Saturday, April 27, 2024
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बाइडेन और शी जिनपिंग की मुलाकात से क्या प्रभावित होगी भारत-अमेरिका स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप?...बैठक पर है फोरम की पैनी नजर

भारत और अमेरिका की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन के बीच आज सैन फ्रांसिस्को में अहम बैठक होने जा रही है। इस पर भारत की पैनी नजर है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि अमेरिका भारत के साथ अपने रणनीतिक साझेदार होने की बात को ध्यान में रखकर ही चीन से कोई डील करेगा।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: November 15, 2023 12:20 IST
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : AP चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (फाइल)

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के बीच सैन फ्रांसिस्को में आज प्रस्तावित शिखर बैठक को भारत-अमेरिका स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के लिहाज से अहम माना जा रहा है। यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है, जब भारत और अमेरिका के रिश्ते मजबूत संबंधों की गहराई के नए दौर में हैं। मगर इसी बीच अब अमेरिका और चीन की बढ़ती नजदीकी ने भारत-अमेरिका स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम को भी चिंता में डाल दिया है। बाइडेन और शी जिनपिंग के बीच बैठक के बाद आने वाले नतीजों पर फोरम की पैनी नजर है। एक शीर्ष भारत-केंद्रित व्यापार और रणनीतिक समूह के प्रमुख ने कहा कि भारत जैसे प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी इसके नतीजों पर बहुत करीब से नजर रखेंगे। 
 
अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं सहयोग मंच (यूएसआईएसपीएफ) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मुकेश अघी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच संवाद शुरू होना महत्वपूर्ण है। बाइडन और शी के बीच बहुप्रतीक्षित शिखर बैठक बुधवार को एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन से इतर होगी, जिसकी मेजबानी अमेरिका 11 से 17 नवंबर तक सैन फ्रांसिस्को में कर रहा है। अघी ने कहा, “मुझे लगता है कि यह शिखर बैठक न सिर्फ राष्ट्रपति बाइडन के दृष्टिकोण से, बल्कि राष्ट्रपति शी के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

संकट से गुजर रही चीन की अर्थव्यवस्था

चीन की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से गुजर रही है। उसकी विकास यात्रा में कुछ मुद्दे हैं, बेरोजगारी है।” उन्होंने कहा, “वहीं अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं और दो युद्ध भी जारी हैं-एक पश्चिम एशिया में और एक यू्क्रेन में। इसलिए उसे एक ऐसे चीन की जरूरत है, जो स्थिर हो, उसे एक ऐसे चीन की जरूरत है, जो सहयोगात्मक हो। क्या ऐसा होगा? हम नहीं जानते, लेकिन मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों के बीच संवाद शुरू हो रहा है।” अघी ने कहा, “अब भारत के नजरिये से, मुझे लगता है कि दो कमजोर नेता एक साथ आ रहे हैं। वहीं, आपके पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं, जो इस समय एक मजबूत नेता हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि भारत इस पर करीबी नजर रखेगा, क्योंकि इसका भू-राजनीतिक रूप से या हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की स्थिति पर प्रभाव पड़ता है। हम एक ही समय में सभी सर्वोत्तम परिणामों की कामना करते हैं। भारत इस पर बहुत गंभीरता से नजर रखेगा।” अघी ने जोर देकर कहा कि भारत-अमेरिका संबंध ‘‘बहुत मजबूत’’ हैं, गतिशील हैं और सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। (भाषा) 

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