वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में थोक महंगाई दर शून्य से 0.90 फीसदी नीचे रही
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