Sunday, June 15, 2025
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पाकिस्तान की अक्ल आने लगी ठिकाने, विदेश मंत्री डार ने कहा-"भारत के साथ मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता जरूरी"

पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर किए जाने के बाद पड़ोसी देश की अक्ल दुरुस्त होने लगी है। अब बड़बोला पाकिस्तान भारत के साथ वार्ता की वकालत करने लगा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत के साथ मुद्दों के समाधान के लिए समग्र वार्ता की आवश्यकता बताई है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : May 16, 2025 14:46 IST, Updated : May 16, 2025 14:46 IST
इशाक डार, पाकिस्तान के विदेश मंत्री।
Image Source : AP इशाक डार, पाकिस्तान के विदेश मंत्री।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान को भारत के सख्त एक्शन के बाद अक्ल आने लगी है। पाक विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने भारत के साथ विवादास्पद मुद्दों के समाधान के लिए एक बार फिर "समग्र वार्ता" की वकालत की है। डार का यह बयान ऐसे समय आया है, जब भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि पाकिस्तान से कोई बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से संबंधित मुद्दों पर ही होगी। पाकिस्तानी सीनेट में बृहस्पतिवार को डार ने कहा, "भारत के साथ संघर्ष विराम 18 मई तक बढ़ा दिया गया है, लेकिन अंततः समस्याओं का हल राजनीतिक वार्ता से ही निकलेगा।"

बता दें कि भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई के तहत 6-7 मई की रात 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इस दौरान भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले करने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों देशों के बीच 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी।

भारत-पाकिस्तान के बीच 18 मई को होगी अगली वार्ता

डार ने कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दिया है कि वह भारत के साथ समग्र संवाद को तैयार है। उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) के बीच अगला संपर्क 18 मई को होगा। 

बातचीत का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 में समग्र वार्ता की शुरुआत हुई थी, जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ थे। हालांकि, 2008 में मुंबई हमलों के बाद यह प्रक्रिया पूरी तरह पटरी से उतर गई और अब तक पुनः औपचारिक तौर पर बहाल नहीं हो सकी।

सिंधु जल संधि और चेतावनी

डार ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने की संभावना पर भी टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर भारत ने पाकिस्तान का पानी रोकने की कोशिश की तो इसे 'युद्ध की कार्रवाई' माना जाएगा।” इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी भारत को बातचीत की पेशकश करते हुए कहा था कि पाकिस्तान शांति और स्थिरता के लिए संवाद को तैयार है। भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद दोनों देशों के रिश्तों में आए तनाव के बीच पाकिस्तान की ओर से यह वार्ता का प्रस्ताव कूटनीतिक मोर्चे पर नरमी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, भारत का रुख अब भी सख्त बना हुआ है और वह आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई की मांग पर अडिग है।  (भाषा)

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