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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर ममता बनर्जी बोलीं- नाकाम रही, कृपया मुझे माफ कर दीजिए

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर ममता बनर्जी ने कहा कि यह भारत का दुर्भाग्य है कि इतने वर्षों बाद भी हमारे पास नेताजी की मौत की तारीख नहीं है। हम नहीं जानते कि उनके साथ क्या हुआ था।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Jan 23, 2024 23:49 IST, Updated : Jan 23, 2024 23:49 IST
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मंगलवार को 127वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह देश के लिए शर्म की बात है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लापता होने के इतने वर्षों बाद भी लोग यह नहीं जानते कि उनके साथ क्या हुआ था और ना ही उनकी मौत की तारीख का पता है। उन्होंने नेताजी के लापता होने की जांच कराने का वादा पूरा नहीं करने के लिए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। 

"हमारे पास नेताजी की मौत की तारीख नहीं"

ममता बनर्जी ने कोलकाता में बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद कहा, "यह भारत का दुर्भाग्य है कि इतने वर्षों बाद भी हमारे पास नेताजी की मौत की तारीख नहीं है। हम नहीं जानते कि उनके साथ क्या हुआ था। यह शर्मनाक है।" कई लोग मानते हैं कि नेताजी अगस्त 1945 में ताइवान में एक विमान दुर्घटना के बाद लापता हो गए थे। उनके साथ क्या हुआ, इसे लेकर तमाम पक्ष रखे जाते हैं। ममता बनर्जी ने उनकी सरकार द्वारा 2015 में नेताजी से जुड़ी 64 फाइलों को गोपनीय की श्रेणी से हटाए जाने का जिक्र किया और बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल सरकार में आने से पहले नेताजी के लापता होने के बारे में जांच कराने के वादे को भूल गई है। मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि वह उन 'अस्थियों' को प्राप्त करने की इच्छुक नहीं थी, जिन्हें नेताजी की होने का दावा किया जाता है, बल्कि वह महान स्वतंत्रता सेनानी को जीवित देखना चाहती थीं। 

आधे दिन की छुट्टी पर क्या बोलीं ममता?

खबरों के मुताबिक, सुभाष चंद्र बोस की अस्थियां तोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखी गई हैं। उनकी अस्थियों को भारत को सौंपे जाने की मांग कई लोगों ने उठाई है। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए सोमवार को केंद्र सरकार के कार्यालयों में आधे दिन के अवकाश की घोषणा के स्पष्ट संदर्भ में ममता बनर्जी ने कहा कि आज कल राजनीतिक विज्ञापनों के लिए छुट्टियों की घोषणा की जाती है, लेकिन उन लोगों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ते हुए अपनी जान न्यौछावर कर दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा, "बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले नेताजी के लापता होने की जांच कराने का वादा किया था, लेकिन बाद में वह भूल गई। मैंने 20 वर्षों तक कोशिश की कि नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए, लेकिन मैं नाकाम रही, कृपया मुझे माफ कर दीजिए।"

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