2017 में BJP से नीलम करवरिया विधायक बनीं। नीलम ने SP के राम सेवक पटेल को हराया था। यह क्षेत्र ब्राह्मण बहुल माना जाता है। यादव, मुस्लिम, दलित वोटर भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं। इस बार भी नीलम करवरिया को BJP ने टिकट दिया है। मेजा की जनता इस बार किसको जीताना चाहती है?
उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार जोरों पर है। प्रत्याशी अपने समर्थन में घर—घर जाकर कोरोना नियमों के तहत लोगों से अपने पक्ष में वोट डालने की अपील कर रहे हैं। इसी क्रम में मुरादाबाद की देहात विधानसभा सीट की बात करें तो यह सीट सपा का गढ़ रही है। यहां अब तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं इनमें 12 बार मुस्लिम विधायकों ने सीट पर कब्जा जमाया है।
काशी में 7 मार्च को आखिरी चरण में मतदान होना है। ऐसे में जनता ने इस बार किस दल के खाते में जीत का आशीर्वाद देने की योजना बनाई है। देखें जनता का चुनावी मूड
इस विधानसभा सीट पर 10 फरवरी को मतदान होने हैं। इस विधानसभा में करीब 4 लाख वोटर हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अनिल पाराशर को जीत मिली थी।
देवबंद एक मुस्लिम बहुल इलाका है। यहां करीब एक लाख से अधिक वोटर हैं। लोगों ने इंडिया टीवी के साथ बातचीत में ये भी कहा कि देवबंद मोहब्बत का पैगाम है।
शामली जिले (District Shamli Uttar Pradesh) की सभी 3 विधानसभा सीटों पर 10 फरवरी को चुनाव होना है। इसी चुनावी माहौल के बीच 'इंडिया टीवी (India TV)' का खास शो 'ये पब्लिक है सब जानती है (Ye Public Hai Sab Jaanti Hai)' की टीम पहुंची है।
आगरा जिले की कैंट विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) आज तक एक बार भी चुनाव नहीं जीत सकी है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने दोबारा इस सीट को अपने कब्जे में किया था। अब क्या इस बार फिर से भाजपा की तीसरी बार वापसी हो पाएगी। जानने के लिए देखें वीडियो
उत्तर प्रदेश की हाथरस विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी का हमेशा से ही दबदबा रहा है। साल 1996 से लेकर 2012 तक यहां पर बसपा ने चुनाव जीती है। लेकिन 2017 में इस सीट पर भाजपा के हरि शंकर महोर विजयी हुए।
2022 में अयोध्या विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है। अब अयोध्या की जनता किसे चुनेगी ये चुनाव बाद ही पता चलेगा लेकिन, जनता ने अपना मूड इंडिया टीवी के साथ साझा किया है।
एक तरफ जहां कुछ लोगों का कहना था कि कोई काम नहीं हुआ, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इस बात से इत्तेफाक रखते नजर आए कि हालात बेहतर हुए हैं।
मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में मौजूद कुछ लोगों ने कहा कि उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है।
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