Thursday, March 28, 2024
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11 दिनों के खूनी संघर्ष के बाद इजराइल और हमास के बीच सीजफायर, नेतन्याहू ने सैन्य अभियान रोका

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा पट्टी में 11 दिन से चल रहे सैन्य अभियान को रोकने के लिए एकतरफा संघर्षविराम को मंजूरी दे दी

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 21, 2021 8:41 IST
11 दिनों के खूनी संघर्ष के बाद इजराइल और हमास के बीच सीजफायर, नेतन्याहू ने सैन्य अभियान रोका- India TV Hindi
Image Source : AP 11 दिनों के खूनी संघर्ष के बाद इजराइल और हमास के बीच सीजफायर, नेतन्याहू ने सैन्य अभियान रोका

इजराइल और हमास के बीच 11 दिन तक चले खूनी संघर्ष के बाद सीजफायर हो गया है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा पट्टी में 11 दिन से चल रहे सैन्य अभियान को रोकने के लिए एकतरफा संघर्षविराम को मंजूरी दे दी है। इजराइली मीडिया ने बृहस्पतिवार देर रात यह जानकारी दी। मडिया में आयी खबरों में कहा गया है कि हमलों को रोकने के लिए अमेरिका की ओर से दबाव बनाए जाने के बाद यह फैसला किया गया है।

इससे पहले इजराइल ने बृहस्पतिवार तड़के गाजा पट्टी पर ताबड़तोड़ हमले किए जिसमें कम से कम एक फलस्तीनी मारा गया और कई अन्य घायल हो गए। वहीं, हमास ने भी इजराइल पर और अधिक रॉकेट दागे। हमास ने इजराइल पर हजारों रॉकेट दागे हैं। 

इससे पहले नेतन्याहू ने सैन्य मुख्यालय के दौरे के बाद कहा  था कि वह ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति के सहयोग की बहुत सराहना करते हैं’’, लेकिन ‘‘इजराइल के लोगों को शांति एवं सुरक्षा वापस दिलाने के लिए’’ देश अभियान जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि वह ‘‘अभियान का मकसद पूरा होने तक उसे जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं’’। नेतन्याहू के इस बयान से कुछ ही देर पहले बाइडन ने उनसे ‘‘तनाव में महत्वपूर्ण कमी’’ लाने की अपील की थी। दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बारे में व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान के अनुसार, यह अमेरिका के किसी सहयोगी पर बाइडन की तरफ से डाला गया अब तक का सबसे कठोर सार्वजनिक दबाव है। इसमें कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में नेतन्याहू से ‘‘युद्धविराम के रास्ते’’ की तरफ बढ़ने को कहा।

इजराइल और हमास के बीच लड़ाई 10 दिन पहले तब शुरू हुई थी जब उग्रवादी समूह ने यरुशलम पर लंबी दूरी के रॉकेट दागे। इससे पहले अल-अक्सा मस्जिद में फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों और इजराइली पुलिस के बीच झड़पों से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी। इसके बाद इजराइल ने हमास को निशाना बनाते हुए सैकड़ों हवाई हमले किए। हमास और अन्य उग्रवादी समूहों ने इजराइली शहरों पर 4,000 से अधिक रॉकेट दागे हैं। 

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक 64 बच्चों और 38 महिलाओं समेत कम से कम 227 फलस्तीनी मारे गए हैं और 1,620 लोग घायल हुए हैं। हमास और इस्लामिक जिहाद ने अपने कम से कम 20 लड़ाकों के मारे जाने की बात कही है जबकि इजराइल का कहना है कि उग्रवादी संगठनों के कम से कम 130 लड़ाके मारे गए हैं। युद्ध के चलते करीब 58,000 फलस्तीनी अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं। हमास के हमलों में इजराइल में पांच साल के एक लड़के, 16 साल की एक लड़की और एक सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हुई है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इजराइली हमलों में कम से कम 18 अस्पताल और क्लिनिक नष्ट हुए हैं। वहीं, इजराइल के नेता विपक्ष ने नेतन्याहू पर गाजा पट्टी में फलस्तीनी उग्रवादियों से ठीक ढंग से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाया। येश आतिद पार्टी के नेता याइर लैपिड ने शुक्रवार को फेसबुक पर लिखा कि नेतनयाहू सरकार गाजा पट्टी को लेकर ठोस रणनीति बनाने में विफल साबित हुई है और उसने बाइडन प्रशासन के साथ संबंध खराब कर लिए हैं। 

इनपुट-भाषा

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