Sunday, April 28, 2024
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पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इमरान खान की सरकार मुल्क चलाने के काबिल नहीं है

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि वह देश चलाने या फैसले लेने में अक्षम है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 16, 2021 21:57 IST
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Image Source : AP FILE पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि वह देश चलाने या फैसले लेने में अक्षम है।

इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि वह देश चलाने या फैसले लेने में अक्षम है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय निकायों के मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सरदार तारिक के साथ ही न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली 2 जजों की बेंच ने पंजाब सरकार द्वारा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर अध्यादेश जारी करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इस मामले को चीफ जस्टिस के पास भेज दिया।

जज ईसा ने दिखाया गुस्सा

रिपोर्ट में कहा गया है कि सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि जनगणना के संबंध में काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (CCI) द्वारा निर्णय नहीं लिया गया। जज ईसा ने अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा, ‘कॉमन इंटरेस्ट काउंसिल की बैठक दो महीने में क्यों नहीं हुई? क्या जनगणना के परिणाम जारी करना सरकार की प्राथमिकता नहीं है?’ जज ने कहा कि सरकार और उसके सहयोगियों ने तीन प्रांतों में शासन किया और अभी तक CCI द्वारा एक भी निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘सरकार देश चलाने या निर्णय लेने में असमर्थ है।’

‘ऐसे कोई जंग के हालात नहीं थे’
उन्होंने कोर्ट के आदेश के बावजूद CCI की बैठक को स्थगित करने को लेकर अपनी नाराजगी जताई और इसे संवैधानिक संस्था का अपमान करार दिया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे कोई जंग के हालात नहीं थे, जिससे सीसीआई को अपनी बैठक करने से रोक सकती थी। जस्टिस ईसा ने कहा कि 2017 में जनगणना किए जाने के चार साल बीत चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल आमिर रहमान ने अदालत को सूचित किया कि CCI की बैठक 24 मार्च को होगी। उन्होंने दलील दी कि चूंकि यह एक संवेदनशील मामला है, इसलिए सरकार सर्वसम्मति से निर्णय लेना चाहती है।

‘गुप्त क्यों है CCI की रिपोर्ट’
इस पर जस्टिस ईसा ने पूछा कि CCI की रिपोर्ट को गुप्त क्यों रखा गया है। उन्होंने कहा कि अगर अच्छे कामों को गुप्त रखा जाता है, तो इससे लोगों के मन में संदेह पैदा होता है। जस्टिस ईसा ने आगे कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि प्रांत क्या कर रहे हैं और केंद्र क्या कर रहा है। जज ने पंजाब के राज्यपाल द्वारा नए सिरे से परिसीमन के अध्यादेश की घोषणा पर नाराजगी व्यक्त की। चुनाव आयोग के अनुसार, अध्यादेश ने जटिलताएं पैदा की हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नहीं चाहती कि स्थानीय चुनाव हों।

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