Saturday, December 20, 2025
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Year Ender: 2025 में किन-किन देशों के बीच शुरू हुए नए युद्ध, जो लंबे खिंचते तो जा सकती थी हजारों लोगों की जान

साल 2025 में कई महाशक्तिशाली देशों के बीच नये युद्ध शुरू हुए। हालांकि यह चंद दिनों में ही थम गए, वरना भयानक तबाही हो सकती थी। इनमें भारत-पाकिस्तान, ईरान-इजरायल और थाईलैंड-कंबोडिया युद्ध शामिल हैं।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 20, 2025 07:05 pm IST, Updated : Dec 20, 2025 07:08 pm IST
इजरायल-ईरान युद्ध से जुड़ी फाइल फोटो।- India TV Hindi
Image Source : AP इजरायल-ईरान युद्ध से जुड़ी फाइल फोटो।

Year Ender 2025: वैसे तो रूस-यूक्रेन से लेकर इजरायल-हमास, इजरायल-हिजबुल्ला, कांगो-रवांडा जैसे देशों के बीच युद्ध अभी भी जारी हैं। इसके साथ ही सूडान जैसे पश्चिमी अफ्रीकी देश भयानक गृहयुद्ध की चपेट में हैं, लेकिन आइये अब आपको बताते हैं कि साल 2025 में किन-किन देशों के बीच नये युद्ध शुरू हुए, जो अगर लंबे खिंचते तो हजारों लोगों की मौत हो सकती थी। इन नये युद्धों के आरंभ होने का क्या कारण था और क्या ये युद्ध पूरी तरह ठप हो गए हैं या फिर दोबारा कभी भी संघर्ष की आग भड़क सकती है। 

साल 2025 में इन देशों के बीच शुरू हुए नये युद्ध

2025 में वैश्विक स्तर पर कई नए सशस्त्र संघर्ष शुरू हुए। इसकी वजह मुख्य रूप से क्षेत्रीय विवाद, आतंकवाद और परमाणु महत्वाकांक्षाओं से प्रेरित थे। इनमें से प्रमुख रूप से तीन अंतरराष्ट्रीय युद्ध उल्लेखनीय हैं। 

  1. ईरान-इज़राइल युद्ध 
  2. भारत-पाकिस्तान युद्ध
  3. कंबोडिया-थाईलैंड युद्ध

नये युद्धों के शुरू होने की क्या थी प्रमुख वजह

साल 2025 में शुरू हुए ये इन नये संघर्षों ने दुनिया में अस्थिरता को और भी ज्यादा बढ़ा दिया। इन युद्धों में परमाणु हमले का खतरा, जन-हानि और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप प्रमुख थे। इन युद्धों के शुरू होने की वजहें अलग-अलग थीं। आइये आपको एक के बाद एक समझाते हैं कि इजरायल-ईरान, भारत-पाकिस्तान और थाईलैंड-कंबोडिया युद्ध शुरू होने के क्या कारण थे। 

ईरान-इजरायल युद्ध

ईरान-इज़राइल युद्ध को ट्वेल्व-डे वॉर भी कहा जाता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच जून 2025 में शुरू हुआ यह युद्ध 12 दिन तक चला था। इस दौरान इजरायल 12-13 जून को ईरान के परमाणु सुविधाओं, मिसाइल ठिकानों और सैन्य अड्डों पर घातक हमले किये।  इज़राइल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत 200 से अधिक लड़ाकू विमानों से ईरान में इतिहास का सबसे बड़ा हमला किया। इस हमले में ईरान के नतांज, फोर्डो और इस्फाहान जैसी परमाणु साइटों को निशाना बनाया गया। वहीं ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस-III के माध्यम से 550 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 1,000 से अधिक ड्रोन लॉन्च किए, जो तेल अवीव, येरुशलम और हाइफा पर गिरे। वहीं ईरान ने इससे पहले हमास चीफ याह्या सिनेवार, इस्माइल हानिया और हिजबुल्ला चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या करने के खिलाफ इजरायल पर 180 मिसाइलों से एक साथ हमला करके बड़ी तबाही मचाई थी। इसके बाद इजरायल और ईरान में जंग छिड़ गई। 


अमेरिका ने भी किया ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला

इजरायल और ईरान में भीषण युद्ध छिड़ने के बाद इस जंग में अमेरिका भी कूद गया। इजरायल के साथ अमेरिका ने 22 जून को ईरान की प्रमुख परमाणु साइटों पर स्टील्थ बी-2 बॉम्बर्स से हमले किए। अमेरिका ने 1980 के बाद से ईरान पर पहली बार इतना बड़ा हवाई हमला किया था। इसमें ईरान के नतांज, फोर्डो और इस्फाहान परमाणु ठिकानों को बड़ा नुकसान पहुंचा। बाद में ईरान ने कतर में अमेरिकी एयरबेस पर जवाबी हमला किया। हालांकि यहां ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। इसके बाद अमेरिका ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी।

इससे पहले इजरायल-ईरान युद्ध में 1200 से अधिक लोग मारे गए। इसमें इजरायल में 28 और बाकी मौतें ईरान में हुईं, जिसमें ईरान के परमाणु वैज्ञानिक समेत कई सैन्य अफसर भी शामिल थे। इसके बाद 23-24 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ, लेकिन इस संघर्ष ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को 1-2 वर्ष पीछे धकेल दिया गया। इस युद्ध ने मध्य पूर्व की रणनीति को बदल दिया, ईरान की क्षेत्रीय प्रभाव को कमजोर किया और वैश्विक तेल कीमतों को प्रभावित किया। 

भारत-पाकिस्तान युद्ध

2025 में शुरू हुआ दूसरा नया युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच था, जो मई के महीने में शुरू हुआ। भारत-पाकिस्तान के बीच यह युद्ध 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू हुआ, जिसमें 26 हिंदू पर्यटक मारे गए थे। जवाब में भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 9 ठिकानों पर घातक मिसाइल और हवाई हमला किया। इस हमले में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तान भारत के इस जवाबी हमले से बौखला गया। पाकिस्तान ने भी भारत पर सैकड़ों ड्रोनों और मिसाइलों से जवाबी हमला किया। इस दौरान पाकिस्तान ने भारत के प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया, लेकिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सभी ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम कर दिया। 

भारत ने 9-10 मई की रात पाकिस्तान पर फिर किया बड़ा हमला

भारत के हमले से बौखलाया पाकिस्तान लगातार जब ड्रोन और मिसाइल हमले और एलओसी पर गोलीबारी करता रहा था तो इंडियन आर्मी ने एक और एयरस्ट्राइक कर दी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइल से हमला करके उसे तहस-नहस कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान घुटनों पर आ गया। पाकिस्तान विभिन्न देशों से भारत का हमला रोकवाने की दुहाई करने लगा। बात नहीं बनने पर पाकिस्तान के डीजीएमओ ने खुद भारत के डीजीएमओ को फोन करके बख्श देने की अपील की। इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कर दिया। इस हमले में पाकिस्तान में कम से कम 50 सैनिक और 40 नागरिकों की मौत हुई। साथ ही उसके कम से कम 6 लड़ाकू विमानों को भारत ने मार गिराया। 

कंबोडिया-थाईलैंड युद्ध

2025 में तीसरा युद्ध कंबोडिया-थाईलैंड के बीच शुरू हुआ। इस संघर्ष की वजह दोनों देशों के बीच सीमा विवाद था। यह युद्ध से जुलाई 2025 में भड़का, जो 1904-07 की संधियों से जुड़ा था। 23 जुलाई को एक लैंडमाइन विस्फोट से थाई सैनिक घायल हो गया। इसके अगले ही दिन 24 जुलाई को कंबोडिया ने रॉकेट हमले किए, जिसके जवाब में थाईलैंड ने F-16 से एयरस्ट्राइक की। थाईलैंड ने कंबोडिया के खिलाफ ग्राउंड ऑपरेशन युत्था बोदिन शुरू किया। दोनों पक्षों में इस दौरान आंशिक मौतें और नुकसान हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से दोनों पक्षों में युद्ध विराम हो गया। मगर दिसंबर में यह संघर्ष फिर भड़क उठा। इस दौरान दोनों देशों ने एक दूसरे पर फाइटर जेट, आर्टिलरी, ड्रोन और टैंकों से हमला किया।

थाईलैंड के हमले में कंबोडिया में 50 से अधिक सैनिक और 23 नागरिक मारे गए। वहीं कंबोडिया के जवाबी हमले में थाईलैंड में 32 सैनिक और 24 नागरिकों की मौत हुई। इस युद्ध में अब तक 200,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए। ASEAN और अमेरिका ने दोबारा मध्यस्थता की और इसके बाद संघर्ष थमा, लेकिन विवाद अनसुलझा बना हुआ है। इस प्रकार 2025 में ये तीन नये युद्ध भड़के, जो अगर नहीं रुकते तो लाखों लोगों की मौतें हो सकती थीं। 

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