
ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले की रूस ने कड़ी निंदा की। रूस ने इस कार्रवाई को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है। रूस के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि यह विशेष रूप से चिंताजनक है कि यह हमला एक ऐसे देश द्वारा किया गया जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।
क्या ट्रंप से बात करेंगे पुतिन?
रूस ने इस हमले को क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया और सभी पक्षों से संयम बरतने और तनाव कम करने का आग्रह किया है। रूस की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप को फोन करने की कोई तत्काल योजना नहीं है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, "ऐसी कोई योजना नहीं है।" हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि जरूरत पड़ने पर फोन कॉल की व्यवस्था तुरंत की जा सकती है।
हमले के बाद अमेरिका की चेतावनी
अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज़ परमाणु स्थलों पर हमला किया है, जिसका उद्देश्य देश के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करना है। यह हमला शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात को हुआ, जब अमेरिका ने इजराइल के समर्थन में ईरान के इन परमाणु स्थलों पर बमबारी की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है तो और हमले किए जाएंगे।
"ट्रंप के हमले का कोई आधार या औचित्य नहीं था"
रूसी संसद ड्यूमा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष, सांसद लियोनिद स्लटस्की का मानना है कि सैन्य दृष्टिकोण से ईरान पर ट्रंप के हमले का कोई आधार या औचित्य नहीं था। स्लटस्की ने पत्रकारों से कहा कि ट्रंप को इराक की तरह ही तेहरान में भी शासन परिवर्तन के परिदृश्य में घसीटा गया है।
क्या ईरान परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा?
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा, क्योंकि उनका मानना है कि अमेरिकी हमलों से उसकी महत्वपूर्ण संरचना पंगु नहीं हुई है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख मेदवेदेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा, "अमेरिकियों ने ईरान में तीन स्थलों पर हमला करके क्या हासिल किया है? ऐसा लगता है कि परमाणु चक्र की महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हुआ है या बहुत कम हुआ है।" (इनपुट- भाषा)
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