Friday, April 26, 2024
Advertisement

Explained: फतवा, जान से मारने की धमकी और अंडरग्राउंड... एक किताब ने कैसे बदली सलमान रुश्दी की जिंदगी? अब कौन से लेखक बन सकते हैं निशाना

The Satanic Verses-Salman Rushdie: रुश्दी की गर्दन पर और पेट में चाकू से हमला किया गया। वह वेंटिलेटर पर थे, फिलहाल उन्हें वेटिंलेटर से हटा दिया गया है, और उनके लीवर को नुकसान पहुंचा है। इस हमले ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है।

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: August 14, 2022 12:23 IST
Salman Rushdie- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Salman Rushdie

Highlights

  • सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हुआ हमला
  • किताब की वजह से खतरे में थी जान
  • ईरान ने जारी किया हुआ था मौत का फतवा

The Satanic Verses: ‘बुकर पुरस्कार’ पाने के बाद दुनियाभर के दिग्गज साहित्यकारों में शुमार हुए लेखक सलमान रुश्दी को उनकी एक किताब के कारण ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा जारी फतवे के चलते वर्षों मौत के भय के साए में जीने और छुपकर रहने को मजबूर होना पड़ा। मुंबई में जन्मे रुश्दी को उनके जीवन एवं लेखन को परिभाषित करने वाली जिस अनूठी विशेषता के कारण सराहा जाता है, उसी की वजह से उनके कई आलोचक हैं और वह विशेषता है-‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थक होना।’ 

रुश्दी की किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ को लेकर ईरान के तत्कालीन (अब दिवंगत) सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रूहोल्ला खामनेई ने उन्हें (रुश्दी को) जान से मारने का एक फतवा जारी किया था। इसके 33 से अधिक साल बाद रुश्दी (75) पर पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान उस समय एक व्यक्ति ने चाकू से हमला कर दिया, जब वह अपना व्याख्यान शुरू करने वाले थे। प्राधिकारियों ने हमलावर की पहचान न्यूजर्सी निवासी 24 वर्षीय हदी मतार के रूप में की है, लेकिन उन्हें हमले के पीछे के मकसद की अभी जानकारी नहीं है।

वेंटिलेटर से हटाया गया है

रुश्दी की गर्दन पर और पेट में चाकू से हमला किया गया। वह वेंटिलेटर पर थे, अब उन्हें वेटिंलेटर से हटा दिया गया है, और उनके लीवर को नुकसान पहुंचा है। इस हमले ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है। दुनियाभर के नेताओं एवं साहित्य जगत के दिग्गजों ने कहा है कि वे रुश्दी पर हमले से स्तब्ध हैं। अहमद सलमान रुश्दी का जन्म बंबई (अब मुंबई) के कश्मीरी मुसलमान परिवार में 19 जून, 1947 को हुआ था। इसी साल भारत को ब्रितानी शासन से आजादी मिली थी। रुश्दी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले वकील अनीस अहमद रुश्दी और शिक्षिका नेगिन भट्ट के पुत्र हैं।

Salman Rushdie Book

Image Source : INDIA TV
Salman Rushdie Book

रुश्दी ने 14 किताब लिखी हैं: ‘ग्राइमस’, ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’, ‘शेम’, ‘द सैटेनिक वर्सेज’, ‘हारून एंड द सी ऑफ स्टोरीज’, ‘द मूअर्स लास्ट साई’, ‘द ग्राउंड बिनीथ हर फीट’, ‘फ्यूरी’, ‘शालीमार द क्लाउन’, ‘द एन्चेन्ट्रेस ऑफ फ्लॉरेंस’, ‘ल्यूका एंड द फायर ऑफ लाइफ’, ‘टू ईयर्स एट मंथ्स एंड ट्वंटी एट नाइट्स’, ‘द गोल्डन हाउस’ और ‘क्विचोटे’। उन्होंने ‘जोसेफ एण्टन’ नाम से एक संस्मरण लिखा। उन्होंने छुपकर रहने के दौरान अपने लिए इसी छद्म नाम का इस्तेमाल किया था।

1981 में प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार मिला

ब्रितानी शासन से स्वतंत्रता और देश के विभाजन तक के भारत के सफर की पृष्ठभूमि पर आधारित ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ के लिए उन्हें 1981 में प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार ने उन्हें दुनिया भर के साहित्य जगत में नई पहचान दी, लेकिन कुछ ही वर्षों बाद 1988 में प्रकाशित ‘द सैनेटिक वर्सेस’ के कारण ईरान के सर्वोच्च नेता ने उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया। 

विवादित किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ ईरान में 1988 से प्रतिबंधित है। कई मुसलमानों का मानना है कि रुश्दी ने इस पुस्तक के जरिए ईशनिंदा की है। ईरान ने रुश्दी की हत्या करने वाले को 30 लाख डॉलर से अधिक का इनाम देने की भी घोषणा की थी। यह उपन्यास भी बुकर पुरस्कार के लिए चयनित किए गए उपन्यासों की अंतिम सूची में जगह बनाने में कामयाब रहा था। इस किताब के कारण रुश्दी को नौ साल तक छुपकर रहना पड़ा। फतवा जारी होने के बाद रुश्दी ब्रिटिश पुलिस के संरक्षण में एक कड़ी सुरक्षा वाले आवास में रहे।

Salman Rushdie Book

Image Source : INDIA TV
Salman Rushdie Book

कई देशों में बैन की गई किताब

रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी होने से पहले ही यह किताब कई देशों में प्रतिबंधित कर दी गई थी और इन देशों में उनकी जन्मभूमि भारत भी शामिल था। भारत में एक दशक से अधिक समय तक उनके प्रवेश पर प्रतिबंध रहा। इस प्रतिबंध को 11 साल बाद 1999 में हटा दिया गया। इसके अलावा बांग्लादेश और श्रीलंका ने भी किताब पर प्रतिबंध लगाया दिया था। ‘अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स’ के सदस्य और ‘डिस्टिंग्विश्ड राइटर इन रेजीडेंस एट न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी’ रुश्दी ‘पेन अमेरिकन सेंटर’ के पूर्व अध्यक्ष भी हैं।

‘साहित्य की सेवा’ के लिए उन्हें 2007 में नाइट की उपाधि दी गई थी। उन्हें 1999 में फ्रांस के ‘कमांडर डी एल’ऑर्द्रे देस आर्ट्स एट देस लेट्रेस’ नियुक्त किया गया था। रुश्दी को यूरोपीय संघ के अरिस्टियन पुरस्कार, ब्रिटेन एवं जर्मनी के ‘ऑथर ऑफ द ईयर’ पुरस्कारों, भारत के क्रॉसवर्ड बुक अवॉर्ड, लंदन इंटरनेशनल राइटर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन के जेम्स जॉयस पुरस्कार, सेंट लुइस साहित्यिक पुरस्कार, शिकागो पब्लिक लाइब्रेरी के कार्ल सैंडबर्ग पुरस्कार और एक यूएस नेशनल आर्ट्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

रुश्दी पर हमले की संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से लेकर अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और ब्रिटेन के निवर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन समेत दुनिया भर के नेताओं ने निंदा की है।

अब कौन से लेखक हो सकते हैं निशाना?

जेके रोलिंग ने भी शनिवार को ट्विटर पर रुश्दी के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया। लेकिन एक ईरानी समर्थक कट्टरपंथी ट्रोल ने उन्हें धमकी देते हुए कहा- 'अगला नंबर आपका है'। ब्रिटिश लेखक को यह धमकी पाकिस्तान के कराची शहर के रहने वाले मीर आसिफ अजीज ने दी है। डच सांसद गिर्ट वाइल्डर्स को भी इसी तरह की धमकी मिली है। ट्विटर पर मीर आसिफ खुद को 'छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक कार्यकर्ता और शोध कार्यकर्ता' बताता है। खुद को छात्र बताने वाले मीर आसिफ सोशल मीडिया पर इजराइल और भारत को लेकर भद्दे और भड़काऊ ट्वीट करता है।

हैरी पॉटर लिखने वाली रोलिंग 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' की समर्थक हैं। रोलिंग ने कहा कि जब उन्हें ट्विटर पर धमकी मिली, तो सोशल मीडिया कंपनी ने उन्हें बताया कि कट्टरपंथी ने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। धमकी देने वाला अजीज ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का समर्थक है, जो अक्सर अपने धमकी भरे ट्वीट्स में इजरायल को निशाना बनाता है। रोलिंग ने शनिवार रात रुश्दी पर हुए हमले के बारे में अपने ट्वीट में लिखा, 'भयानक खबर, इस समय बहुत परेशान हूं, वह ठीक हो जाने चाहिए।' रुश्दी पर 1988 की एक किताब द सैटेनिक वर्सेज को लेकर हमला किया गया है, जिसके कारण उन पर "इस्लाम का अपमान करने" का आरोप लगाया गया था और ईरान के सर्वोच्च नेता ने उनके खिलाफ "मौत का फतवा" जारी किया था। 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement