Sunday, December 15, 2024
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गर्भवती महिलाओं ने डॉक्टर से लगाई गुहार-'22 जनवरी को ही चाहिए बच्चा', वजह जानकर होंगे हैरान

कानपुर में गर्भवती महिलाओं ने डॉक्टरों से गुहार लगाई है कि हमें बच्चा 22 जनवरी को ही चाहिए। उनकी इस मांग को सुनकर डॉक्टर्स भी हैरान हैं। महिलाओं ने ये मांग क्यों रखी है इसे जानकर आपको भी हैरानी होगी।

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Jan 07, 2024 22:41 IST, Updated : Jan 07, 2024 22:41 IST
pregnant women- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO गर्भवती महिलाओं की इच्छा

कानपुर: कई गर्भवती माताओं ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर यहां एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों से सिजेरियन सेक्शन प्रसव कराने का अनुरोध किया है। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की कार्यवाहक प्रभारी सीमा द्विवेदी ने कहा कि उन्हें एक लेबर रूम में 12 से 14 सीजेरियन डिलीवरी के लिए लिखित अनुरोध प्राप्त हुए हैं। द्विवेदी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ''22 जनवरी को 35 सीजेरियन ऑपरेशन की व्यवस्था की जा रही है।''

गर्भवती महिलाओं और उनके परिवार के सदस्यों ने डॉक्टरों से अनुरोध किया है कि भले ही उनकी डिलीवरी की तारीख 22 जनवरी से कुछ दिन पहले या बाद में हो लेकिन उन्हें 22 तारीख को "शुभ" दिन मानते हुए संतान इसी दिन चाहिए। बता दें कि अयोध्र्या राम मंदिर का पहला चरण पूरा होने वाला है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेंगे।

इस कारण से 22 जनवरी को ही चाहिए बच्चा

डॉक्टर द्विवेदी ने कहा कि गर्भवती माताएं अक्सर पुजारियों से शुभ तारीख और समय का पता लगाती हैं और उस दिन डिलीवरी का अनुरोध करती हैं। उन्होंने विभिन्न अनुभव सुनाए जहां उन्होंने निर्धारित समय और तारीख पर बच्चों की डिलीवरी कराई क्योंकि माताओं और परिवार के सदस्यों ने पुजारियों द्वारा दिए गए 'मुहूर्त' (शुभ समय) पर प्रसव कराने पर जोर दिया था।

द्विवेदी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''यह चिंताजनक है कि कभी-कभी परिवार के सदस्य हमसे यह उम्मीद भी करते हैं कि ऐसा करने से मां और बच्चे के लिए पैदा होने वाली जटिलताओं को हम नजरअंदाज कर देंगे। उन्होंने कहा, "माताओं का मानना ​​है कि भगवान राम वीरता, अखंडता और आज्ञाकारिता के प्रतीक हैं, इसलिए मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' के दिन पैदा होने वाले शिशुओं में भी वही गुण होंगे।"

गर्भवती स्त्रियों ने डॉक्टरों से लगाई गुहार

कल्याणपुर की रहने वाली मालती देवी (26), जिनकी डिलीवरी की तारीख 17 जनवरी है, उन गर्भवती माताओं में से एक हैं जिन्होंने कानपुर अस्पताल के डॉक्टरों से यह अनुरोध किया है। सुश्री देवी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वह चाहती हैं कि उनके बच्चे का जन्म राम मंदिर में राम लला की मूर्ति के प्रतिष्ठा समारोह के दिन हो। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि मेरा बच्चा बड़ा होकर भगवान राम की तरह ही सफलता और गौरव हासिल करेगा।"

मनोवैज्ञानिक दिव्या गुप्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि लोगों का मानना ​​है कि अगर किसी बच्चे का जन्म शुभ समय पर होता है तो इससे बच्चे के व्यक्तित्व पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।गुप्ता ने कहा, "कभी-कभी धर्म और आध्यात्मिकता व्यक्ति को जीवन के तनावों से निपटने और सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की ताकत देते हैं।"

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