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जानें, क्यों चीन को है डर कि कहीं भूकंप में न बह जाए पाकिस्तान का ग्वादर बंदरगाह

चीन को यह डर सता रहा है कि कहीं पाकिस्तान में उसकी मदद से बनाया जा रहा ग्वादर बंदरगाह भूकंप में न बह जाए...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 10, 2018 20:36 IST
Gwadar port | AP Photo- India TV Hindi
Gwadar port | AP Photo

बीजिंग: चीन को यह डर सता रहा है कि कहीं पाकिस्तान में उसकी मदद से बनाया जा रहा ग्वादर बंदरगाह भूकंप में न बह जाए। यही वजह है कि चीन और पाकिस्तान के दर्जनों भूगर्भशास्त्री इन दिनों बलूचिस्तान के मकरान इलाके का सर्वे करने में जुटे हैं। चीन को डर है कि यदि भूकंप आता है तो ग्वादर में उसका सारा इन्वेस्टमेंट धरा का धरा रह जाएगा। गौरतलब है कि मकरान एक ऐसा इलाका है जहां भूगर्भशास्त्रियों के मुताबिक दो टेक्टॉनिक प्लेटें मिलती हैं।

आपको बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित मकरान ग्वादर बंदरगाह के बेहद करीब स्थित है। चीन ने पाकिस्तान के इस अहम बंदरगाह को 40 साल के लिए लीज पर लिया है। यह बंदरगाह चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का भी एक अहम हिस्सा है। 50 अरब डॉलर की लागत वाला यह प्रॉजेक्ट चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ेगा। चीन और पाकिस्तान के इस प्रॉजेक्ट पर भारत को गहरी आपत्ति है क्योंकि यह कॉरिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरेगा।

हांगकांग के एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, 'समुद्री इलाके मकरान में पिछला बड़ा भूकंप 70 साल पहले आया था। लेकिन अब यदि ऐसा कोई भूकंप आता है तो पहले से भी ज्यादा तबाही होगी।' इस रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी कोई भी आपदा चीन की ओर से एशिया से लेकर अफ्रीका और यूरोप तक कारोबार करने के मंसूबों पर पानी फेर देगी। आपको बता दें कि चीन की योजना ग्वादर एयरपोर्ट के जरिए अफ्रीका और यूरोप के देशों तक कारोबार करने की है। इस इलाके में 1945 में 8.1 की तीव्रता के भूकंप के चलते सुनामी आई थी जिसमें ओमान, पाकिस्तान, ईरान और भारत में करीब 4,000 के लोगों की मौत हो गई थी।

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