Saturday, April 27, 2024
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निज्जर की हत्या पर जस्टिन ट्रूडो ने बिना सोचे समझे भारत पर क्यों लगाया था आरोप, अब खुद किया खुलासा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप बिना जांच के भारत पर लगा दिया था। यह आरोप उन्होंने बिना सोचे समझे क्यों लगा दिया था। इस बारे में ट्रूडो ने अब जाकर खुलासा किया है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: December 14, 2023 7:03 IST
जस्टिन ट्रूडो- India TV Hindi
Image Source : FILE जस्टिन ट्रूडो

Justin Trudeau on India: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बिना सोचे समझे भारत सरकार पर हत्या का आरोप मढ़ दिया था। इस पर उनकी चारों ओर तीखी आलोचना हुई। भारत ने भी करारा जवाब देकर ट्रूडो को कड़ी नसीहत दी थी। बिना जांच के गैर जिम्मेदाराना बयान पर वे अपने ही देश में घिरे कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अब जाकर बड़ा खुलासा किया है कि उन्होंने निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर क्यों लगाया था?

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि खालिस्तान समर्थक एक अलगाववादी नेता की हत्या में भारत सरकार के संभावित संबंध के बारे में सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने के उनके निर्णय का मकसद उन्हें ऐसी कार्रवाई को दोहराने से रोकना था। ट्रूडो ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट ‘संभावित’ रूप से संलिप्त हैं।

ट्रूडो के आरोप के बाद से ही भारत कनाडा संबंधों में आई थी दरार

इस आरोप के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में खटास आ गई थी। ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को निज्जर की हत्या कर दी गई थी। भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। भारत ने ट्रूडो के आरोप को ‘बकवास’ और ‘राजनीति से प्रेरित’ करार दिया था। कनाडा की समाचार एजेंसी ‘द केनेडियन प्रेस’ के साथ एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने 18 सितंबर को इस बारे में घोषणा करने का निर्णय लिया था क्योंकि उन्हें लगता था कि यह सूचना मीडिया के जरिये आखिरकार सामने आ ही जाएगी। 

क्या था भारत पर बिना जांच आरोप लगाने का मकसद, जानें क्या बोले ट्रूडो

प्रधानमंत्री ने कहा कि उस दिन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में उन्होंने जो संदेश दिया था, उसका मकसद कनाडा को सुरक्षित रखने के लिए ‘प्रतिरोध के स्तर को बढ़ाना’ था। ट्रूडो ने दावा किया कि कई सप्ताह तक ‘शांत कूटनीति’ के बाद उनका सार्वजनिक बयान सामने आया था और इस कूटनीति में शीर्ष स्तर पर भारत के साथ इन आरोपों को उठाया गया था।

उन्होंने कहा, ‘हमें पता था कि यह कठिन संवाद होगा लेकिन हमें यह भी मालूम था कि जी20 के साथ विश्व मंच पर अपने नेतृत्व का प्रदर्शन करना भारत के लिए एक अहम पल है। और हमने महसूस किया कि हम उसे साथ मिलकर काम करने के मौके के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। बहुत सारे कनाडाई इस बात से चिंतिंत थे कि उन पर खतरा मंडरा रहा है।’

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