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हैती में अमेरिका और पनामा क्यों भेजना चाहते हैं 5,550 सैनिक, UN में दिया प्रस्ताव

हैती में लगातार बढ़ती हिंसा और अपराध पर काबू पाने के लिए अमेरिका और पनामा ने संयुक्त राष्ट्र के सामने एक विशेष प्रस्ताव रखा है। इसमें हैती के लिए 5500 शसस्त्र सैनिकों को भेजने की अपील की गई है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Sep 04, 2025 11:03 am IST, Updated : Sep 04, 2025 11:03 am IST
हैती (फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : AP हैती (फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: अमेरिका और पनामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से हैती में हिंसा और आपराधिक गिरोहों पर काबू पाने के लिए 5,550 सदस्यों वाले एक सशस्त्र सुरक्षा बल को मंजूरी देने का आग्रह किया है। प्रस्तावित बल को गिरोह के सदस्यों को हिरासत में लेने और गिरफ्तार करने की शक्तियां भी प्राप्त होंगी।

बुधवार को 'एसोसिएटेड प्रेस' को प्राप्त छह-पृष्ठीय मसौदा प्रस्ताव में यह सुझाव दिया गया है कि वर्तमान में हैती में तैनात केन्या के नेतृत्व वाला बहुराष्ट्रीय बल पर्याप्त नहीं है और उसे एक बड़े, अधिक प्रभावी बल में बदले जाने की आवश्यकता है।

वर्तमान स्थिति और चुनौतियां

केन्या का पहला सैन्य दल जून 2024 में हैती पहुंचा था, जिसमें 2,500 सैनिकों की योजना थी। हालांकि वित्तीय संकट के चलते इस समय बल की संख्या 1,000 से भी कम है। 2021 में राष्ट्रपति जोवेनेल मोइस की हत्या के बाद से हैती में गिरोहों की ताकत तेजी से बढ़ी है। वे अब राजधानी पोर्ट-ऑ-प्रिंस के 90% हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं और उनकी गतिविधियां अब ग्रामीण इलाकों तक फैल गई हैं, जिनमें लूट, अपहरण, यौन उत्पीड़न और बलात्कार शामिल हैं। राष्ट्रपति की हत्या के बाद से देश में कोई स्थायी सरकार नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव का उद्देश्य

अमेरिका और पनामा ने इस मसौदा प्रस्ताव में सदस्य देशों से आग्रह किया है कि वे हैती सरकार के सहयोग से अगले 12 महीनों के लिए इस नए बल की तैनाती की अनुमति दें। प्रस्तावित बल में 5,500 सशस्त्र जवान, 50 नागरिक विशेषज्ञ, जिनका वेतन स्वैच्छिक योगदान से दिया जाएगा, शामिल होंगे। 

गिरोहों की ताकत के आगे सुरक्षा अपर्याप्त

यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस के उस आकलन को प्रस्ताव में दोहराया गया है, जिसमें कहा गया था कि मौजूदा बल गिरोहों की बढ़ती ताकत के मुकाबले पर्याप्त नहीं है। 28 अगस्त को कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत डोरोथी शी ने इस प्रस्ताव की घोषणा करते हुए इसे "गिरोह दमन बल" की संज्ञा दी थी।

क्या करेंगे सुरक्षाबल?

गिरोहों को निशाना बनाकर अभियान चलाना, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, स्कूलों और अस्पतालों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा करना, हैती पुलिस और सेना के साथ सहयोग करना, हथियारों की तस्करी और गैरकानूनी गतिविधियों पर नियंत्रण करना शामिल है। (भाषा)

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