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UNSC में भारत ने पहली बार दिया गाजा को लेकर बड़ा बयान, चौंक जाएगा अमेरिका और नेतन्याहू भी होंगे हैरान

भारत ने गाजा युद्ध के चलते जारी मानवीय संकटों पर बड़ी चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही गाजा में तत्काल पूर्ण युद्ध विराम किए जाने की मांग की है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jul 24, 2025 09:46 am IST, Updated : Jul 24, 2025 09:46 am IST
यूएनएससी (फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP यूएनएससी (फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: इजरायल और हमास युद्ध के चलते गाज़ा में जारी मानवीय संकट गहराता ही जा रहा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने पहली बार गाजा में जारी युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसे सुनकर अमेरिका भी चौंक जाएगा और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी हैरान हो सकते हैं। भारत ने गाजा में पैदा हुए मानवीय संकटों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने का आह्वान किया है।

छिटपुट युद्ध विराम से नहीं चलेगा काम

भारत ने यूएनएससी में स्पष्ट रूप से कहा, केवल "छिटपुट रूप से शत्रुता रोकने" से काम नहीं चलने वाला है, क्योंकि इससे क्षेत्र के लोगों को जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वे दूर नहीं हो सकतीं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने बुधवार को यूएन सुरक्षा परिषद में ‘मध्य पूर्व की स्थिति, जिसमें फिलिस्तीन प्रश्न शामिल है’ विषय पर खुली बहस के दौरान यह बात कही। हरीश ने कहा, "आज की यह बैठक गाज़ा में जारी गंभीर मानवीय संकट की पृष्ठभूमि में हो रही है। छिटपुट विराम उन मानवीय चुनौतियों का समाधान नहीं कर सकते जिनका सामना वहां के लोग प्रतिदिन कर रहे हैं जैसे भोजन और ईंधन की गंभीर कमी, अपर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं और शिक्षा तक पहुंच न होना।”

भारत ने अपनी नीति से कराया दुनिया को अवगत

हरीश ने आगे कहा कि इस स्थिति से निपटने का रास्ता बिलकुल क्लियर है और भारत की स्थिर व स्पष्ट नीति रही है कि "जारी मानवीय पीड़ा को और जारी नहीं रहने देना चाहिए। मानवीय सहायता को सुरक्षित, निरंतर और समयबद्ध तरीके से पहुंचाने की ज़रूरत है। शांति का कोई विकल्प नहीं है।

इसलिए तत्काल युद्धविराम लागू होना चाहिए। सभी बंधकों को रिहा किया जाना चाहिए। संवाद और कूटनीति ही इन लक्ष्यों को प्राप्त करने का एकमात्र टिकाऊ रास्ता है।"

भारत-फिलिस्तीन के गहरे संबंध

उन्होंने आशा व्यक्त की कि आगामी संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन इस दिशा में व्यावहारिक कदमों का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे दो-राष्ट्र समाधान को वास्तविकता में बदला जा सके। यह बैठक पाकिस्तान की अध्यक्षता में हुई, जो जुलाई महीने के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है। हरीश ने कहा कि भारत और फिलिस्तीन के बीच ऐतिहासिक और गहरे संबंध हैं। “हम हमेशा फिलिस्तीनी भाइयों-बहनों के साथ खड़े रहे हैं और फिलिस्तीनी उद्देश्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है।” (पीटीआई)

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