लंदन: ब्रिटेन की राजधानी लंदन की सड़कों पर मोबाइल फोन छीनने वाले गैंग्स के खिलाफ मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बड़ा ऑपरेशन चलाकर 32 लुटेरों को गिरफ्तार किया है। दो दिन तक चले इस विशेष ऑपरेशन में पुलिस ने 40 हजार फोन स्नैचिंग के मामलों को सुलझाया, 7 दुकानों को सील किया और 5 लाख पाउंड यानी कि लगभग पांच करोड़ रुपये के चोरी के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए। इस ऑपरेशन में पुलिस ने सादी वर्दी में जवानों को तैनात कर लुटेरों को रंगे हाथों पकड़ा और चोरी के फोन बेचने वाली दुकानों पर छापेमारी की।
लंदन में तेजी से बढ़ी हैं फोन स्नैचिंग की घटनाएं
पिछले 4-5 सालों में लंदन में फोन स्नैचिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। 2020 में जहां इसके 28 हजार मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 81 हजार तक पहुंच गया। यानी हर 8 मिनट में लंदन में एक फोन छीना जा रहा है। पूरे ब्रिटेन में होने वाली फोन स्नैचिंग की 75% घटनाएं अकेले लंदन में हो रही हैं। यह अब एक संगठित अपराध का रूप ले चुका है, जिसमें साइकिल, ई-बाइक या स्कूटर पर सवार लुटेरे राह चलते लोगों के फोन छीनकर फरार हो जाते हैं।
लंदन के मशहूर टूरिस्ट स्पॉट्स जैसे वेस्टमिंस्टर, ट्रैफलगर स्क्वायर, मेफेयर, वेस्ट एंड, बकिंघम पैलेस, स्काई गार्डन और सेंट पॉल्स चर्च जैसे इलाकों में ये घटनाएं आम हो गई हैं। खासकर वे टूरिस्ट, जो अपने फोन पर वीडियो बनाते, मैप देखते या कॉल पर बात करते नजर आते हैं, लुटेरों का आसान शिकार बनते हैं। छीने गए फोन ब्लैक मार्केट में 200 से 300 पाउंड (20 से 30 हजार रुपये) में बेचे जाते हैं, जिन्हें बाद में ज्यादातर चीन भेज दिया जाता है।
अपराध रोकने के लिए 'ऑपरेशन ज़ोरिडॉन'
लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने इस बढ़ते अपराध को रोकने के लिए ऑपरेशन ज़ोरिडॉन शुरू किया। इसके तहत 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी सादी वर्दी में लंदन की सड़कों पर आम लोगों के बीच तैनात किए गए। जैसे ही कोई लुटेरा फोन छीनता, पुलिसकर्मी उसका पीछा कर उसे पकड़ लेते। एक घटना में मेफेयर इलाके में एक लुटेरे ने विदेशी टूरिस्ट का फोन छीना, लेकिन आसपास मौजूद सादी वर्दी के पुलिसकर्मियों ने उसे घेरकर दबोच लिया। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का भी सहारा लिया।
ऑपरेशन की शुरुआत तब हुई जब पिछले साल हीथ्रो एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों ने हांगकांग भेजे जा रहे एक हजार चोरी के फोनों का कंसाइनमेंट पकड़ा। इस खुलासे के बाद पुलिस ने जांच तेज की और 2 अफगान नागरिकों को गिरफ्तार किया। इसके बाद एक भारतीय और एक बुल्गारियाई नागरिक भी पकड़े गए। इनसे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने विल्सडन, ब्रोमले, हर्टफोर्डशायर और वूलविच जैसे इलाकों में 120 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसके बाद 40 हजार फोन स्नैचिंग के मामले सुलझाए गए। एक दुकान से अकेले दो हजार से ज्यादा चोरी के फोन बरामद किए गए।
क्या है चोरी के फोन का चीन कनेक्शन?
पुलिस की जांच में पता चला कि ज्यादातर चोरी के फोन चीन भेजे जाते हैं। ब्रिटेन के फोनों में इंटरनेट और ऐप्स चालू रहते हैं, जो चीन में प्रतिबंधित हैं। इस वजह से चीनी खरीदार इन फोनों को कम कीमत में खरीदकर सेंसरशिप से बचते हैं। खासकर महंगे ऐपल फोन, जैसे आईफोन 16 प्रो मैक्स, ब्लैक मार्केट में 4500 से 5500 डॉलर (3.5 से 4.25 लाख रुपये) में बिकते हैं। लुटेरों को प्रति फोन 200-300 पाउंड मिलते हैं, लेकिन बड़े गैंग्स को इससे कई गुना मुनाफा होता है।
लंदन मेट्रो पुलिस के सार्जेंट चैंट्री ने बताया, 'हम सड़कों पर संदिग्धों को रोककर उनकी तलाशी ले रहे हैं। स्थानीय लोगों की शिकायत और पीड़ितों द्वारा ट्रैकिंग के जरिए दी गई जानकारी के आधार पर हम चोरी के फोन बेचने वाली दुकानों पर छापेमारी कर रहे हैं। कई बार हमें चोरी के फोन की लोकेशन पीड़ितों से मिलती है, जिसके बाद हम कार्रवाई करते हैं।'
लंदन में बढ़ता अपराध और अवैध प्रवासी
लंदन में फोन स्नैचिंग और दुकानों से चोरी यानी कि शॉपलिफ्टिंग की घटनाएं बढ़ने का एक कारण अवैध प्रवासियों की बढ़ती संख्या को भी माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अफगानिस्तान, सीरिया, पूर्वी यूरोप और दक्षिण एशिया से आए कई अवैध प्रवासी अपराध की दुनिया में शामिल हो रहे हैं। गिरफ्तार 32 लुटेरों में सभी विदेशी नागरिक हैं। लंदन के मेयर सादिक खान पर अवैध प्रवासियों को बढ़ावा देने के आरोप भी लग रहे हैं।
लंदन पुलिस ने ऑपरेशन ज़ोरिडॉन के तहत न केवल फोन स्नैचिंग, बल्कि शॉपलिफ्टिंग पर भी शिकंजा कसा है। पिछले एक हफ्ते में 120 से ज्यादा दुकानों पर छापेमारी कर ब्रैंडेड सामान, पैकेज्ड फूड, मेकअप और इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए गए। 9 दुकानों को बंद करने का नोटिस दिया गया और करीब 3 दर्जन शॉपलिफ्टिंग के आरोपी गिरफ्तार किए गए। पुलिस अब इनके दस्तावेज भी जांच रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या ये अवैध रूप से ब्रिटेन में दाखिल हुए हैं।
लंदन के पॉश इलाको में भी लूटपाट की घटनाएं
लंदन की व्यस्त सड़कों, जैसे ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट और मेफेयर जैसे पॉश इलाकों में भी लूटपाट आम हो गई है। मोटरबाइक पर आए लुटेरे फोन, पर्स और घड़ियां छीन लेते हैं। विरोध करने पर लोग हिंसा का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में एक महिला का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पर्स न देने पर लुटेरों ने उनका चेहरा बुरी तरह जख्मी कर दिया, जिसके लिए उन्हें प्लास्टिक सर्जरी करानी पड़ी। डोरचेस्टर जैसे प्रतिष्ठित होटल के गेटकीपर भी मेहमानों को सलाह देते हैं कि मोबाइल, पर्स और गहने जेब में रखें।
स्थानीय लोगों और टूरिस्टों में इस बात का डर है कि लूटपाट की घटनाएं इतनी आम हो गई हैं कि पुलिस भी इनकी शिकायत दर्ज करने से कतराती है। हालांकि, भारी राजनीतिक दबाव और टूरिस्टों के लंदन से कतराने के बाद पुलिस ने यह बड़ा कदम उठाया है। लंदन मेट्रो पुलिस के एक अन्य सार्जेंट ने बताया, 'दिसंबर 2024 में हीथ्रो एयरपोर्ट पर एक हजार से ज्यादा चोरी के फोन पकड़े गए। जांच में पता चला कि यह एक संगठित अपराध का हिस्सा है। चोरी के फोन विदेशों में निर्यात किए जा रहे हैं, जिसमें बड़े गैंग्स शामिल हैं। खासकर ऐपल के फोन चोरों के निशाने पर हैं, क्योंकि इनसे भारी मुनाफा होता है।'
कई अपराधी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
पुलिस ने अभी तक चोरी का सामान और कई लुटेरों को पकड़ा है, लेकिन कई अपराधी अब भी फरार हैं। लंदन पुलिस का कहना है कि ऑपरेशन ज़ोरिडॉन को और तेज किया जाएगा ताकि लंदन की सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके। स्थानीय लोग और टूरिस्ट उम्मीद कर रहे हैं कि पुलिस का यह अभियान अपराधियों पर पूरी तरह लगाम कसेगा।




